छात्रों और उनके माता-पिता से पीएम मोदी ने की बात, कहा- भारत का युवा पॉजिटिव भी है और प्रैक्टिकल भी

PM Modi
अंकित सिंह । Jun 3 2021 7:58PM

अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना एक वैश्विक महामारी है, पिछली शताब्दी में कभी ऐसा संकट नहीं आया है, पिछली 4-5 पीढ़ी में किसी ने सुना नहीं, ऐसा हम लोगों के कालखंड में आया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सीबीएसई के छात्रों और उनके माता-पिता के साथ बातचीत की। अपनी बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि आप सबसे बात करके मेरा ये विश्वास और दृढ़ हुआ है कि भारत का युवा पॉजिटिव भी है और प्रैक्टिकल भी है। Negative thoughts की जगह आप लोग हर Difficulty और Challenge को भी अपनी ताकत बना लेते हैं। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि ये अपनापन मेरे लिए बहुत खुशी की बात है। ये अनुभव मेरे लिए बहुत आनंददायक है कि मैं देश के इतने कोनो में बैठे हुए बच्चों के साथ इतनी सहजता से बात कर पा रहा हूं।

अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना एक वैश्विक महामारी है, पिछली शताब्दी में कभी ऐसा संकट नहीं आया है, पिछली 4-5 पीढ़ी में किसी ने सुना नहीं, ऐसा हम लोगों के कालखंड में आया है। लेकिन फिर भी हर हिंदुस्तानी की एक ही आवाज है कि हम इसको भी हराएंगे, इससे भी निकलेंगे और नई ऊर्जा के साथ देश को आगे ले जाएंगे। अचानक बातचीत के दौरान पीएम मोदी छात्रों से खुलकर बात की, उनसे उनके शौक और व्यायाम की दिनचर्या के बारे में पूछा। सीबीएसई कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा रद्द करने के लिए छात्रों ने उन्हें धन्यवाद दिया। 

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आपको बता दें कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर के मद्देनजर केंद सरकार ने मंगलवार को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा रद्द करने का निर्णय लिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह फैसला छात्रों के हितों को ध्यान में रखकर लिया गया है। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद इस फैसले की घोषणा की गई। साथ ही यह फैसला भी हुआ कि सीबीएसई 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के परिणामों को समयबद्ध तरीके से एक पूर्णत: स्‍पष्‍ट उद्देश्यपरक मानदंड के अनुसार संकलित करने के लिए आवश्‍यक कदम उठाएगा।

प्रधानमंत्री ने 12वीं के छात्रों से की बात, परीक्षा रद्द होने के बाद समय का सदुपयोग करने को कहा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को 12वीं कक्षा के छात्रों और उनके अभिभावकों के साथ संवाद किया और कहा कि परीक्षा रद्द होने के बाद के समय का सदुपयोग उन्हें रचनात्मक और लाभकारी गतिविधियों में करना चाहिए। शिक्षा मंत्रालय की ओर से डिजिटल माध्यम से आयोजित इस संवाद में अचानक शामिल हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि छात्रों को किसी भी परीक्षा को लेकर कभी भी तनाव में नहीं रहना चाहिए। लगभग आधे घंटे के इस संवाद के दौरान उन्होंने छात्रों से पूछा कि कोविड-19 के मद्देनजर परीक्षा रद्द होने के बाद वह कैसा महसूस कर रहे हैं और आगे के लिए वह क्या योजना बना रहे हैं। प्रधानमंत्री ने छात्रों से पूछा कि वह क्या इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) और चैम्पियंस लीग देखना पसंद करेंगे या फिर आलंपिक का इंतजार करेंगे। उन्होंने छात्रों से कहा कि उन्हें ‘‘ स्वास्थ ही धन है’’ के मंत्र को हमेशा याद रखना चाहिए और पूछा किशारीरिक रूप से फिट रहने के लिए वह क्या करते हैं।’’ 

पंचकुला के 12वीं के छात्र हितेश्वर शर्मा ने कहा, ‘‘प्रत्येक दिन हमारे ऊपर दबाव बढ़ रहा था। मैं शीर्ष पर स्थान बनाने के लिहाज से तैयारी कर रहा था लेकिन मेरा मानना है कि हमने जो पढ़ाई की है वह कभी व्यर्थ नहीं जाती।’’ प्रधानमंत्री ने जब छात्रों से पूछा कि परीक्षा रद्द होने से उनके मन में कोई खालीपन सा आया क्योंकि वे एक मई की सुबह तक तैयारियों में व्यस्त थे, इसके जवाब में गुवाहाटी के एक छात्र ने जवाब दिया, ‘‘सर, आपने पहले कहा था कि परीक्षा को त्योहार के रूप में मनाना चाहिए था। इसलिए परीक्षा को लेकर मेरे मन में कोई तनाव नहीं था। बाहर की परिस्थितियां अच्छी नहीं थी लेकिन मुझे पूरा भरोसा था कि जो भी फैसला लिया जाएगा वह बुद्धिमत्तापूर्ण होगा।’’ नंदन हेगड़े नाम के एक अन्य छात्र ने कहा कि उन्होंने परीक्षा की बहुत तैयारी की थी और इसके लिए पूरी तरह तैयार था लेकिन मेरा मानना है कि जीवन में यह कोई आखिरी परीक्षा नहीं है। प्रधानमंत्री ने छात्रों को बताया कि परीक्षा रद्द करने का फैसला छात्रों के हित में लिया गया है। संवाद के दौरान कई छात्रों ने परीक्षा रद्द होने के बाद के अनुभव साझा किए और बताया कि इससे उन्हें कितनी राहत मिली और कैसे अनिश्चितता की स्थिति समाप्त हुई। 

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मोदी ने छात्रों से कहा कि परीक्षा रद्द करने का फैसला उनके हित में लिया गया है। कुछ अभिभावकों ने भी प्रधानमंत्री से अपने विचार साझा किए और बताया कि कैसे छात्र कॉलेज में नामांकन पर अपना ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। एक अभिभावक ने कहा, ‘‘सिर्फ परिस्थितियों को लेकर हम चिंतित नहीं थे लेकिन बच्चे अस्पष्टता के अभाव में दबाव महसूस कर रहे थे। फैसला बिल्कुल उचित है। छात्र अब प्रवेश परीक्षाओं और कॉलेज में दाखिले की तैयारी कर सकते हैं।’’ ज्ञात हो कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर के मद्देनजर केंद सरकार ने मंगलवार को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा रद्द करने का निर्णय लिया था। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद इस फैसले की घोषणा की गई। साथ ही यह फैसला भी हुआ कि सीबीएसई 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के परिणामों को समयबद्ध तरीके से एक पूर्णत: स्‍पष्‍ट उद्देश्यपरक मानदंड के अनुसार संकलित करने के लिए आवश्‍यक कदम उठाएगा। 

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