कर्नाटक में सियासी नाटक: सिद्धारमैया ने भी माना, संकट में सरकार

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अंकित सिंह । Jul 18 2019 4:55PM

उन्होंने कहा कि यदि हम विश्वास प्रस्ताव के साथ आगे बढ़ते हैं, यदि व्हीप लागू होता है और वे (बागी विधायक) SC आदेश के कारण सदन में नहीं आते हैं, तो यह गठबंधन सरकार के लिए एक बड़ा नुकसान होगा।

सदन में हगांमा के बीच कर्नाटक विधानसभा में कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने कहा कि 8 विधायक थे, जिन्होंने एक साथ यात्रा की थी। यहां उनमें से एक (श्रीमंत पाटिल) की एक तस्वीर इलाज करता हुए दिख रही है, और लोग कहां हैं? मैंने स्पीकर से कहा कि हमारे विधायकों की सुरक्षा करें।" इस दौरान कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने विश्वास मत बहस के दौरान विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता सिद्धारमैया से बात की। सिद्धारमैया ने कहा कि जब तक हमें सुप्रीम कोर्ट के पिछले आदेश पर स्पष्टीकरण नहीं मिल जाता, तब तक इस सत्र में फ्लोर टेस्ट लेना उचित नहीं है, जो संविधान के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि यदि हम विश्वास प्रस्ताव के साथ आगे बढ़ते हैं, यदि व्हीप लागू होता है और वे (बागी विधायक) SC आदेश के कारण सदन में नहीं आते हैं, तो यह गठबंधन सरकार के लिए एक बड़ा नुकसान होगा।

विधानसभा में कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव: हमारे विधायक जहां रह रहे हैं, वहां सहारा देने के लिए बगल में अस्पताल था, फिर उन्हें (विधायक श्रीमंत पाटिल) चेन्नई और फिर इलाज के लिए मुंबई ले जाया गया? वह स्वस्थ हैं, उनके साथ कुछ भी गलत नहीं है। यह बीजेपी की साजिश है। इस बीच विश्वास मत बहस के दौरान कर्नाटक के अध्यक्ष केआर रमेश कुमार कहा कि यदि मैं दस्तावेज (कांग्रेस विधायक श्रीमंत पाटिल द्वारा उनके बीमार स्वास्थ्य के बारे में सूचित किया गया पत्र) के साथ कैसे आगे बढ़ सकता हूं जिसकी कोई तारीख या लेटरहेड नहीं है।

बीजेपी नेता जगदीश शेट्टार ने कहा कि सीएम ने विश्वास मत के लिए आज फैसला किया था, लेकिन जब प्रस्ताव लाया गया और बहस शुरू हुई, तो सिद्धारमैया, कृष्णा बायर गौड़ा, और एचके पाटिल आदेश के बिंदु पर चले गए। हमने राज्यपाल से स्पीकर से विश्वास मत पर बहस जारी रखने का निर्देश देने का अनुरोध किया है। इससे पहले पिछले करीब दो हफ्ते से कर्नाटक में जारी सियासी ड्रामे के बीच मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने गुरुवार को विधानसभा में विश्वास मत का प्रस्ताव पेश किया। सत्तारूढ़ कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन के 16 विधायकों के सामूहिक इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री कुमारस्वामी की सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। 

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