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किसान आंदोलन को राजनीतिक दल हवा दे रहे है: मनोहर लाल खट्टर
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- नवंबर 28, 2020 19:47
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हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा, यह बड़ी विचित्र स्थिति है कि एक राज्य का मुख्यमंत्री दूसरे राज्य के अपने समकक्ष से बातचीत करना चाहता है, लेकिन कई प्रयासों के बावजूद वह इसमें सफल नहीं हो पाता है। मैं छह साल से मुख्यमंत्री हूं। इससे पहले कभी ऐसी बात नहीं हुयी। हमने विपक्षी नेताओं के साथ भी बातचीत की।
चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शनिवार को आरोप लगाया कि केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ कुछ राजनीतिक दल एवं संगठन किसान आंदोलन को प्रायोजित कर रहे हैं। खट्टर ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर हमला बोला और दावा किया वह इस मसले पर उनसे बातचीत करना चाहते थे और तीन दिन तक उनके कार्यालय में टेलीफोन किया लेकिन उन्होंने इसका कोई उत्तर नहीं दिया। इसमें साजिश का दावा करते हुये, खट्टर ने गुरूग्राम में संवाददाताओं से कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री के कार्यालय के अधिकारी पंजाब के प्रदर्शनकारी किसानों को निर्देश दे रहे हैं। उन्होंने कहा इस आंदोलन की शुरूआत पंजाब के किसानों ने की है और कुछ राजनीतिक दल एवं संगठन इसे प्रायोजित कर रहे हैं। खट्टर ने दावा किया कि हरियाणा के किसानों ने इस आंदोलन में हिस्सा नहीं लिया है। उन्होंने कहा, इसके लिये मैं हरियाणा के किसानों का धन्यवाद करना चाहता हूं।
मुख्यमंत्री ने कहा, मैं हरियाणा पुलिस की भी तारीफ करता हूं कि उन्होंने पिछले दो दिन में, जब से यह मामला (दिल्ली चलो मार्च) शुरू हुआ है, उन्होंने संयम से काम लिया है और बल का इस्तेमाल नहीं किया। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि कुछ लोग इसमें अपनी राजनीति कर रहे हैं जो बेहद निंदनीय है। यह पूछे जाने पर कि किसानों के मार्च से पहले क्या उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री से बातचीत करने का प्रयास किया, खट्टर ने कहा, मेरे कार्यालय ने मुझे बताया कि उन्होंने छह से सात बार उनसे (कैप्टन अमरिंदर सिंह से) दूरभाष पर संपर्क करने का प्रयास किया और हर बार उनके कर्मचारियों ने कहा कि हम जल्दी ही संपर्क करेंगे और उस वक्त उन्होंने यह दलील दी कि मुख्यमंत्री बैठकों में और अन्य कार्यों में व्यस्त हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा, यह बड़ी विचित्र स्थिति है कि एक राज्य का मुख्यमंत्री दूसरे राज्य के अपने समकक्ष से बातचीत करना चाहता है, लेकिन कई प्रयासों के बावजूद वह इसमें सफल नहीं हो पाता है। मैं छह साल से मुख्यमंत्री हूं। इससे पहले कभी ऐसी बात नहीं हुयी। हमने विपक्षी नेताओं के साथ भी बातचीत की।किसान आंदोलन में कुछ असामाजिक तत्व भी भीड़ के रूप में शामिल हो गए हैं, इन पर हमारी नज़र बनी हुई है।https://t.co/x14Q1hOxpj pic.twitter.com/YYgzt7If4m
— Manohar Lal (@mlkhattar) November 28, 2020
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खट्टर ने कहा, इससे पहले भी मैने पंजाब के मुख्यमंत्री से टेलीफोन पर बातचीत की है, वह भी तब जब वह व्यस्त थे। वह आधे या एक घंटे में वापस कॉल करते थे। इस बार तीन दिन तक उनसे संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने कोई उत्तर नहीं दिया। साजिश का आरोप लगाते हुये खट्टर ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी प्रदर्शनकारियों को निर्देश दे चुके हैं। एक अन्य सवाल के उत्तर में खट्टर ने जोर देकर कहा कि किसानों को केंद्र सरकार से बातचीत करनी चाहिये। इस बीच हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने अम्बाला में कहा कि देश के शेष हिस्से में किसान नये कृषि कानूनों को स्वीकार कर चुके हैं लेकिन पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह एवं राजनीतिक कारणों से किसान आंदोलन कर रहे हैं। विज ने उम्मीद जतायी कि किसानों को बहुत जल्दी यह महसूस होगा कि ये कानून उनके फायदे के लिये हैं।
जब आंदोलन की पवित्रता नष्ट हो जाती है तो निर्णय नहीं होता: नरेन्द्र सिंह तोमर
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 22, 2021 20:56
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कृषि मंत्री ने कहा कि जब आंदोलन का नाम किसान आंदोलन और विषय किसानों से संबंधित हो तथा सरकार निराकरण करने के लिए सरकार तैयार हो और निर्णय ना हो सके तो अंदाजा लगाया जा सकता है।
नयी दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने किसानों और सरकार के प्रतिनिधियों के बीच 11वें दौर की वार्ता विफल होने के बाद शुक्रवार को अफसोस जताया और कड़ा रुख अख्तियार करते हुए आरोप लगाया कि कुछ ‘‘ताकतें’’ हैं जो अपने निजी और राजनीतिक हितों के चलते आंदोलन को जारी रखना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि तीन कृषि कानूनों का क्रियान्वयन 12-18 महीनों तक स्थगित रखने और तब तक चर्चा के जरिए समाधान निकालने के लिए समिति बनाए जाने सहित केंद्र सरकार की ओर से अब तक वार्ता के दौरान कई प्रस्ताव दिए गए लेकिन किसान संगठन इन कानूनों को खारिज करने की मांग पर अड़े हैं। पिछली बैठक में सरकार की ओर से किसानों के सामने रखे गए प्रस्ताव को तोमर ने ‘‘बेहतर’’ और देश व किसानों के हित में बताया और यह कहते हुए गेंद किसान संगठनों के पाले में डाल दी कि वे इस पर पुनर्विचार कर केंद्र के समक्ष अपना रुख स्पष्ट करते हैं तो आगे की कार्रवाई की जा सकती है।
किसान संगठनों के साथ 11वें दौर की वार्ता समाप्त होने के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए तोमर ने कहा, ‘‘एक से डेढ़ बरस तक कानून को स्थगित रख समिति बनाकर आंदोलन में उठाए गए मुद्दों और पहलुओं पर विचार विमर्श कर सिफारिश देने का प्रस्ताव बेहतर है। उस पर आप विचार करें। यह प्रस्ताव किसानों के हित में भी है। इसलिए हमने कहा, आज वार्ता खत्म करते हैं। आप लोग अगर निर्णय पर पहुंच सकते हैं तो कल अपना मत बताइए। निर्णय घोषित करने के लिए आपकी सूचना पर हम कहीं भी इकट्ठा हो सकते हैं और उस निर्णय को घोषित करने की आगे की कार्रवाई कर सकते हैं।’’ आज की वार्ता में कोई फैसला ना होने पाने के बावजूद अगली बैठक की तारीख तय नहीं हुई। तोमर ने कहा कि कुछ ‘‘ताकतें’’ हैं जो अपने निजी और राजनीतिक हितों के चलते आंदोलन को जारी रखना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने हमेशा किसानों के प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाया और किसानों के सम्मान की बात सोची। इसलिए किसान संगठनों से लगातार बात की जा रही है ताकि उनकी भी प्रतिष्ठा बढ़े और वे किसानों की नुमाइंदगी कर सकें।There are forces that want the agitation to continue and ensuring that no good comes out of it: Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar on the eleventh round of talks between farmer unions and the government pic.twitter.com/AmJVDxbZj6
— ANI (@ANI) January 22, 2021
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उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए भारत सरकार की कोशिश थी कि वह सही रास्ते पर विचार करें और सही रास्ते पर विचार करने के लिए 11 दौर की बैठक की गई। जब किसान संगठन कानूनों को निरस्त करने पर अड़े रहे तो सरकार ने उनकी आपत्तियों के अनुसार निराकरण करने व संशोधन करने के लिए एक के बाद एक अनेक प्रस्ताव दिए। लेकिन जब आंदोलन की पवित्रता नष्ट हो जाती है तो निर्णय नहीं होता।’’ तोमर ने कहा, ‘‘आज मुझे लगता है वार्ता के दौर में मर्यादाओं का पालन तो हुआ लेकिन किसान के हक में वार्ता का मार्ग प्रशस्त हो, इस भावना का अभाव था। इसलिए वार्ता निर्णय तक नहीं पहुंच सकी। इसका मुझे खेद है।’’ कृषि मंत्री ने कहा कि जब आंदोलन का नाम किसान आंदोलन और विषय किसानों से संबंधित हो तथा सरकार निराकरण करने के लिए सरकार तैयार हो और निर्णय ना हो सके तो अंदाजा लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘कोई न कोई ताकत ऐसी है जो इस आंदोलन को बनाए रखना चाहती है।’’ उन्होंने कहा कि भारत सरकार किसानों के प्रति संवेदनशील है और उनके विकास और उत्थान के लिए उसका प्रयत्न निरंतर जारी रहेगा। यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि किसान संगठन सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार करेंगे, उन्होंने कहा, ‘‘मैं कोई अनुमान नहीं लगाता लेकिन मैं आशावान हूं। मुझे उम्मीद है कि किसान संगठन हमारे प्रस्ताव पर सकारात्मक विचार करेंगे।’’ तोमर ने कहा कि किसानों के हित में विचार करने वाले लोग सरकार के प्रस्ताव पर जरूर विचार करेंगे।
कांग्रेस ने निर्भर भारत बनाया लेकिन PM मोदी ने आत्मनिर्भर: जेपी नड्डा
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 22, 2021 20:38
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प्रबुद्ध समाज से अपील करते हुए नड्डा ने कहा कि जिंदा समाज वो होता है जो अच्छे लोगों को शाबासी दे और जो गलत लोग हैं उनको घर में बिठाने का इंतजाम करे। पूर्ववर्ती सरकारों में कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के प्रयासों से गुंडों को ही नहीं नेताओं को भी समझ में आ गया कि कानून-व्यवस्था क्या चीज होती है।
लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस ने निर्भर भारत बनाया लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत बनाया है। नड्डा ने शुक्रवार की शाम यहां इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में प्रबुद्ध सम्मेलन को संबोधित करते हुए कोरोना काल में केंद्र और राज्य सरकार के कार्यों के आंकड़ों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की खूब सराहना की और विपक्षी कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। केंद्र सरकार कीयोजनाओं का सिलसिलेवार आंकड़ा देते हुए उन्होंने एक न्यूज चैनल के सर्वेक्षण में मोदी को सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्री और योगी को सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री चुने जाने पर बधाई दिया। नड्डा ने इसी सर्वे में नेहरू का नाम सबसे निचले पायदान पर बताते हुए तंज किया। उन्होंने कहा कि मोदी की योजनाओं का कांग्रेस हमेशा मजाक उड़ाती रही लेकिन उससे आम जनजीवन पर असर पड़ा और लोगों में खुशहाली आई। प्रबुद्ध समाज से अपील करते हुए नड्डा ने कहा कि जिंदा समाज वो होता है जो अच्छे लोगों को शाबासी दे और जो गलत लोग हैं उनको घर में बिठाने का इंतजाम करे। पूर्ववर्ती सरकारों में कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के प्रयासों से गुंडों को ही नहीं नेताओं को भी समझ में आ गया कि कानून-व्यवस्था क्या चीज होती है।
इसके पहले नड्डा ने लखनऊ जिले के बूथ अध्यक्षों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए शुक्रवार को कहा कि देश में भाजपा को छोड़ कर सभी राजनीतिक दल परिवारवाद से ग्रस्त हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि देश की राष्ट्रीय पार्टियाँ हों या क्षेत्रीय पार्टी, सभी परिवारवाद से ग्रस्त हैं और वहां बेटों को पिता द्वारा राजनीति विरासत में दी जाती है। उन्होंने कहा, पूरे देश में नजर दौड़ा कर देखिए, सभी दल परिवारवाद के घेरे में है, सिर्फ भाजपा ही ऐसी पार्टी है जहां साधारण परिवार से आने वाला व्यक्ति भारत का प्रधानमंत्री बनकर देश की तकदीर बदल देता है। यहां सामान्य परिवार का बेटा रक्षा मंत्री बनता है, भारत के राष्ट्रपति बनते हैं और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बनते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘देश में अगर 1500 राजनीतिक दल हैं तो उनमें कुछ राष्ट्रीय और कुछ क्षेत्रीय स्तर पर हैं। लेकिन मैं हमेशा कहता हूं कि जिसको भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में काम करने का मौका मिला उसे राजनीति की दृष्टि से अपने को सर्वाधिक भाग्यशाली समझना चाहिए। नड्डा ने कहा कि दूसरे राजनीतिक दलों के पास न नीति है, न नीयत है और न नेता हैं लेकिन भाजपा अकेली ऐसी पार्टी है जिसके पास नीति, नीयत और कार्यकर्ताओं के साथ मोदी और योगी जैसे नेता भी हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण में मोदी ने सही समय पर सही फैसला लेकर 130 करोड़ लोगों के देश को बचाया है और आज भारत कोविड से लड़ने के लिए तैयार हुआ और सबसे अच्छी रिकवरी रेट भारत की है। उन्होंने कहा कि उप्र सरकार ने सिर्फ प्रदेश के मजदूरों की बल्कि इस राज्य से गुजरने वाले अन्य राज्यों के मजदूरों की भी चिंता की। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बधाई दी। नड्डा ने कहा कि मोदी के प्रयास से पात्र किसानों के खाते में शत प्रतिशत धनराशि पहुंची है।लखनऊ में प्रबुद्ध जन सम्मेलन को संबोधित किया।
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी ने अनवरत परिश्रम कर समाज के गरीब, शोषित व वंचित वर्ग को लाभान्वित कर उनके जीवन को सुगम बनाया है। उनके जीवन स्तर को बढ़ाने का काम किया है। pic.twitter.com/reujqGlp5p— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) January 22, 2021
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नड्डा ने अपने संबोधन में राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण की चर्चा के साथ ही तीन तलाक का भी जिक्र किया और कहा कि मोदी जी ने तमाम परिवर्तन किये हैं और आप इस परिवर्तन में साझीदार बनने से न चूकिये। प्रबुद्ध सम्मेलन को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने भी संबोधित किया। प्रबुद्ध सम्मेलन का संचालन भाजपा के प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ल ने किया। बूथ सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के बल पर भारतीय जनता पार्टी ने सभी राजनीतिक दलों के लिए एक मानक तय किया है। नड्डा ने शुक्रवार को अपने उत्तर प्रदेश दौरे के दूसरे दिन राजधानी लखनऊ के चिनहट ग्रामीण मंडल के कार्यकर्ताओं के साथ संवाद के करते हुए अपने कार्यक्रम की शुरुआत की। शुक्रवार को चिनहट ग्रामीण मंडल के कार्यकर्ताओं के साथ संवाद करने पहुंचेनड्डा ने मंडल के कई प्रमुख कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया। इसके बाद उन्होंनेलखनऊ महानगर एवं जिला बूथ अध्यक्षों के सम्मेलन को संबोधित किया। सम्मेलन से वापस होने के बाद भाजपा मुख्यालय में उन्होंने अवध एवं कानपुर क्षेत्र के क्षेत्रीय पदाधिकारियों एवं जिलाध्यक्षों के साथ बैठक करने के अलावा अवध क्षेत्र के भाजपा सांसदों एवं विधायकों के साथ भी बैठक की। भाजपा मीडिया कार्यकर्ताओं को भी संबोधित किया। उल्लेखनीय है कि भारतीय जनता पार्टी की संगठन संबंधी गतिविधियों का जायजा लेने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा अपने दो दिवसीय उत्तर प्रदेश दौरे पर बृहस्पतिवार की शाम राजधानी लखनऊ पहुंचे। नड्डा ने बृहस्पतिवार की रात में प्रदेश सरकार के मंत्रियों तथा पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक की और आने वाले पंचायत चुनाव को लेकर सक्रिय भूमिका निभाने के निर्देश दिये।
हरियाणा में कोरोना वायरस संक्रमण के 120 नए मामले, पांच मरीजों की मौत
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 22, 2021 20:26
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पांच और मरीजों की मौत के बाद अब तक राज्य में 3,005 लोग इस घातक वायरस के कारण जान गंवा चुके हैं। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन में यह जानकारी दी गई।
चंडीगढ़। हरियाणा में शुक्रवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 120 नए मामले सामने आए, जिसके साथ ही राज्य में संक्रमित लोगों का आंकड़ा बढ़कर 2,66,939 तक पहुंच गया। वहीं, पांच और मरीजों की मौत के बाद अब तक राज्य में 3,005 लोग इस घातक वायरस के कारण जान गंवा चुके हैं। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन में यह जानकारी दी गई।
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इसके मुताबिक, पानीपत, यमुनानगर और झज्जर जिलों में एक-एक मरीज की मौत हुई जबकि कैथल में दो मरीजों की जान गई। सामने आए नए मामलों में गुरुग्राम में 24, पंचकुला में 15 और फरीदाबाद में 25 मामले दर्ज किए गए जबकि बाकी मामले अन्य जिलों से हैं। बुलेटिन के मुताबिक, राज्य में 1,585 मरीज उपचाराधीन हैं और अब तक 2,62,349 लोग संक्रमणमुक्त हो चुके हैं।

