किसान आंदोलन को राजनीतिक दल हवा दे रहे है: मनोहर लाल खट्टर

मुख्यमंत्री ने कहा, मैं हरियाणा पुलिस की भी तारीफ करता हूं कि उन्होंने पिछले दो दिन में, जब से यह मामला (दिल्ली चलो मार्च) शुरू हुआ है, उन्होंने संयम से काम लिया है और बल का इस्तेमाल नहीं किया। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि कुछ लोग इसमें अपनी राजनीति कर रहे हैं जो बेहद निंदनीय है। यह पूछे जाने पर कि किसानों के मार्च से पहले क्या उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री से बातचीत करने का प्रयास किया, खट्टर ने कहा, मेरे कार्यालय ने मुझे बताया कि उन्होंने छह से सात बार उनसे (कैप्टन अमरिंदर सिंह से) दूरभाष पर संपर्क करने का प्रयास किया और हर बार उनके कर्मचारियों ने कहा कि हम जल्दी ही संपर्क करेंगे और उस वक्त उन्होंने यह दलील दी कि मुख्यमंत्री बैठकों में और अन्य कार्यों में व्यस्त हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा, यह बड़ी विचित्र स्थिति है कि एक राज्य का मुख्यमंत्री दूसरे राज्य के अपने समकक्ष से बातचीत करना चाहता है, लेकिन कई प्रयासों के बावजूद वह इसमें सफल नहीं हो पाता है। मैं छह साल से मुख्यमंत्री हूं। इससे पहले कभी ऐसी बात नहीं हुयी। हमने विपक्षी नेताओं के साथ भी बातचीत की।किसान आंदोलन में कुछ असामाजिक तत्व भी भीड़ के रूप में शामिल हो गए हैं, इन पर हमारी नज़र बनी हुई है।https://t.co/x14Q1hOxpj pic.twitter.com/YYgzt7If4m
— Manohar Lal (@mlkhattar) November 28, 2020
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खट्टर ने कहा, इससे पहले भी मैने पंजाब के मुख्यमंत्री से टेलीफोन पर बातचीत की है, वह भी तब जब वह व्यस्त थे। वह आधे या एक घंटे में वापस कॉल करते थे। इस बार तीन दिन तक उनसे संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने कोई उत्तर नहीं दिया। साजिश का आरोप लगाते हुये खट्टर ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी प्रदर्शनकारियों को निर्देश दे चुके हैं। एक अन्य सवाल के उत्तर में खट्टर ने जोर देकर कहा कि किसानों को केंद्र सरकार से बातचीत करनी चाहिये। इस बीच हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने अम्बाला में कहा कि देश के शेष हिस्से में किसान नये कृषि कानूनों को स्वीकार कर चुके हैं लेकिन पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह एवं राजनीतिक कारणों से किसान आंदोलन कर रहे हैं। विज ने उम्मीद जतायी कि किसानों को बहुत जल्दी यह महसूस होगा कि ये कानून उनके फायदे के लिये हैं।
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