Jammu-Kashmir के पूर्ण राज्य के दर्जे को लेकर सियासत गर्माई, Farooq Abdullah के बाद Omar Abdullah ने भी दी चेतावनी

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फारूक अब्दुल्ला ने कहा, ''हम जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा मिलने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन अगर वे (केंद्र) लंबा समय लेंगे, तो हमारे पास उच्चतम न्यायालय जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा। मुझे उम्मीद है कि जब राज्य का दर्जा बहाल होगा, तो हमें सभी अधिकार मिलेंगे।’’

जम्मू-कश्मीर में पूर्ण राज्य के दर्जे को लेकर सियासत एक बार फिर गर्मा गयी है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि यदि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने में अत्यधिक देरी हुई, तो उनकी पार्टी उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी तो वहीं मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि राज्य का दर्जा बहाल होने पर वह विधानसभा भंग करने की सिफारिश करने को तैयार हैं। हम आपको बता दें कि फारूक अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘चुनाव के बाद लोग चाहते थे कि उनके मुद्दों का तुरंत समाधान हो, लेकिन राज्य का दर्जा (बहाल न किया जाना) हमें ऐसा करने से रोक रहा है।'' उन्होंने कहा, ''हम जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा मिलने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन अगर वे (केंद्र) लंबा समय लेंगे, तो हमारे पास उच्चतम न्यायालय जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा। मुझे उम्मीद है कि जब राज्य का दर्जा बहाल होगा, तो हमें सभी अधिकार मिलेंगे।’’

वहीं, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि यदि जम्मू-कश्मीर के राज्य के दर्जे को बहाल करने के बाद विधानसभा को भंग करके नये सिरे से चुनाव कराया जाता है, तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। गुलमर्ग में अब्दुल्ला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने अखबार में पढ़ा है कि राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा, लेकिन विधानसभा चुनाव फिर से कराने होंगे। उन्हें ऐसा करने दीजिए, किसने रोका है।’’ पिछले साल अक्टूबर में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने वाले उमर अब्दुल्ला ने कहा कि राज्य का दर्जा जम्मू-कश्मीर के लोगों का अधिकार है।

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उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पता है कि यह खबर कहां से आई है। मुझे पता है कि यहां अखबार में यह खबर किसने प्रकाशित कराई...यह सिर्फ विधायकों को डराने के लिए प्रकाशित की गई। राज्य का दर्जा किसी विधायक या सरकार के लिए नहीं है। यह राज्य का दर्जा जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए है और हम विधायक इसमें बाधा नहीं बनेंगे।’’ उन्होंने कहा कि अगर विधायकों को राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए विधानसभा भंग करने की धमकी दी जा रही है, तो ऐसा करें। उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘जिस दिन राज्य का दर्जा बहाल हो जाएगा, उसके अगले दिन हम राज्यपाल के पास जाएंगे और विधानसभा भंग करने की सिफारिश करेंगे। हमें डराने की कोशिश न करें...राज्य का दर्जा हमारा अधिकार है और इसे हमें वापस दें। अखबारों में खबरें छपवाना बंद करें, यह काम नहीं करेगा।''

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