दिल्ली में जल संकट को लेकर राजनीति तेज, खट्टर ने केजरीवाल पर साधा निशाना
खट्टर ने कहा कि दिल्ली के सीएम को खुद को बढ़ावा देने और प्रशंसा करने की आदत है। हम SC के आदेश के अनुसार पानी छोड़ रहे हैं। पानी की एक बूंद भी नहीं रखी जा रही है।
दिल्ली में पानी को लेकर मारामारी है। दिल्ली के कई इलाकों में पीने का पानी भी नसीब नहीं हो रहा है। दिल्ली में पानी को लेकर हरियाणा सरकार और केजरीवाल सरकार के बीच जुबानी जंग जारी है। दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा लगातार आरोप लगा रहे हैं कि हरियाणा सरकार दिल्ली को उसके हिस्से का पानी नहीं दे रही है। इसी को लेकर अब हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने केजरीवाल पर निशाना साधा है। न्यूज़ एजेंसी एएन आई के मुताबिक खट्टर ने कहा कि दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल को विज्ञापन का शौक है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार जितना पानी दिल्ली को देना है उतना पानी हम दे रहे हैं एक बूंद भी कम नहीं दे रहे हैं।
खट्टर ने कहा कि दिल्ली के सीएम को खुद को बढ़ावा देने और प्रशंसा करने की आदत है। हम SC के आदेश के अनुसार पानी छोड़ रहे हैं। पानी की एक बूंद भी नहीं रखी जा रही है। हमें पीने के लिए 1.5 गुना अधिक पानी की आवश्यकता होती है लेकिन हम उन्हें देते हैं। दिल्ली और हरियाणा अलग नहीं हैं, हम पड़ोसी हैं। इससे पहले हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने दिल्ली सरकार के इस आरोप को बेबुनियाद बताते हुए खारिज कर दिया कि उनका राज्य राष्ट्रीय राजधानी के हिस्से का प्रतिदिन 12 करोड़ गैलन पानी रोक रहा है और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर ‘झूठ बोलने में पीएचडी’ करने का आरोप लगाया।Delhi CM has a habit of promoting&praising himself. We're releasing water as per SC's order. Not a single drop of water is being held. We require 1.5 times more drinking water but we give it to them. Delhi & Haryana aren't different, we're neighbours:Haryana CM ML Khattar(13.07) pic.twitter.com/8dPoFsDIBi
— ANI (@ANI) July 14, 2021
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इससे पहले दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने कहा कि बोर्ड ने हरियाणा द्वारा राष्ट्रीय राजधानी को उसके वैध हिस्से का पानी नहीं देने के मामले में निर्देश देने की अपील करते हुए उच्चतम न्यायालय का रुख किया है। उन्होंने दावा किया कि हरियाणा दिल्ली के खाते का 120 मिलियन गैलन पानी रोजाना (एमजीडी) रोक रहा है और पड़ोसी राज्य द्वारा यमुना में छोड़ा जा रहा पानी ‘‘अब तक के सबसे निचले स्तर’’ पर है।
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