पीआर रामचंद्र मेनन ने ली छत्तीसगढ़ के मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ
शपथ ग्रहण के बाद संवाददाताओं से बातचीत के दौरान मेनन ने कहा किछत्तीसगढ़ में उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में उनकीपांच वर्ष से अधिक लंबित मामलों का निराकरण करने समेत तीन प्राथमिकताएं हैं।
रायपुर। केरल उच्च न्यायालय के न्यायाधीश पीआर रामचंद्र मेनन ने सोमवार को छत्तीसगढ़ के मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ ली। न्यायमूर्ति मेनन ने यहां राजभवन के दरबार हॉल में छत्तीसगढ़उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ ली। राज्यपाल आनंदीबेन पटेलने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, उनके मंत्रिमंडल के सदस्य,पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, राज्यसभा सदस्य रामविचार नेताम, विधायक औरअन्य वरिष्ठ नेता उपस्थित थे। समारोह में मुख्य न्यायाधीश पीआर रामचंद्र मेनन की पत्नी प्रीतामेनन सहित उनके परिजन और छत्तीसगढ़ तथा केरल उच्च न्यायालय के न्यायाधीशभी उपस्थित थे।
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शपथ ग्रहण के बाद संवाददाताओं से बातचीत के दौरान मेनन ने कहा किछत्तीसगढ़ में उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में उनकीपांच वर्ष से अधिक लंबित मामलों का निराकरण करने समेत तीन प्राथमिकताएं हैं। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता पांच वर्ष सेअधिक पुराने मामलों का जल्द निराकरण करने की है। दूसरी प्राथमिकता है किउन मामलों का जल्द निराकरण हो जिसके तहत लंबे समय से व्यक्ति हिरासत मेंहै। वहीं तीसरी प्राथमिकता वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र को बढ़ावा देना है जिससे कुछ समय, कुछ महीनों या कुछ वर्षों के बाद पुराने मामलों का पूरी तरह से निराकरण हो सके।
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छत्तीसगढ़ के मुख्य न्यायाधीश अजय कुमार त्रिपाठी की नियुक्तिलोकपाल में न्यायिक सदस्य के रूप में होने के बाद राज्य में मुख्यन्यायाधीश का पद रिक्त था। केरल उच्च न्यायालय की वेबसाइट से मिली जानकारी के अनुसार मुख्यन्यायाधीश मेनन का जन्म एक जून 1959 को हुआ था। उन्होंने केरल केएर्नाकुलम स्थित शासकीय लॉ कॉलेज से कानून की डिग्री प्राप्त की।
वेबसाइट के अनुसार उन्हें आठ जनवरी, 1983 को अधिवक्ता के रूपमें नामांकित किया गया था तथा उन्होंने एर्नाकुलम में श्रम, बीमा औरसंवैधानिक कानूनों में वकालत शुरू की थी। मेनन ने पांच जनवरी 2009 को केरल उच्च न्यायालय केअतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में शपथ ली थी और बाद में 15 दिसंबर 2010को केरल उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए।
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