Prabhasakshi's Newsroom । भारत ने चीन को लताड़ा । अपने ही नेताओं का विरोध सह रहे राहुल

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पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के लिए देश को जिम्मेदार ठहराने की कोशिशों के लिए चीन को आड़े हाथ लेते हुए भारत ने कहा कि चीनी सेना के 'उकसावे वाले' बर्ताव और एएलसी पर यथास्थिति को बदलने की 'एकतरफा' कोशिश ने शांति को गंभीर रूप से भंग कर दिया है।

पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में अंतर्कलह का सामना कर रही कांग्रेस के लिए एक और मुश्किल खड़ी हो गई है। जी23 के नेता चाहते हैं कि सीडब्ल्यूसी की बैठक हो और संगठनात्मक चुनाव कराए जाएं। इसी बीच एक वरिष्ठ नेता ने राहुल गांधी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। उन्होंने कहा कि वो किसी भी पद पर नहीं हैं फिर भी अमरिंदर जैसे वरिष्ठ नेता को हटाकर सिद्धू को ले आएं। इसके बाद बात दिग्विजय सिंह की होगी, जिन्होंने गृह मंत्री अमित शाह की तारीफ की है और अंत में बात उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की करेंगे। 

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भारत ने चीन के आरोपों को किया खारिज

पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के लिए देश को जिम्मेदार ठहराने की कोशिशों के लिए चीन को आड़े हाथ लेते हुए भारत ने कहा कि चीनी सेना के "उकसावे वाले" बर्ताव और एएलसी पर यथास्थिति को बदलने की "एकतरफा" कोशिश ने शांति को गंभीर रूप से भंग कर दिया है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि चीन ने सीमावर्ती इलाकों में बड़ी संख्या में सैनिकों और हथियारों की तैनाती की हुई है और चीन की कार्रवाई की प्रतिक्रिया में भारतीय सशस्त्र बलों को उचित जवाबी तैनाती करनी पड़ी है। उन्होंने कहा कि चीन के आरोपों में “कोई आधार नहीं है" और भारत उम्मीद करता कि चीनी पक्ष द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करते हुए शेष मुद्दों को जल्दी हल करने की दिशा में काम करेगा।

चीन ने हाल में आरोप लगाया है कि दोनों देशों के बीच तनाव का "मूल कारण" नई दिल्ली द्वारा "आगे बढ़ने की नीति" का अनुसरण करना और चीनी क्षेत्र पर "अवैध रूप से" अतिक्रमण करना है। इसके जवाब में भारत की प्रतिक्रिया आई है। चीन के आरोपों पर पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए बागची ने कहा कि भारत कुछ दिन पहले ही इस मामले पर अपनी स्थिति स्पष्ट कर चुका है और ऐसे बयानों को खारिज कर चुका है जिनका कोई आधार नहीं है

राहुल पर बरसे वरिष्ठ कांग्रेस नेता

कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है। पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस छोड़ने का मन बना लिया है। वहीं जी-23 के नेता चाहते हैं कि जल्द से जल्द सीडब्ल्यूसी की बैठक हो। पार्टी महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने इस बाबत बयान दिया कि जल्द ही सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाई जाएगी। लेकिन तारीख नहीं बताई। इन तमाम मसलों के बीच में पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम उठ रहा है। कहा जा रहा है कि पद पर नहीं होने के बावजूद वो निर्णय ले रहे हैं। 

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पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह ने राहुल गांधी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। उन्होंने कहा कि न तो CWC की बैठक होती है और न ही AICC की बैठक होती है। तीन लोग बैठे हुए हैं, एक के पास तो कोई पद भी नहीं है।

दिग्विजय ने की अमित शाह की प्रशंसा

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह वैसे तो आमतौर पर आरएसएस और गृह मंत्री अमित शाह के कट्टर आलोचकों में से एक हैं लेकिन बीते दिनों उन्होंने खुलासा किया कि 4 साल पहले उनकी नर्मदा परिक्रमा यात्रा के दौरान कैसे शाह और आरएसएस कार्यकर्ताओं ने उनकी मदद की।

आपको बता दें कि दिग्विजय सिंह और उनकी पत्नी अमृता ने साल 2017 में छह माह तक नर्मदा नदी के किनारे पैदल परिक्रमा कर कठिन यात्रा पूरी की थी। दिग्विजय सिंह ने बताया कि एक बार हम सब लगभग दस बजे गुजरात में एक स्थान पर पहुंचे। वन क्षेत्र से आगे जाने का कोई रास्ता नहीं था और रात में ठहरने की भी कोई सुविधा वहां नहीं थी। तभी वहां पर एक वन अधिकारी आया और उसने बताया कि अमित शाह जी ने उसे हमारे साथ पूरा सहयोग करने का निर्देश दिया था। 

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आम आदमी पार्टी का बड़ा ऐलान

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर तमाम पार्टियां तरह-तरह के दावे कर रही हैं। इसी बीच आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि यदि उनकी पार्टी की उत्तर प्रदेश में सरकार बनती है तो पहले ही साल शिक्षा का बजट बढ़ाकर 25 प्रतिशत किया जाएगा।

सिसोदिया ने कहा कि साल 2016-17 में उत्तर प्रदेश का शिक्षा बजट 17 प्रतिशत के करीब था जिसे योगी सरकार लगातार घटा रही है और आज इसे 13 प्रतिशत पर ले आयी है। आज प्रदेश में सवा लाख शिक्षा मित्र धक्के खा रहे हैं। महिला शिक्षकों ने तो सिर मुड़ाकर योगी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। पांच साल पहले 60 प्रतिशत बच्चे सरकारी स्कूलों और 40 प्रतिशत बच्चे निजी स्कूलों में पढ़ते थे, लेकिन आज यह अनुपात उल्टा हो गया है। आज 60 प्रतिशत बच्चे निजी स्कूलों में पढ़ रहे हैं।

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