प्रकाश जावड़ेकर बोले, 15 दिनों में हो जाएगी प्रोजेक्ट डॉल्फिन की शुरुआत

प्रोजेक्ट डॉल्फिन

गंगा नदी में पाई जाने वाली डॉल्फिन ताजा जल में रहने वाली प्रजाति है जो मुख्यत: गंगा और ब्रह्मपुत्र एवं इनकी सहायक नदियों में पाई जाती है। ये डॉल्फिन भारत, बांग्लादेश और नेपाल में पाई जाती है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक भारत की नदियों में करीब 3700 गंगा नदी डॉल्फिन हैं।

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा घोषित गंगा नदी में पाई जाने वाली डॉल्फिन के संरक्षण की महत्वाकांक्षी परियोजना 15 दिनों में शुरू हो जाएगी। यह बात सोमवार को पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कही। प्रधानमंत्री ने 74वें स्वतंत्रता दिवस पर ‘प्रोजेक्ट डॉल्फिन’ की घोषणा करते हुए कहा कि इससे जैव विविधता को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे। जावड़ेकर ने ट्वीट किया, ‘‘74वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की घोषणा के अनुरूप देश की नदियों और समुद्रों में डॉल्फिन के संरक्षण और सुरक्षा के लिए 15 दिनों में प्रोजेक्ट डॉल्फिन की शुरुआत की जाएगी।’’ प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त को कहा था कि उनकी सरकार प्रोजेक्ट डॉल्फिन को बढ़ावा देना चाहती है। मोदी ने कहा था, ‘‘हम नदियों और समुद्रों में रहने वाले दोनों तरह के डॉल्फिन पर ध्यान देंगे। इससे जैव विविधता को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे। यह पर्यटन के लिए आकर्षण का केंद्र भी होगा। इसलिए हम इस दिशा में आगे बढ़ने जा रहे हैं।’’ गंगा नदी में पाई जाने वाली डॉल्फिन को 2010 में राष्ट्रीय जलीय जीव प्रजाति घोषित किया गया था। गंगा नदी में पाई जाने वाली डॉल्फिन ताजा जल में रहने वाली प्रजाति है जो मुख्यत: गंगा और ब्रह्मपुत्र एवं इनकी सहायक नदियों में पाई जाती है। ये डॉल्फिन भारत, बांग्लादेश और नेपाल में पाई जाती है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक भारत की नदियों में करीब 3700 गंगा नदी डॉल्फिन हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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