वाजपेयी जी के शासन में राष्‍ट्रपति क्लिंटन का भारत आना एक असाधारण घटना थी

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रेनू तिवारी । Aug 16 2018 4:38PM

कवि हृदय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी वाकई भारत रत्न हैं। उन्होंने एक बार तालियों के गड़गड़ाहट के बीच अपनी कविता के माध्यम से पाकिस्तान और अमेरिका से जमकर निशाना साधा था।

कवि हृदय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी वाकई भारत रत्न हैं। उन्होंने एक बार तालियों के गड़गड़ाहट के बीच अपनी कविता के माध्यम से पाकिस्तान और अमेरिका से जमकर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान, अमेरिका तो क्या पूरी दुनिया भी एक तरफ हो जाए तो कश्मीर मामले में भारत का सिर नहीं झुकेगा। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को विदेश नीति का पुरोधा माना जाता है। सन् 2000 में जब तत्‍कालीन अमेरिकी राष्‍ट्रपति बिल क्लिंटन ने भारत का दौरा किया तो यह बात एक बार फिर से साबित हो गयी कि विदेश नीति के मामलों में अटल बिहारी वाजपेयी की नीतियों को मौजूदा कोई टक्कर नहीं दे सकता था। ऐसा इस लिए क्योंकि 22 वर्षों में ये पहली बार हो रहा था कि अमेरिका के राष्‍ट्रपति भारत यात्रा पर थे। सन् 1998 में जब भारत ने पोखरन में परमाणु परिक्षण किया था, तो दुनिया के तमाम देशों को भारत के इस कदम की अलोचना करने के लिए उकसाने वाला अमेरिका, अटल बिहारी वाजपेयी की विदेश नीति के कारण ही भारत यात्रा पर था। अमेरिका के राष्‍ट्रपति बिल क्लिंटन वाजपेयी जी के शासन काल में भारत आये और उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी को अमेरिका आने का न्योता भी दिया था। 

विदेश नीति के जानकार क्लिंटन के उस दौरे को आज तक अमेरिका और भारत के बीच रिश्‍तों की नई शुरुआत का अध्‍याय करार देते हैं। बिल क्लिंटन 22 वर्षों में भारत का दौरा करने वाले पहले अमेरिकी राष्‍ट्रपति बने थे। उनसे पहले साल 1978 में जिमी कार्टर ने भारत का दौरा किया था और इसके बाद से कोई भी अमेरिकी राष्‍ट्रपति भारत नहीं आया था। बिल क्लिंटन पांच दिन के लिए भारत में थे तो सिर्फ पांच घटों के लिए ही पाकिस्‍तान में रुके थे।

राष्‍ट्रपति क्लिंटन का भारत आना एक असाधारण घटना मानी गई थी। पाकिस्‍तान और अमेरिका के रिश्‍तों में कारगिल की जंग के बाद से तनाव आना शुरू हो गया था। लेकिन इस तनाव की वजह से अमेरिका का झुकाव भारत की तरफ होगा, ये किसी ने भी नहीं सोचा था। क्लिंटन भारत आए और उन्‍होंने देश की संसद को संबोधित किया। 

मार्च 2000 में राष्‍ट्रपति क्लिंटन ने भारत दौरा खत्‍म किया तो उन्‍होंने वाजपेयी को अमेरिका आने का इनवाइट दिया। वाजपेयी सितंबर 2000 में अमेरिका दौरे पर गए और यहां राष्‍ट्रपति क्लिंटन ने उनका स्‍वागत किया। 

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