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प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने ममता बनर्जी को रामायण भेजकर की पाठ करने की अपील
- दिनेश शुक्ल
- जनवरी 24, 2021 12:04
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वही ममता बनर्जी के मंच से दिए इस बयान के बाद भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इसे भगवान श्रीराम के अपमान से जोड़ दिया और ममता बनर्जी के खिलाफ एक अभियान छेड़ दिया है।
भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा में प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कोरियर से रामायण भेजी है। रामेश्वर शर्मा ने ममता बनर्जी से रामायण पाठ करने की भी अपील की है। दरअसल शनिवार को नेता जी सुभाष चंद्र बोस की जयंति के अवसर पर कोलकता में आयोजित पराक्रम दिवस के कार्यक्रम श्रीराम के नारे लागने पर ममता बनर्जी ने आपत्ति ली थी। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी उपस्थित थे।
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कोलकता में आयोजित इस कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भाषण से पहले वहाँ उपस्थित कुछ लोगों ने जय श्रीराम के नारे लगाए थे। जिस पर ममता बनर्जी ने आपत्ति लेते हुए कहा था कि यह कोई राजनीतिक पार्टी का कार्यक्रम नहीं है बल्कि एक सरकारी कार्यक्रम है किसी को आमंत्रित करके उसे अपमानित नहीं किया जाना चाहिए। वही ममता बनर्जी के मंच से दिए इस बयान के बाद भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इसे भगवान श्रीराम के अपमान से जोड़ दिया और ममता बनर्जी के खिलाफ एक अभियान छेड़ दिया है।
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वही मध्य प्रदेश विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर व भोपाल की हुजूर विधानसभा से भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने ममता बनर्जी के इस बयान पर आपत्ति जताते हुए उन्हें रविवार को रामायण कोरियर की और ममता बनर्जी से अपील की है कि वह रामायण का पाठ करें। रामेश्वर शर्मा ने कहा कि आपको राम नाम से इतनी आपत्ति क्यों है। इस रामायण में सर्वे भवन्तु सुखिनः है। उन्होंने कहा कि दीदी इस रामचरित मानस में है सबका कल्याण है। राम का विरोध मत करिए जय श्रीराम बोलनी सीखो आपने पश्चिम बंगाल की धरती पर राम के नाम का अपमान किया यह ठीक नहीं है। रामेश्वर शर्मा ने कहा कि मैं रामचरित मानस की प्रति ममता दीदी को भेज रहा हूँ और उनसे इसका पाठ करने की अपील करता हूँ कि वह इसे पढ़कर भगवान श्रीराम का नारा लगाएगी।
गुजरात के इस आइलैंड पर 74 साल में पहली बार बना पोलिंग बूथ
- निधि अविनाश
- मार्च 1, 2021 15:41
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बता दें कि गुजारत का आइलैंड आलिया वेट एक बहुत ही छोटा आइलैंड है जहां पोलिंग बूथ का नामोनिशान नहीं था जिसके कारण लोगों को अपना वोट देने के लिए कहीं और जाना पड़ता था। इसी को देखते हुए चुनाव आयोग ने यहां पोलिंग स्टेशन बनाने का फैसला किया।
गुजरात के भरूच में 74 साल बाद पोलिंग स्टेशन बनाया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक यह पोलिंग बूथ चुनाव आयोग ने पहली बार बनाया है। इस पोलिंग स्टेशन में केवल 204 वोटर्स ही वोट करेंगे। बता दें कि पिछले 74 सालों में पहली बार गुजरात के भरूच के लोगों को वोट करने के लिए अपने पहला पोलिंग स्टेशन मिला है जिसके तहत अब इन वोटर्स को कहीं और नहीं जाना पड़ेगा। बता दें कि गुजारत का आइलैंड आलिया वेट एक बहुत ही छोटा आइलैंड है जहां पोलिंग बूथ का नामोनिशान नहीं था जिसके कारण लोगों को अपना वोट देने के लिए कहीं और जाना पड़ता था। इसी को देखते हुए चुनाव आयोग ने यहां पोलिंग स्टेशन बनाने का फैसला किया।
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पोलिंग बूथ को सेटअप करने वाले एक अधिकारी ने बताया कि, 600 आबादी वाले इस आइलैंड में जब पोलिंग स्टेशन बनाने पहुंचे तो वहां के लोगों ने चुनाव आयोग के अधिकारियों को खाना खिलाया और पारंपरिक अंदाज में उनका स्वागत किया। बता दें कि यहां एक स्कूल में पोलिंग बूथ बनाया गया है। गुजरात के छोटे से आइलैंड आलिया बेट में 74 सालों में पहली बार पोलिंग बूथ तैयार किया गया है जिससे वोटर्स को अब वोट करने में काफी आसानी होगी। गुजरात का यह छोटा सा आइलैंड काफी खूबसूरत है जिसे जल्द ही गोवा जैसा तैयार किया जाएगा। टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार भी इसके विकास में लग गई है।
असम में कांग्रेस के साथ राजद, पर बंगाल में TMC पर डोरे डाल रहे तेजस्वी
- अंकित सिंह
- मार्च 1, 2021 15:30
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माना जा रहा है कि तेजस्वी लगातार पश्चिम बंगाल की राजनीति पर नजर रख रहे हैं। यहां माहौल टीएमसी के पक्ष में दिखाई दे रही है। ऐसे में उनका पहला विकल्प टीएमसी ही है।
लालू यादव की पार्टी अब राष्ट्रीय राजनीति में अपने पैर जमाने की कोशिश में है। यही कारण है कि पार्टी के मुख्य नेता और लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव आगामी चुनाव के लिए अलग-अलग संभावनाओं की तलाश रहे हैं। दूसरे राज्यों में गठबंधन की बात करें तो आरजेडी के लिए सबसे अच्छा विकल्प कांग्रेस ही हो सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि पार्टी का कांग्रेस के साथ गठबंधन बिहार में गठबंधन है। बिहार में दोनों दलों का काफी दिनों से गठबंधन रहा है। लेकिन वर्तमान में आरजेडी कुछ अलग सोच रही है।
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बिहार में कांग्रेस के साथ है तो असम में भी उसी पार्टी के साथ आरजेडी गठबंधन की फिराक में है। आरजेडी के श्याम रजक और अब्दुल बारी सिद्दीकी असम चुनाव के लिए कांग्रेस के नेताओं के साथ संपर्क में हैं। लेकिन, बंगाल में तेजस्वी और आरजेडी का विकल्प कांग्रेस ना रहकर तृणमूल कांग्रेस हो गई है। बंगाल में कांग्रेस और वाम दल एक साथ है जैसा कि बिहार में भी है। आरजेडी के लिए यहां गठबंधन ज्यादा आसान रहता। लेकिन पार्टी ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस में अपना भविष्य ज्यादा देख रही है। ऐसे में साफ है कि बिहार और असम की तरह बंगाल में तेजस्वी को कांग्रेस नहीं भा रही। फिलहाल तेजस्वी यादव कोलकाता में ही है और आज ममता बनर्जी से मुलाकात की संभावनाएं भी है।
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माना जा रहा है कि तेजस्वी लगातार पश्चिम बंगाल की राजनीति पर नजर रख रहे हैं। यहां माहौल टीएमसी के पक्ष में दिखाई दे रही है। ऐसे में उनका पहला विकल्प टीएमसी ही है। असम में आरजेडी कांग्रेस के नेतृत्व वाली गठबंधन में ही रहेगी। तृणमूल कांग्रेस ने पहले ही कह दिया था कि उसे किसी गठबंधन की जरूरत नहीं है। फिर भी तेजस्वी यादव ममता बनर्जी से मुलाकात करने कोलकाता पहुंचे हैं। माना जा रहा है कि तृणमूल कांग्रेस के रणनीतिकार प्रशांत किशोर इसमें अहम भूमिका निभा सकते हैं। दूसरी ओर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी कहा है कि लेफ्ट पार्टी के साथ सीट बंटवारे का हमारा मुद्दा अभी हल नहीं हुआ है। इसके लिए चर्चा चल रही है। RJD के साथ हमारी कोई चर्चा नहीं हुई है। उनके नेता ममता बनर्जी से बात कर रहे हैं ये अलग बात है इससे हमारा कोई लेना देना नहीं है।
लेफ्ट पार्टी के साथ सीट बंटवारे का हमारा मुद्दा अभी हल नहीं हुआ है। इसके लिए चर्चा चल रही है। RJD के साथ हमारी कोई चर्चा नहीं हुई है। उनके नेता ममता बनर्जी से बात कर रहे हैं ये अलग बात है इससे हमारा कोई लेना देना नहीं है: कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी pic.twitter.com/jwSDQHynTR
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 1, 2021
PM के टीका लगवाने के बाद अब बड़ी संख्या में लोगों के टीकाकरण करवाने की उम्मीद: डॉ. गुलेरिया
- अनुराग गुप्ता
- मार्च 1, 2021 15:24
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एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारत में निर्मित कोवैक्सीन की डोज ली और जो यह दर्शाता है कि दोनों टीके पूरी तरह से सुरक्षित और कारगर हैं। डॉ. गुलेरिया ने कहा कि टीकाकरण के लिए हमें आगे आना चाहिए और जो भी टीका उपलब्ध हो, उसकी डोज लगवानी चाहिए।
नयी दिल्ली। कोरोना वायरस टीकाकरण के दूसरे चरण की शुरुआत हो चुकी है और इसका नेतृत्व स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना टीका लगवाकर किया है। इसी बीच एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना टीका लगवाकर यह संदेश देने की कोशिश की है कि जब हमारी बारी आए तो हमें आगे आकर टीका लगवाना चाहिए।
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उन्होंने कहा कि 60 साल से अधिक उम्र के और गंभीर बीमारी से पीड़ित 45 साल के लोगों को टीकाकरण जरूर कराना चाहिए। यह महामारी से बचने का एकमात्र उपाय है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारत में निर्मित कोवैक्सीन की डोज ली और जो यह दर्शाता है कि दोनों टीके पूरी तरह से सुरक्षित और कारगर हैं।
डॉ. गुलेरिया ने कहा कि टीकाकरण के लिए हमें आगे आना चाहिए और जो भी टीका उपलब्ध हो, उसकी डोज लगवानी चाहिए। समाचार एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में डॉ. गुलेरिया ने बताया कि प्रधानमंत्री जी टीकाकरण से पहले नर्सिंग स्टाफ को सहज रखना चाहते थे, इसीलिए उन्होंने पहले उनसे मजाक किया और फिर स्थानीय भाषा में उनसे बात की और फिर उन्होंने उनसे पूछा कि वे कहां से हैं।
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डॉ. गुलेरिया ने बताया कि प्रधानमंत्री के इस व्यवहार से मदद मिली क्योंकि नर्सिंग स्टॉफ को यह नहीं पता था कि वह किसको टीका लगाएंगी। उन्होंने आगे बताया कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा टीका लगवाना एक बड़ा गेम-चेंजर होगा। मुझे विश्वास है कि बड़ी संख्या में लोग आगे आएंगे और टीका लगवाएंगे। हमने सरकारी और निजी क्षेत्रों दोनों में लोगों को समायोजित करने के लिए टीकाकरण की व्यवस्था की है। इसके अलावा एम्स में पांच जगह पर इसकी व्यवस्थाएं की गईं हैं।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को सुबह अचानक से एम्स पहुंचे, जहां पर उन्होंने डॉ. रणदीप गुलेरिया की उपस्थिति में भारत बॉयोटेक का कोवैक्सीन टीका लगवाया। प्रधानमंत्री को टीका पुडुचेरी की नर्स ने लगाया था।
PM took #COVID19 vaccine & showed that we must do the same when turn comes. It'll go long way in getting over vaccine hesitancy. All over 60 yrs of age & those above 45 yrs with comorbidities must take vaccine. It's the only way to come out of pandemic: AIIMS Director Dr Guleria pic.twitter.com/P2ufW4BBUO
— ANI (@ANI) March 1, 2021

