अपने वैज्ञानिकों पर गर्व, पूरा देश उनके साथ खड़ा है : कांग्रेस
कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा, समूचा देश इस समय इसरो की टीम के साथ खड़ा है। अंतरिक्ष एजेंसी के कठिन परिश्रम और प्रतिबद्धता ने देश को गौरवान्वित किया है।
नयी दिल्ली। चंद्रयान-2 के लैंडर ‘विक्रम’ का चांद पर उतरते समय जमीनी स्टेशन से संपर्क टूटने के बाद कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि इसरो के वैज्ञानिकों पर समूचे राष्ट्र को गर्व है और सब उनके साथ खड़े हैं। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, इसरो को चंद्रयान-2 मिशन पर उसके बेहतरीन कार्य के लिए बधाई। आपका भाव और समर्पण हर भारतीय के लिए एक प्रेरणा है। आपका काम बेकार नहीं जाएगा। इसने कई और महत्वपूर्ण तथा महत्वाकांक्षी भारतीय अंतरिक्ष मिशनों की नींव रखी है।
Congratulations to the team at #ISRO for their incredible work on the Chandrayaan 2 Moon Mission. Your passion & dedication is an inspiration to every Indian. Your work is not in vain. It has laid the foundation for many more path breaking & ambitious Indian space missions. 🇮🇳
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 6, 2019
कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा, समूचा देश इस समय इसरो की टीम के साथ खड़ा है। अंतरिक्ष एजेंसी के कठिन परिश्रम और प्रतिबद्धता ने देश को गौरवान्वित किया है। पार्टी के वरिष्ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने ट्वीट किया कि इसरो की टीम का समर्पण और कठिन परिश्रम हम सभी के लिए एक प्रेरणा है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, चंद्रयान- 2 मिशन इस बात का प्रमाण है कि इसरो के वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में नए मार्ग प्रशस्त किए हैं और हर भारतीय को गौरवान्वित किया है।
The nation stands by the entire team of @isro as we wait in these tense times. Your hard work and commitment has made our nation proud. Jai Hind.#Chandrayaan2Landing
— Congress (@INCIndia) September 6, 2019
उन्होंने कहा, हम इस अवसर को आगे बड़ी संभावना और नयी ऊंचाइयों पर पहुंचने के तौर पर देखते हैं। भविष्य उज्ज्वल ही उज्ज्वल है। गौरतलब है कि चंद्रयान-2 के लैंडर ‘विक्रम’ का चांद पर उतरते समय जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया। सपंर्क तब टूटा जब लैंडर चांद की सतह से बस 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर था। लैंडर को देर रात लगभग एक बजकर 38 मिनट पर चांद की सतह पर लाने की प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन चांद पर नीचे की तरफ आते समय 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर जमीनी स्टेशन से इसका संपर्क टूट गया।
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