अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात की
![Antony Blinken met Chinese President Xi Jinping Antony Blinken met Chinese President Xi Jinping](https://images.prabhasakshi.com/2024/4/26/antony-blinken-met-chinese-president-xi-jinping_large_1538_154.webp)
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने शुक्रवार को चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और अन्य वरिष्ठ चीनी अधिकारियों के साथ मुलाकात की। उन्होंने साथ ही गलतफहमी और गलत आकलनों के खतरों को लेकर चेतावनी भी दी। ब्लिंकन ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी और जन सुरक्षा मंत्री वांग शियाहोंग के साथ बातचीत के बाद राष्ट्रपति चिनफिंग से मुलाकात की।
बीजिंग। अमेरिका और चीन के बीच विभिन्न द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विवाद को दूर करने के लिए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने शुक्रवार को चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और अन्य वरिष्ठ चीनी अधिकारियों के साथ मुलाकात की। उन्होंने साथ ही गलतफहमी और गलत आकलनों के खतरों को लेकर चेतावनी भी दी। ब्लिंकन ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी और जन सुरक्षा मंत्री वांग शियाहोंग के साथ बातचीत के बाद राष्ट्रपति चिनफिंग से मुलाकात की। दोनों देशों के बीच मतभेदों के बढ़ने के बावजूद हाल के महीनों में बातचीत के दौर में वृद्धि हुई है।
ब्लिंकन और वांग ने संवाद के रास्ते खुले रखने के महत्व को रेखांकित किया, लेकिन उन्होंने इस बात पर भी खेद जताया कि मतभेद अधिक गंभीर होते जा रहे हैं और वैश्विक सुरक्षा को खतरा पैदा कर रहे हैं। इस सप्ताह की शुरुआत में दोनों देशों के बीच गंभीर मतभेद तब उजागर हुए जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने विदेशी सहायता विधेयक पर हस्ताक्षर किए जिसमें कई प्रावधान है जो चीन अपने खिलाफ मानता है। दोनों देशों के नेताओं की टिप्पणी मतभेदों की एक लंबी सूची का संकेत देती है जिसमें ताइवान और दक्षिण चीन सागर, व्यापार और मानवाधिकार, रूस के लिए चीन का समर्थन और ‘सिंथेटिक ओपिओइड प्रीकर्सर’ का उत्पादन और निर्यात शामिल है।
वांग ने करीब साढ़े पांच घंटे की बातचीत की शुरुआत में ब्लिंकन से कहा, ‘‘कुल मिलाकर, चीन-अमेरिका के रिश्ते स्थिर होने लगे हैं। लेकिन साथ ही, रिश्ते में नकारात्मक कारक अभी भी बढ़ रहे हैं जिनकी वजह से संबंधों को सभी प्रकार के व्यवधानों का सामना करना पड़ रहा है।’’ ब्लिंकन ने जवाब देते हुए कहा कि बाइडन प्रशासन विवाद के मुद्दों पर भी अमेरिकी-चीन वार्ता को प्राथमिकता देता है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष में कुछ प्रगति हुई है लेकिन संकेत दिया कि बातचीत कठिन बनी रहेगी।
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