जम्मू-कश्मीर के बजट में नौकरियों के अवसर बढ़ाने पर जोर, जनता ने किया स्वागत

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सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के बजट पर चर्चा के दौरान सबसे अधिक उल्लेख अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को समाप्त किये जाने को लेकर आया और पूछा गया कि ऐसा क्यों हुआ, इससे क्या मिला ?

मोदी सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के लिये वित्त वर्ष 2022-23 का 1.42 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया जिसे लोकसभा ने अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है। इस बार के बजट में इस बात पर ध्यान केंद्रित किया गया है कि कैसे राज्य में बुनियादी ढांचों का तेजी से निर्माण हो। इसके अलावा रोजगार के अवसरों के सृजन तथा निवेश अनुकूल माहौल बनाने पर भी ध्यान दिया गया है। लोकसभा में बजट पर हुई चर्चा के दौरान विपक्षी सदस्यों ने भी जम्मू-कश्मीर के विकास को लेकर सवाल करने की बजाय 370 हटाने से क्या फायदा हुआ, इसी तरह के सवाल ही ज्यादा पूछे।

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इसीलिए सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के बजट पर चर्चा के दौरान सबसे अधिक उल्लेख अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को समाप्त किये जाने को लेकर आया और पूछा गया कि ऐसा क्यों हुआ, इससे क्या मिला ? उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को सात दशकों तक जिन अधिकारों से वंचित रखा गया, उसे अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद लोगों को प्रदान किया जा सका है। सीतारमण ने कहा कि अब 890 केंद्रीय कानून जम्मू कश्मीर में लागू हो सके हैं और लोगों को उनका अधिकार मिला है। यहां दो बाइट लग जायेगी।

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जम्मू-कश्मीर के लिए आये इस बजट पर प्रभासाक्षी संवाददाता ने श्रीनगर में जब आम लोगों से बातचीत की तो सभी ने कहा कि हमें सरकार से और मदद चाहिए क्योंकि दो साल से कोरोना से राज्य की अर्थव्यवस्था काफी प्रभावित हुई है और पर्यटक सीजन के दौरान लॉकडाउन की वजह से लोगों की आजीविका प्रभावित हुई है।

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