पुलवामा आतंकी हमले का मास्टरमाइंड कामरान और गाजी ढेर, 5 जवान शहीद

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जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों के छुपे होने की खबर मिलते ही सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी की। जिसके तुंरत बाद ही आतंकवादियों ने सुरक्षाबलों पर गोलियां बरसाना शुरू कर दिया।

जम्‍मू। सेना ने 14 फरवरी को पुलवामा में केरिपुब की बस पर हुए आत्‍मघाती हमले के जिम्‍मेदार जैश-ए-मुहम्‍मद के दो कमांडरों को ढेर कर दिया है। केरिपुब बस पर हमले में 52 जपवान शहीद हुए थे। मारे गए दोनों कमांडरों की पहचान गाजी रशीद और कामरान के तौर पर की गइ्र है पर इसकी फिलहाल आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। इस कामयाबी के लिए सेना को अपने पांच जवानों की शहादत जरूर देनीपड़ी है जिनमें एक मेजर रैंक का अधिकारी भी है। इस आप्रेशन में दो नागरिकों की भी मौत हो गई। कुल 9 लोगों की मौत हुई है।

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अधिकारियों ने बताया कि पुलवामा के पिंगलिन इलाके में जिस मकान में जैश के इन दो कमांडरों से देर रात से ही मुठभेड़ चल रही थी उसे आज सुबह मोर्टार से उड़ा दिया गया। हालांकि मकान को उड़ाने से पहले पुलवामा में कफर्यू जर लगा दिया गया था। पुलवामा हमले के दोषी जैश कमांडरों की मौत पर अधिकारियों का कहना था कि जब तक मलबे से शव निकाल पहचान नहीं कर ली जाती कुछ कहना कठिन होगा पर उन्‍होंने इसे माना कि इन दोनों कमांडरों के इस घर में छुपे होने की खबरों के बाद ही आप्रेशन आरंभ किया गया था। इस मुठभेड़ में सुबह पांच सैनिकों की शहादत हो गई थी। सैनिकों की ताजा मौतें आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में हुई थीं। शहीद होने वाले सैनिकों में एक मेजर रैंक का अधिकारी भी शामिल है जबकि दो नागरिक भी मारे गए है।

कश्मीर के पुलवामा जिले के पिंगलिन इलाके में रविवार को आधी रात के बाद लगभग डेढ़ बजे शुरू हुई मुठभेड़ 10 घटों तक जारी रही थी। इसमें दो से तीन आतंकियों के घिरे होने की सूचना थी। लेकिन तीसरे के प्रति कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। शहीदों की पहचान मेजर डीएस डोंडियाल, हेड कांस्टेबल सेवाराम, सिपाही अजय कुमार और सिपाही हरि सिंह के रूप में हुई है। जबकि गंभीर रूप से घायल जवान गुलजार मोहम्मद को 92 बेस हॉस्पिटल में इलाज के लिए ले जाया गया जिसने वहां दम तोड़ दिया। इसके अलावा दो क स्थानीय नागरिक भी मारे गए। शहीद मेजर का संबंध 55 राष्ट्रीय रायफल्स से है। घटना स्थल पर मोर्चा संभालने के लिए पैरा कमांडो के दस्ते को बुलाया गया था। आतंकियों की मौजूदगी की सूचना पर 55 राष्ट्रीय राइफल्स, सीआरपीएफ तथा एसओजी की ओर से इलाके की घेराबंदी कर सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। घेराबंदी सख्त होता देख छिपे आतंकियों ने सुरक्षा बलों पर फायरिंग शुरू कर दी।

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जवाबी कार्रवाई से मुठभेड़ शुरू हो गई। कुछ देर की फायरिंग के बाद दूसरी ओर से फायरिंग बंद हो गई। पुलवामा जिले के लेथपोरा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमले के बाद पूरे इलाके में सुरक्षा बलों की ओर से सर्च आपरेशन चलाया जा रहा है। हमले वाले दिन 15 गांवों को घेरकर कासो चलाया गया था। इस दौरान आधा दर्जन से अधिक संदिग्धों को हमले के सिलसिले में हिरासत में लिया गया था। सुरक्षा एजेंसियां इनसे पूछताछ कर हमले के बारे में सूचनाएं एकत्रित करने की कोशिश में जुटी हुई हैं। खासकर, पुलवामा के उस इलाके पर शिकंजा कसा गया है, जिस जगह पर सीआरपीएफ काफिले पर हमला हुआ। सूत्रों का कहना है कि श्रीनगर से लेकर पांपोर तक नेशनल हाईवे से सटे गांवों में आतंकियों का बड़ा लोकल नेटवर्क काम कर रहा है। करीब 50 ऐसे गांव हैं, जहां इन आतंकी संगठनों के लिए काम हो रहा है।

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