पंजाब 2022: बदलाव की मांग के साथ चुनावी मैदान में उतरी डॉक्टर, बोलीं- सभी एक जैसे हैं

Doctor

अमनदीप कौर ढोलेवाल ने कहा, ‘मैंने चंडीगढ़ स्थित पुलिस अस्पताल से जनवरी में इस्तीफा दे दिया था। मैं वहां चिकित्सा अधिकारी के रूप में कार्यरत थी।’ उन्होंने कहा, ‘ये बहुत बड़े फैसले हैं। किसान आंदोलन से मैं करीब से जुड़ी हुई थी और जब एसएसएम अस्तित्व में आया, तब कई लोगों ने सुझाव दिया कि मुझे चुनाव लड़ना चाहिए।

बस्सी पठाना। अमनदीप कौर ढोलेवाल (37) का मानना है कि पंजाब की पिछली सरकारें लोगों के बुनियादी मुद्दों को हल करने में नाकाम रही हैं और अब समय आ गया है कि उनके जैसे आम लोग इन मुद्दों को सुलझाने का बीड़ा खुद उठा लें। यही कारण है कि उन्होंने चंडीगढ़ के पुलिस अस्पताल की चिकित्सा अधिकारी की नौकरी छोड़ दी है और ‘बदलाव लाने के लिए’ चुनावी दौड़ में शामिल हो गई हैं। ढोलेवाल, जिन्होंने केंद्र के विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का समर्थन किया था, 20 फरवरी को होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव में बस्सी पठाना से संयुक्त समाज मोर्चा (एसएसएम) के टिकट पर चुनावी किस्मत आजमा रही हैं। एसएसएम 22 किसान संगठनों का राजनीतिक मोर्चा है, जो सालभर चले आंदोलन का हिस्सा थे। 

इसे भी पढ़ें: किसानों से एक साल तक PM मोदी ने नहीं की बात, राहुल बोले- गलती मानने के बाद भी नहीं दिया मुआवजा 

ढोलेवाल ने कहा, ‘मैंने चंडीगढ़ स्थित पुलिस अस्पताल से जनवरी में इस्तीफा दे दिया था। मैं वहां चिकित्सा अधिकारी के रूप में कार्यरत थी।’ उन्होंने कहा, ‘ये बहुत बड़े फैसले हैं। किसान आंदोलन से मैं करीब से जुड़ी हुई थी और जब एसएसएम अस्तित्व में आया, तब कई लोगों ने सुझाव दिया कि मुझे चुनाव लड़ना चाहिए। मैंने पिछले ही महीने राजनीति में आने और चुनाव लड़ने का मन बनाया। मेरे परिवार ने इस फैसले का समर्थन किया।’ ढोलेवाल ने दावा किया कि पंजाब के लोगों से जुड़े मुद्दों का लंबे समय से समाधान नहीं हुआ है और सार्वजनिक स्वास्थ्य तथा शिक्षा क्षेत्र बेहद खराब स्थिति में हैं।

उन्होंने कहा, ‘लोगों की बुनियादी समस्याओं को सुलझाया नहीं गया है। चुनाव के समय ये नेता आते हैं और जनता से विकास के नाम पर वोट मांगते हैं, जो हकीकत में हुआ ही नहीं है।’ ढोलेवाल ने आरोप लगाया, ‘पंजाब की पिछली सरकारों ने राज्य को तीन लाख करोड़ रुपये के कर्ज में डूबो दिया है। इसलिए, जब तक हम आम लोग आगे नहीं आते हैं, ये मुद्दे जारी रहेंगे।’ उन्होंने दावा किया कि एसएसएम का ‘मिशन बदलाव लाना है।’ बस्सी पठाना के लोगों से जुड़े मुद्दों का जिक्र करते हुए ढोलेवाल ने कहा, ‘कई जगहों पर लोगों के घरों में सीवेज का पानी घुस जाता है, सड़कों का बुरा हाल है और बुनियादी सुविधाएं गायब हैं।’ प्रतिद्वंद्वी दलों पर निशाना साधते हुए ढोलेवाल ने कहा कि सब एक जैसे हैं।

उन्होंने कहा, ‘आम आदमी पार्टी (आप) के ज्यादातर प्रत्याशी पहले या तो शिरोमणि अकाली दल के सदस्य थे या फिर कांग्रेस के। अब अगर ये लोग उससे जुड़ गए हैं तो ‘आप’ कैसे अलग होने का दावा कर सकती है और लोगों का भला कैसे होगा।’ बस्सी पठाना में ढोलेवाल का मुकाबला मौजूदा कांग्रेस विधायक गुरप्रीत सिंह जीपी से है। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भाई मनोहर सिंह (56), पंजाब लोक कांग्रेस के दीपक ज्योति (37) और ‘आप’ के रूपिंदर सिंह भी मैदान में हैं। 

इसे भी पढ़ें: PM की सुरक्षा पर नहीं हो राजनीति, केजरीवाल बोले- एक-दूसरे को हराने में लगी है कांग्रेस 

दिलचस्प बात यह है कि मनोहर सिंह और ज्योति भी पेशे से डॉक्टर हैं। नंदपुर कलौर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी के पद पर कार्यरत मनोहर सिंह ने चुनाव लड़ने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी। वह कांग्रेस से टिकट पाने की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन पार्टी द्वारा अपने मौजूदा विधायक को दोबारा नामित करने के बाद उन्होंने निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला किया। हाल ही में मनोहर सिंह ने कहा था कि उन्होंने अपनी सरकारी सेवा के दौरान एक डॉक्टर के रूप में लोगों की सेवा की थी और अगर वह चुनाव जीतते हैं तो दोबारा ऐसा करेंगे। ज्योति ने कहा कि वह बस्सी पठाना के लोगों को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करके और विकास कार्य शुरू करके उनकी सेवा करना चाहती हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़