UPA की भूमिका पर कांग्रेस के भीतर ही उठे सवाल, तिवारी ने पूर्व CAG की रिपोर्ट को बताया 2014 में हार का जिम्मेदार

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अभिनय आकाश । Aug 1 2020 2:31PM

राहुल समर्थकों द्वारा यूपीए-2 के खराब प्रसाशन को हार की वजह बताए जाने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने यूपीए सरकार का यह कहते हुए बचाव किया कि वह तत्कालीन सीएजी विनोद राय के माध्यम से दी गई फर्जी रिपोर्ट का शिकार थी।

राहुल गांधी को लेकर विपक्षी खेमे में जो असहज स्थिति हुआ करती रही, वही अब कांग्रेस के अंदर भी होने लगी है। चाहे वो शरद पवार हो मायावती या ममता बनर्जी मोदी विरोध की इन सभी धुरियों को सोनिया गांधी के साथ तालमेल बिठाने या संवाद करने में कभी कोई दिक्कत नहीं हुई है, लेकिन जब भी बात राहुल गांधी के नाम पर आकर रूकती है तो ज्यादातर नेताओं को दूरी बनाते देखा गया है। राहुल गांधी के नेतृत्व को कुछ युवा कांग्रेसियों के अलावा कम ही लोग हैं जो स्वीकार कर पाते हैं। कांग्रेस के अंदर भी दो पावर सेंटर नजर आते हैं। इन तमाम बातों के बीच इन सारी अटकलों को एक बार फिर से हवा मिल गई। कांग्रेस में एक बार फिर युवा तुर्क और अनुभवी नेताओं के बीच तलवारें खिंच गई हैं। खबरों के अनुसार राज्यसभा सांसदों की बैठक में कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी की मौजूदगी में दोनों गुटों के बीच तीखी बहस हुई। सूत्रों के अनुसार बैठक में सांसद ने कहा कि राहुल के सबसे करीबी रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया और सचिन पायलट जैसे नेता ही पार्टी की पीठ में छुरा भोंक रहे हैं। ऐसे में राहुल यदि कांग्रेस अध्यक्ष बना दिए गए तो पार्टी कैसे चलाएंगे। इन आरोपों से तिलमिलाए राहुल गुट के सांसदों ने पुराने नेताओं पर यूपीए-2 के दौरान खराब प्रशासन के चलते सरकार गंवाने का आरोप लगा दिया। उनका कहना था कि तब  वरिष्ठ मंत्री रहे इन सांसदों की वजह से पार्टी को जो नुकसान हुआ उसका खामियाजा वह अभी तक भुगत रही है।

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मनीष तिवारी ने विनोद राय पर साधा निशाना

राहुल समर्थकों द्वारा यूपीए-2 के खराब प्रसाशन को हार की वजह बताए जाने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने यूपीए सरकार का यह कहते हुए बचाव किया कि वह तत्कालीन सीएजी विनोद राय के माध्यम से दी गई फर्जी रिपोर्ट का शिकार थी। तिवारी ने कहा कि यूपीए में पूर्व सीएजी विनोद राय और उनके द्वारा 2जी पर दी गई फर्जी रिपोर्ट से भीतरघात की शुरुआत हुई। तिवारी ने कहा, यह जानना दिलचस्प होगा कि रिपोर्ट फर्जी थी लेकिन उसे किसने स्थापित किया था।

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राजीव सातव ने उठाए थे सवाल

दरअसल कांग्रेस की वर्चुअल बैठक में कांग्रेस सांसद राजीव सातव ने कई सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि आप सभी कह रहे हैं कि हमें आत्म निरिक्षण की जरूरत है, इसकी शुरुआत घर से होनी चाहिए। 2009 में 200 से ज्यादा थे लेकिन 44 पर कैसे आए, आप सभी उस वक्त मंत्री थे। उन्होंने कहा यह भी देखा जाना चाहिए कि आप कहां असफल रहे।

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