बैंकों के NPAs की समस्या का जल्द निपटान संभव नहीं: राहुल बजाज

Quick resolution to bank NPAs problem unlikely, says Rahul Bajaj
भारतीय बैंकों को गैर-निष्पादित आस्तियों की समस्या से जल्द मुक्ति मिलने की उम्मीद नहीं है। बजाज आटो के चेयरमैन राहुल बजाज ने आज यह बात कही।

नयी दिल्ली। भारतीय बैंकों को गैर-निष्पादित आस्तियों की समस्या से जल्द मुक्ति मिलने की उम्मीद नहीं है। बजाज आटो के चेयरमैन राहुल बजाज ने आज यह बात कही। देश के प्रमुख उद्योगपति ने कहा कि नई दिवाला संहिता आने के बावजूद एनपीए की समस्या का जल्द निपटान संभव नहीं है। कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट 2017-18 में शेयरधारकों को संबोधित करते हुए बजाज ने कहा कि देश में इस समय निवेश पर्याप्त नहीं है। जीडीपी पर सकल निश्चित पूंजी सृजन पर्याप्त नहीं है ओर इससे 7.5 से 8 प्रतिशत की स्थिर वृद्धि को सहयोग नहीं मिल पाएगा।

बजाज ने कहा कि अपर्याप्त निवेश तथा बैंकों की मौजूदा स्थिति देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की धीमी वृद्धि के दो महत्वपूर्ण कारक हैं। वित्त वर्ष 2017-18 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रही जो इसका चार साल का निचला स्तर है। इससे पिछले वित्त वर्ष में यह 7.1 प्रतिशत रही थी। इससे पहले 2013-14 में वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रही थी।

बजाज ने कई बैंकों के समक्ष मौजूदा स्थिति को अत्यंत खराब करार देते हुए कहा कि भारी डूबे कर्ज की वजह से बैंकों के बही खाते की हालत खराब हुई है और उनका मुनाफा गायब हो गया है। उन्होंने कहा कि आज ज्यादातर बैंकों के पास औद्योगिक वृद्धि के वित्तपोषण के लिए न तो वित्तीय ताकत है और न ही विश्वास है। बजाज आटो के चेयरमैन ने कहा कि इससे न केवल बड़ी कंपनियां प्रभावित हो रही हैं बल्कि छोटी इकाइयों पर भी असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इन कंपनियों के लिए निवेश के लिए मियादी ऋण को दूर की बात है , आवश्यक कार्यशील पूंजी जुटाना भी मुश्किल हो रहा है।

Disclaimer:प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


अन्य न्यूज़