सरकार का राफेल सौदे को पारदर्शी कहना हास्यास्पद: कांग्रेस
कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा कि विपक्ष ने राफेल विमान खरीद को लेकर बुनियादी सवाल उठाए हैं। इन सवालों में राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता, राष्ट्रीय विनिर्माण क्षमता को नुकसान पहुंचाने, एचएएल को प्रौद्योगिकी से उपेक्षित रखने और सरकारी खजाने को चपत लगाने से जुड़े सवाल शामिल हैं।
नयी दिल्ली। कांग्रेस ने राफेल मामले को लेकर सोमवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर फिर निशाना साधा और कहा कि सरकार की ओर से इस विमान सौदे को पारदर्शी और बिचौलिए की भूमिका से मुक्त बताना ‘हास्यास्पद’ है। पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने रक्षा मंत्री के एक बयान का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि इस पूरे मामले पर पर्दा डालने के लिए रक्षा मंत्रालय का दुरुपयोग किया गया है।
इसे भी पढ़ें : जेटली ने राफेल सौदे में दाम बढ़ने की खबरों को ‘बकवास अंकगणित’ बता कर खारिज किया
शर्मा ट्वीट कर कहा कि विपक्ष ने राफेल विमान खरीद को लेकर बुनियादी सवाल उठाए हैं। इन सवालों में राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता, राष्ट्रीय विनिर्माण क्षमता को नुकसान पहुंचाने, एचएएल को प्रौद्योगिकी से उपेक्षित रखने और सरकारी खजाने को चपत लगाने से जुड़े सवाल शामिल हैं। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री की ओर से विपक्ष के सवालों को कारपोरेट लॉबिंग करार देना आपत्तिजनक है। यह देखना दुखद है कि मामले को ढकने के लिए रक्षा मंत्रालय का दुरुपयोग किया गया और रक्षा मंत्री उस चीज का बचाव करने पर उतर आई हैं जिसका बचाव हो ही नहीं सकता।
Governments and BJP claims that the Rafael deal was transparent, and it has cut out middlemen is laughable and ridiculous. The fact is it was opaque and flawed. surely no middlemen .. good. But what when Pradhan Mantri ji acts as a frontman for corporate friends?
— Anand Sharma (@AnandSharmaINC) January 21, 2019
इसे भी पढ़ें : राफेल सौदे पर दुर्भावनापूर्ण अभियान चला रही है कांग्रेस, पब्लिक सब जानती है
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘सरकार और भाजपा यह दावा हास्यास्पद है कि राफेल सौदा पारदर्शी है और इससे बिचौलियों को बाहर रखा गया। सच्चाई यह है कि यह त्रुटिपूर्ण था। यह जरूर था कि कोई बिचौलिया नहीं था, लेकिन उस वक्त क्या होगा जब प्रधानमंत्री जी खुद कारपोरेट मित्रों की तरफ से कदम उठाते हों।’ उन्होंने सवाल किया कि प्रधानमंत्री ने फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के बयान को निजी तौर खारिज क्यों नहीं किया? इसका कोई जवाब है?
अन्य न्यूज़