बिजली संकट को लेकर राहुल गांधी ने साधा केंद्र पर निशाना, कहा- मैंने पहले ही सरकार को चेताया था

Rahul Gandhi
अंकित सिंह । Apr 27 2022 6:22PM

राहुल गांधी ने लिखा कि भारत भीषण बिजली संकट से जूझ रहा है। ज्यादातर राज्यों में आम लोगों को 8 घंटे बिजली कटौती झेलनी पड़ रही है। मैंने मोदी सरकार को चेतावनी दी थी कि बिजली की मांग चरम पर होने के कारण कोयले के भंडार की कमी देश के लिए पीड़ा का कारण बनेगी। सरकार ने इस मुद्दे को हल करने के बजाय इनकार किया।

देश में बिजली संकट का दौर चल रहा है। इन सब के बीच सरकार की ओर से भी लगातार बैठके की जा रही हैं। दूसरी ओर राहुल गांधी ने बिजली कटौती को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। अपने फेसबुक पोस्ट के जरिए राहुल गांधी ने लिखा कि भारत भीषण बिजली संकट से जूझ रहा है। ज्यादातर राज्यों में आम लोगों को 8 घंटे बिजली कटौती झेलनी पड़ रही है। मैंने मोदी सरकार को चेतावनी दी थी कि बिजली की मांग चरम पर होने के कारण कोयले के भंडार की कमी देश के लिए पीड़ा का कारण बनेगी। सरकार ने इस मुद्दे को हल करने के बजाय इनकार किया।

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इसके साथ ही राहुल ने लिखा कि सच अपने आप में बोलता है। उन्होंने कहा कि 165 कोयला संयंत्रों में से 106 कोयला स्टॉक के संबंध में एक महत्वपूर्ण चरण में पहुंच गए हैं - 25% से कम स्टॉक बचा है। हमारे पास केवल 21.55 मिलियन टन कोयला स्टॉक में है। कुल आवश्यक स्टॉक 66.32 मिलियन टन है। गुजरात, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब और अन्य राज्य बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि अभी थर्मल पावर प्लांट्स के पास 21.55 मिलियन टन का स्टॉक है जो 9 दिनों के लिए पर्याप्त है और हमारे पास कोयले का कुल स्टॉक 71.5 मिलियन टन है। इसलिए अभी किसी को घबराने की जरूरत नहीं है। सरकार की स्थिति पर नज़र है।

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केंद्रीय बिजली मंत्री आर के सिंह ने देश में बढ़ती बिजली की मांग के बीच रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात की। उन्होंने ताप बिजली संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति बढ़ाने के उद्देश्य से रैक की अधिक उपलब्धता को लेकर रेल मंत्री साथ यह बैठक की। ताप बिजलीघरों, विशेष रूप से जो कोयला खदानों से दूर स्थित संयंत्र कम कोयले के भंडार से जूझ रहे हैं। वही बढ़ते तापमान के कारण बिजली की मांग बढ़ गई है। बिजली मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि आर के सिंह और वैष्णव ने बिजली की बढ़ती मांग से निपटने के लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक रणनीतियों पर चर्चा करने के लिए एक बैठक की। इस दौरान बिजली मंत्रालय के सचिव अलोक कुमार, कोयला मंत्रालय के सचिव ए के जैन समेत कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।

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