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राहुल गांधी ने मनरेगा का उपहास उड़ाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी पर तंस कसा
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- फरवरी 22, 2021 16:03
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राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस ने गरीब लोगों के सशक्तिकरण के लिए काम किया और आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ भाजपा सबसे शक्तिशाली लोगों का सशक्तिकरण कर रही है।
वायनाड (केरल)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री बनने वाले नरेंद्र मोदी ने मनरेगा का ‘‘मजाक’’ उड़ाया था, लेकिन उन्हें यह तथ्य स्वीकार करना पड़ा कि पूर्ववर्ती संप्रग सरकार द्वारा लायी गयी ग्रामीण रोजगार योजना ने कोविड-19 महामारी के दौरान देश के लोगों की ‘‘रक्षा’’ करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। अपने निर्वाचन क्षेत्र वायनाड की पोठाडी ग्राम पंचायत में ‘‘कुदुंबश्री संगमम’’ का उद्घाटन करते हुए गांधी ने कहा कि कांग्रेस ने गरीब लोगों के सशक्तिकरण के लिए काम किया और आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ भाजपा सबसे शक्तिशाली लोगों का सशक्तिकरण कर रही है।
कांग्रेस नेता ने चुनावी राज्य केरल में अपने निर्वाचन क्षेत्र में दो दिवसीय दौरे की शुरुआत की। गांधी ने आरोप लगाया, ‘‘जब मोदी प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने हम सबके सामने संसद में मनरेगा का मजाक उड़ाया। उन्होंने कहा था कि मनरेगा देश के लोगों का अपमान है।’’ गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री को देश में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार के दौरान योजना के तहत कार्यों और धन का आवंटन बढ़ाने के लिए मजबूर होना पड़ा। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘‘और वह (मोदी) कोविड-19 के दौरान यह स्वीकार करने के लिए मजबूर हो गए कि मनरेगा ने देश के लोगों को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।’’
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उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान मनरेगा में रोजगार की मांग बढ़ गयी। वायनाड के सांसद ने कहा कि संप्रग सरकार द्वारा लायी गयी मनरेगा और स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की शुरुआत ना केवल ‘‘भेंट’’ है बल्कि यह ‘‘लोगों को मजबूत बनाने का जरिया भी है।’’ उन्होंने कहा कि जब मनरेगा की शुरुआत की गयी तो एक वित्त वर्ष में प्रत्येक ग्रामीण परिवार को कम से कम 100 दिनों के लिए रोजगार देने की गारंटी प्रदान की गयी।
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गांधी ने कहा कि कई लोगों ने दावा किया था कि मनरेगा योजना लोगों को तबाह कर रही है लेकिन ‘‘जब सरकार बड़े कारोबारियों को लाखों करोड़ रुपये दे रही है और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का निजीकरण कर रही है तो वे लोग कुछ नहीं कह रहे।’’ उन्होंने कहा कि मनरेगा योजना को लागू करने से संप्रग शासन के दौरान ‘‘शानदार आर्थिक वृद्धि’’ हुई।
दिल्ली में चलती बस में महिला पुलिसकर्मी से छेड़छाड़
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- मार्च 6, 2021 09:49
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दिल्ली के द्वारका इलाके में चलती बस में एक व्यक्ति ने 25 वर्षीय महिला पुलिस कांस्टेबल के साथ कथित रूप से छेड़खानी की और उसपर हमला कर दिया।
नयी दिल्ली। दिल्ली के द्वारका इलाके में चलती बस में एक व्यक्ति ने 25 वर्षीय महिला पुलिस कांस्टेबल के साथ कथित रूप से छेड़खानी की और उसपर हमला कर दिया। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि घटना बुधवार दोपहर हुई जब पीसीआर इकाई में तैनात कांस्टेबल ड्यूटी पर जा रही थी।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि आरोपी कांस्टेबल के साथ क्लस्टर बस में चढ़ा और उसके पीछे खड़ा हो गया। इसके बाद उसने गलत तरीके से उसे छुआ। जब कांस्टेबल ने इसपर आपत्ति जतायी तो उसने हेल्मेट से उसपर हमला कर दिया। पुलिस ने कहा कि हमले में कांस्टेबल घायल हो गई जबकि आरोपी बस से उतरकर भाग गया।
कांस्टेबल को दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल ले जाया गया। फिलहाल उनकी तबीयत स्थिर है। उन्होंने कहा कि कोई भी महिला कांस्टेबल की मदद के लिये आगे नहीं आया। यहां तक की बस चालक और मार्शल ने भी मदद नहीं की। चालक का कहना है कि घटना बस से बाहर हुई थी। द्वारका के पुलिस उपायुक्त संतोष कुमार मीणा ने कहा, मामला दर्ज कर लिया गया है। आरोपी को पकड़ने के प्रयास जारी हैं।
म्यांमा में घटनाक्रम पर करीबी नजर हैं, सभी मुद्दे शांतिपूर्ण तरीके से सुलझने चाहिए : विदेश मंत्रालय
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- मार्च 6, 2021 09:39
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एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि म्यांमा में सैन्य तख्ता पलट के बाद से वहां के 16 नागरिक भारत आए हैं और मिजोरम में शरण ली है। दावा है कि उनमें से 11 पुलिसकर्मी हैं।
म्यांमा में सैन्य तख्ता पलट और अशांति की पृष्ठभूमि में भारत ने शुक्रवार को कहा कि वह हालात पर करीब से नजर रखे हुए है और इस संबंध में साझेदार देशों से बातचीत भी कर रहा है। साथ ही उसने सभी मुद्दों को बातचीत के जरिए शांति से सुलझाने पर जोर दिया। म्यांमा से पुलिसकर्मियों सहित कुछ लोगों के भारत की सीमा में प्रवेश करने और मिजोरम में शरण लेने की खबरों के बीच विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह ‘‘तथ्यों का सत्यापन” कर रहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि म्यांमा में सैन्य तख्ता पलट के बाद से वहां के 16 नागरिक भारत आए हैं और मिजोरम में शरण ली है। दावा है कि उनमें से 11 पुलिसकर्मी हैं।
पत्रकार वार्ता में इस बारे में सवाल करने पर मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘फिलहाल हम तथ्यों का सत्यापन कर रहे हैं, इस संबंध में अधिक सूचना के साथ आपको उत्तर देंगे।’’ म्यांमा के विस्थापित लोगों की सहायता के लिए भारत द्वारा पिछले सप्ताह तटरक्षक के दो जहाज भेजे जाने के संबंध में श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘हमारे तटरक्षक कर्मी नावों पर सवार लोगों को मेडिकल, भोजन, पेयजल सहित अन्य मानवीय सहायता प्रदान कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम बांग्लादेश के संपर्क में हैं ताकि उन्हें उनके मूल स्थान (बांग्लादेश) सुरक्षित भेजा जा सके।
केन्द्र सरकार को महंगाई पर काबू पाने के लिये समय रहते कदम उठाने चाहिए : अशोक गहलोत
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- मार्च 6, 2021 09:27
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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को कहा कि केन्द्र सरकार को महंगाई पर काबू पाने के लिये समय रहते कदम उठाने चाहिए वरना लोगों में असंतोष पैदा होगा जो देश हित में नहीं है।
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को कहा कि केन्द्र सरकार को महंगाई पर काबू पाने के लिये समय रहते कदम उठाने चाहिए वरना लोगों में असंतोष पैदा होगा जो देश हित में नहीं है। गहलोत ने कांग्रेस द्वारा चलाई गई ‘‘स्पीक अप अगेंस्ट प्राइस राइज मुहिम’’ में युवाओं के हिस्सा लेने की प्रशंसा करते हुए कहा, ‘‘कम्पेन (अभियान) आज दिनभर बहुत शानदार चला, लाखों नौजवानों ने इसमें भाग लिया।’’
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें गिरने के बावजूद देश में ईंधन की कीमतों में वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल और गैस की बढ़ती कीमतों ने आम जनता का जीवन मुश्किल कर दिया है। परिवहन लागत बढ़ने से महंगाई भी बढ़ती जा रही है। कम होती आमदनी, जाती हुई नौकरियां और डूबती अर्थव्यवस्था के दौर में लोग जीवनयापन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। गहलोत ने कहा, ‘‘लेकिन बहुत दुख की बात है कि सरकार को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा।
(प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी नीत सरकार को ईंधन की कीमतें कम करनी चाहिए।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि आम आदमी को फायदा देकर उसकी क्रय शक्ति को बढाया जाये तो देश की अर्थव्यवस्था में सुधार हो सकता है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के चलते लोगों की नौकरियां चली गई है और व्यवसाय बंद हो गये हैं और ऐसी स्थिति में ईंधन की कीमतों में वृद्धि से खाद्य पदार्थो और सब्जियों के दामों में बढोत्तरी होगी और महंगाई बढेगी। उन्होंने कहा कि केन्द्र ने 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की जिसका सभी ने स्वागत किया, लेकिन बाद में यह पता चला कि पैसा ना तो राज्यों को मिला और नाहीं उद्योगों और व्यासायों को।
उन्होंने कहा कि गैस सिलेंडरों पर मिलने वाली राहत भी रोक दी गई है, हालांकि शायद इसकी अधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। राजस्थान सरकार ने लोगों को राहत पहुंचाने के लिये वैट में दो प्रतिशत की कमी की जिससे राज्य को 1000 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ लेकिन ईंधन की कीमत लगातार बढ रही हैं।

