तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक के पूर्व मंत्री वीरमणि के ठिकानों पर छापे मारे गये

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सतर्कता और भ्रष्टाचार रोधी विभाग ने आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में अन्नाद्रमुक के पूर्व मंत्री के सी वीरमणि से संबंधित 20 से अधिक परिसरों और ठिकानों की बृहस्पतिवार को तलाशी ली।

चेन्नई। सतर्कता और भ्रष्टाचार रोधी विभाग ने आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में अन्नाद्रमुक के पूर्व मंत्री के सी वीरमणि से संबंधित 20 से अधिक परिसरों और ठिकानों की बृहस्पतिवार को तलाशी ली। तिरुप्पत्तूर जिले के जोलारपेट्टई में उनके पैतृक स्थान पर भी तलाशी ली गयी। पुलिस ने यह जानकारी दी। विपक्षी दल ने सत्तारूढ़ द्रमुक पर अन्नाद्रमुक के खिलाफ ‘‘बदले की कार्रवाई’’ को लेकर निशाना साधा और दावा किया कि इन छापों का मकसद अगले महीने होने वाले निकाय चुनावों में उसके कार्यकर्ताओं को अपने-अपने जिलों में उत्साह के साथ काम करने से रोकना है।

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तमिलनाडु में 2016-2021 तक अन्नाद्रमुक की सरकार में वाणिज्यिक कर विभाग संभालने वाले वीरमणि विभाग की जांच के दायरे में आने वाले पार्टी के तीसरे पूर्व मंत्री है। इससे पहले विजयभास्कर (पूर्व परिवहन मंत्री) और एसपी वेलुमणि (पूर्व नगर प्रशासन मंत्री) भी जांच के घेरे में आ चुके हैं। पुलिस ने बताया कि सतर्कता अधिकारियों ने तिरुप्पत्तूर और चेन्नई समेत अन्य स्थानों पर 20 से अधिक ठिकानों पर तलाशी ली। वीरमणि के खिलाफ यह आरोप है कि उन्होंने 2016-21 के दौरान तकरीबन 28 करोड़ रुपये तक की आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित की। पार्टी पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए अन्ना द्रमुक के शीर्ष नेता ओ पनीरसेल्वम और के पलानीस्वामी ने आरोप लगाया कि द्रमुक आगामी स्थानीय निकाय चुनाव के मद्देनजर ऐसे हथकंडे इस्तेमाल करने लगी है।

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दिग्गज द्रविड़ नेता और दिवंगत मुख्यमंत्री सीएन अन्नादुरई के शब्दों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि द्रमुक ‘‘लोकतंत्र को दफनाने’’ में संलिप्त है। उन्होंने एक बयान में यह भी कहा कि ‘‘स्टालिन की पुलिस’’ ने अपने ‘‘चुनावी वादे पूरे न कर पाने’’ पर सरकार के खिलाफ ‘‘लोगों के आक्रोश’’ को छिपाने के लिए वीरमणि के आवास समेत 28 स्थानों पर छापे मारे। उन्होंने कहा कि बृहस्पतिवार को जो लोग सतर्कता विभाग की कार्रवाई के दायरे में आए, उन्होंने छह अप्रैल को हुए चुनावों में द्रमुक गठबंधन के खिलाफ काम किया था और यह अगले महीने ग्रामीण स्थानीय निकाय चुनावों के मद्देनजर ‘‘महज एक पूर्व नियोजित नाटक’’ है। जिन नौ जिलों में अगले महीने ग्रामीण स्थानीय निकाय चुनाव होने हैं उनमें वेल्लोर, तिरुप्पत्तूर और रानीपेट शामिल हैं। वीरमणि तिरुप्पत्तूर में अन्ना द्रमुक जिले के सचिव हैं। उन्होंने कहा, ‘‘लोग इन छापों को जिले में चुनावों के लिए अन्ना द्रमुक कार्यकर्ताओं की तैयारियों को रोकने की कोशिश के द्रमुक के पहले कदम के तौर पर देख रहे हैं जहां उसे अपने प्रदर्शन को लेकर संदेह है।’’ दोनों नेताओं ने आरोप लगाया कि ये छापे ‘‘बदले की कार्रवाई’’ का नतीजा हैं। उन्होंने कहा कि अन्ना द्रमुक नेताओं को निशाना बनाए जाने के बजाय सत्तारूढ़ पार्टी को अपने विभिन्न वादों को लागू करने पर अपने संसाधनों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

छापों पर प्रतिक्रिया देते हुए अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेता डी जयकुमार ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ द्रमुक पूर्व मंत्रियों को राजनीतिक रूप से निशाना बनाने और ‘‘जनता के सामने पार्टी की छवि बिगाड़ने’’ की कोशिश कर रही है। उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘यह द्रमुक की अपने विभिन्न चुनावी वादों को पूरा न करने की अक्षमता से ध्यान भटकाने की कोशिश है। ऐसे वक्त में जब ग्रामीण नगर निकाय चुनावों की घोषणा हो चुकी है तो ऐसी कार्रवाई वीरमणि को चुनाव से संबंधित कार्य करने से रोकने की कोशिश है।’’ जयकुमार ने कहा, ‘‘अन्नाद्रमुक ऐसे छापों से डरेगी नहीं। हम अदालत में अपनी बेगुनाही साबित करेंगे। पुलिस का इस्तेमाल कर अन्नाद्रमुक और उसके पूर्व मंत्रियों को डराने-धमकाने और उसकी छवि बिगाड़ने की कोई भी कोशिश सफल नहीं होगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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