Senior Citizens को छूट ना देकर हुआ Railways को फायदा, चार साल में कमाए 5800 करोड़ रुपये, RTI से हुआ खुलासा

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रितिका कमठान । Apr 2 2024 10:09AM

कोरोना महामारी के दौरान 20 मार्च 2020 को देशभर में लॉकडाउन लगाया था, इस समय ही भारतीय रेलवे ने सीनियर सिटीजन को किराए में मिलने वाली छूट वापस ले ली थी। इस दौरान महिला यात्रियों को ट्रेन किराए में 50 फिजी और पुरुष व ट्रांसजेंडर वरिष्ठ नागरिकों को 40 फ़ीसदी की रियायत दी जाती थी।

भारतीय रेलवे देश भर में बुजुर्ग नागरिकों को रेलवे यात्रा करने के दौरान खास छूट प्रदान करती है। हर बुजुर्ग रेलवे यात्री यात्रा करने से पहले छूट के लिए आवेदन कर सकता है। हालांकि सूचना के अधिकार के तहत पूछे गए एक सवाल से बड़ी जानकारी सामने आई है। आरटीआई लगाकर पूछने पर पता चला है कि सीनियर सिटीजन यानी बुजुर्गों को दी जाने वाली रियायतें भारतीय रेलवे वापस ले चुका है जिसके बाद भारतीय रेलवे ने बुजुर्गों से भी अधिक राजस्व इकट्ठा किया है। इस तरह बुजुर्गों को छूट ना देकर भारतीय रेलवे को 5800 करोड रुपए का फायदा हुआ है।

कोरोना महामारी के दौरान 20 मार्च 2020 को देशभर में लॉकडाउन लगाया था, इस समय ही भारतीय रेलवे ने सीनियर सिटीजन को किराए में मिलने वाली छूट वापस ले ली थी। इस दौरान महिला यात्रियों को ट्रेन किराए में 50 फिजी और पुरुष व ट्रांसजेंडर वरिष्ठ नागरिकों को 40 फ़ीसदी की रियायत दी जाती थी। हालांकि छठ की सुविधा वापस लेने के बाद बुजुर्ग यात्रियों से भी अन्य यात्रियों की तरह सामान्य किराया ही वसूला जाता है। बता दें कि पुरुष और ट्रांसजेंडर यात्रियों के लिए 60 वर्ष से अधिक उम्र और महिलाओं में 58 वर्ष से अधिक उम्र के लोग बुजुर्ग माने जाते हैं। 

बता दें कि मध्य प्रदेश के निवासी चंद्रशेखर गौर ने अलग-अलग समय पर आरटीआई अधिनियम के तहत आवेदन दायर किए हैं। 20 मार्च 2020 से 31 जनवरी 2024 तक रेलवे ने इस छूट को वापस लेने के बाद 5875 करोड रुपए से अधिक का राजस्व इकट्ठा किया है। गौड़ ने कहा, “मैंने आरटीआई अधिनियम के तहत तीन आवेदन दायर किए। पहले आवेदन में, रेलवे ने मुझे 20 मार्च, 2020 से 31 मार्च, 2022 तक का अतिरिक्त राजस्व आंकड़ा मुहैया कराया। दूसरे आवेदन में एक अप्रैल, 2022 से 31 मार्च, 2023 तक का आंकड़ा सामने आया। वहीं फरवरी, 2024 में दाखिल तीसरे आवेदन से मुझे एक अप्रैल, 2023 से 31 जनवरी, 2024 तक का ब्योरा मिला।” उन्होंने कहा कि इन आरटीआई जवाबों की प्रतियां साझा करते हुए कहा, ‘‘रेलवे ने वर्ष और लिंग के आधार पर आंकड़े दिए हैं। इनके सहारे हम 20 मार्च, 2020 से 31 जनवरी, 2024 तक रेलवे द्वारा एकत्र किए गए अतिरिक्त राजस्व का आसानी से पता लगा सकते हैं।’’ 

संसद में रेल मंत्री ने दिया था जवाब
इन प्रतियों से पता चलता है कि लगभग चार साल की अवधि में लगभग 13 करोड़ पुरुष, नौ करोड़ महिला और 33,700 ट्रांसजेंडर वरिष्ठ नागरिकों ने लगभग 13,287 करोड़ रुपये का कुल राजस्व देकर ट्रेन यात्राएं की। गौड़ ने कहा, ‘‘महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत और पुरुष एवं ट्रांसजेंडर वरिष्ठ नागरिक यात्रियों के लिए पहले लागू 40 प्रतिशत रियायत की गणना करने पर यह राशि 5,875 करोड़ से अधिक बैठती है।’’ वरिष्ठ नागरिकों को ट्रेन किरायों में मिलने वाली रियायत महामारी खत्म होने के बाद बहाल किए जाने से जुड़े सवाल संसद के दोनों सदनों समेत विभिन्न मंचों पर उठाए जा चुके हैं। हालांकि, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसका कोई सीधा जवाब न देते हुए कहा था कि भारतीय रेलवे प्रत्येक रेल यात्री को ट्रेन किराये पर 55 प्रतिशत छूट देता है।

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