दलितों पर हो रहे अत्याचार से आहत कांग्रेस विधायक ने अपनी सरकार को घेरा, CM गहलोत को भेजे इस्तीफे में लिखी यह बात

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राजस्थान राज्य मानाधिकार आयोग ने मामले में स्वत: संज्ञान लिया और जालोर जिला कलेक्टर और जिला पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी कर मामले की तथ्यात्मक रिपोर्ट 26 अगस्त तक तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने को कहा है। पीड़ित परिवार को कांग्रेस विधायक पानाचंद मेघवाल का समर्थन मिला। उन्होंने छात्र की मौत के मामले को लेकर अपनी ही सरकार पर निशाना साधा।

जयपुर। राजस्थान के जालोर जिले के सुराणा गांव के एक निजी स्कूल में टीचर की पिटाई से हुई दलित छात्र की मौत का मामला गर्माता जा रहा है। इसी बीच पीड़ित परिवार को कांग्रेस विधायक पानाचंद मेघवाल का समर्थन मिला। उन्होंने छात्र की मौत के मामले को लेकर अपनी ही सरकार पर निशाना साधा और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपना इस्तीफा भेजा।

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राजस्थान राज्य मानाधिकार आयोग ने मामले में स्वत: संज्ञान लिया और जालोर जिला कलेक्टर और जिला पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी कर मामले की तथ्यात्मक रिपोर्ट 26 अगस्त तक तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने को कहा है।

विधायक के तौर पर इस्तीफा देते हुए पानाचंद मेघवाल ने कहा कि मैं अत्याचार देखकर आहत हूं। जिस तरह से मेरे समुदाय पर अत्याचार हो रहा है, मैं अपने दर्द को शब्दों में बयां नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि दलित और वंचितों को घड़े से पानी पीने, मूंछ रखने, बारात में घोड़ी पर सवार होने के नाम पर मारा जा रहा है। न्यायिक प्रक्रिया ठप्प है और जांच की फाइलें एक टेबल से दूसरी टेबल पर भेजी जाती है।

आरोपी शिक्षक को किया गया गिरफ्तार

दलित छात्र की मौत मामले में आरोपी शिक्षक चैल सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। शिक्षक के खिलाफ दर्ज एफआईआर में उस पर छात्र की पिटाई करने और घड़े से छात्र के पानी पीने पर जातिगत गालियां देने समेत इत्यादि आरोप लगाए गए हैं।

9 साल के दलित छात्र इंद्र कुमार को 20 जुलाई को स्कूल में पीने के पानी के बर्तन को छूने के आरोप में एक शिक्षक ने कथित रूप से पीटा था और शनिवार को अहमदाबाद के एक अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी।

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पीड़ित परिवार को है सुरक्षा का डर

इस मामले में इंद्र कुमार के चाचा किशोर कुमार मेघवाल ने कहा कि मेरे भतीजे की मृत्यु उसकी जाति के कारण हुई। हमारे क्षेत्र में दलितों के साथ अमानवीय व्यवहार होता है। आज भी हमें नाइयों को खोजने के लिए कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता है जो हमारे बाल काट सकें। जब से हमने एफआईआर दर्ज कराई है, हम अपनी सुरक्षा के लिए डर में जी रहे हैं।

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