अन्य राज्यों से लौट रहे दिहाड़ी मजदूरों की मदद के लिए कदम उठा रही राजस्थान सरकार
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क । Mar 26 2020 8:04PM
राज्य सरकार के अधिकारियों ने बताया कि रोजी-रोटी की तलाश में गुजरात और अन्य राज्यों में गए हजारों राजस्थानी दिहाड़ी मजदूरों और श्रमिकों को 21 दिनों की बंदी लागू होने के बाद लौटने पर मजबूर होना पड़ा है।
जोधपुर। हजारों की संख्या में अन्य राज्यों से पैदल ही अपने गांवों को लौट रहे दिहाड़ी मजदूरों की मदद के लिए राजस्थान सरकार ने कदम उठाने शुरू किए हैं। राज्य सरकार ने ऐसे लोगों की कोरोना वायरस की स्क्रीनिंग करने के बाद उन्हें उनकी मंजिल तक पहुंचाना शुरू किया है। राज्य सरकार के अधिकारियों ने बताया कि रोजी-रोटी की तलाश में गुजरात और अन्य राज्यों में गए हजारों राजस्थानी दिहाड़ी मजदूरों और श्रमिकों को 21 दिनों की बंदी लागू होने के बाद लौटने पर मजबूर होना पड़ा है।
जालौर के पुलिस अधीक्षक हिम्मत अभिलाष ने कहा कि गुजरात से सटे जालौर और सिरोही जिले की सीमाओं पर बड़ी संख्या में आए लोगों को देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि 24-25 की मध्यरात्रि से बंदी लागू होने के बाद ये मजदूर पड़ोसी राज्य के विभिन्न स्थानों से पैदल चलकर वापस अपने घरों को लौट रहे हैं। उन्होंने कहा, इनमें से अधिकतर लोग पैदल चलकर ही आ रहे हैं और मजदूर वर्ग के हैं। इन्हें राज्य की सीमाओं से कुछ किलोमीटर पहले ही उतार दिया गया, जहां से ये राजस्थान की सीमा की ओर चले।Gave instructions that the aid announced by state govt reaches the needy & deprived asap. Nobody should feel helpless in #Rajasthan. We are there to wipe all tears.#COVID19 #राजस्थान_सतर्क_है
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) March 26, 2020
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पुलिस अधीक्षक ने कहा कि यह गतिविधि केवल गुजरात से सटे दो जिलों की सीमाओं तक ही सीमित नहीं है जबकि राजस्थान की सीमा से लगे पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों से भी लोग लौट रहे हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस, प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीमें सीमा चौकियों पर कैंप लगाकर आने वालों की स्क्रनिंग कर रही हैं और उनका पूरा विवरण दर्ज कर रहे हैं। जालौर के जिलाधिकारी भगवती प्रसाद ने कहा कि बुधवार शाम से अचानक लौटने वाले लोगों की संख्या में इजाफा देखने को मिला। उन्होंने कहा, इनमें से अधिकतर लोग बसों और अन्य वाहनों से सीमा तक पहुंच रहे हैं। हम इनकी स्क्रीनिंग कर रहे हैं और उनके विवरण दर्ज कर रहे हैं। हमनें वहां रोडवेज की बसें लगा रखी हैं, जिनके जरिए हम लोगों को उनके स्थानों तक पहुंचा रहे हैं।डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
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