उच्च एवं तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है राजस्थान सरकार: गहलोत

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बीते करीब डेढ़ साल में 87 नए सरकारी महाविद्यालय खोलने का जो अभूतपूर्व काम हुआ है वह उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के हमारे दृढ़ संकल्प को दर्शाता है। इसके साथ ही कोरोना के इस संकटकाल में भी ऑनलाइन टीचिंग तथा ई-कंटेंट जैसे नवाचारों को अपनाकर विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा रही है।

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार प्रदेश को उच्च तथा तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। गहलोत शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कांफ्रेंस के जरिए उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के ई-लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के गांव-ढाणी में रहने वाले बच्चे भी डॉक्टर-इंजीनियर, वैज्ञानिक तथा रिसर्च स्कॉलर जैसे उत्कृष्ट मानवीय संसाधन के रूप में तैयार हो सकें इस उद्देश्य से दूरस्थ क्षेत्रों तक उच्च तथा तकनीकी शिक्षा का प्रसार करना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने इस अवसर पर करीब 62 करोड़ रुपये की लागत से उच्च शिक्षा के 9 राजकीय महाविद्यालयों तथा करीब 23.22 करोड़ रुपये की लागत से तकनीकी शिक्षा के 10 राजकीय इंजीनियरिंग एवं पॉलीटेक्निक महाविद्यालयों में नवनिर्मित भवनों, बालिका छात्रावास, अनुसूचित जाति एवं जनजाति बालिका छात्रावास, प्रयोगशाला, नवीन आधारभूत संरचनाओं एवं तीन नवाचारों आनंदम पाठ्यक्रम, ई-कंटेट तथा पॉलीटेक्निक कॉलेज में सेमेस्टर प्रणाली का ई-लोकार्पण किया। गहलोत ने कहा, ‘‘बीते करीब डेढ़ साल में 87 नए सरकारी महाविद्यालय खोलने का जो अभूतपूर्व काम हुआ है वह उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के हमारे दृढ़ संकल्प को दर्शाता है। इसके साथ ही कोरोना के इस संकटकाल में भी ऑनलाइन टीचिंग तथा ई-कंटेंट जैसे नवाचारों को अपनाकर विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा रही है।’’ 

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तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण महामारी जैसे चुनौतीपूर्ण वक्त में भी राजस्थान सुशासन के मॉडल के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा कि ‘कोई भी भूखा न रहे’ के साथ ही हमारा ध्येय यह भी बन गया है कि किसी भी विद्यार्थी को पढ़ाई से वंचित न रहना पड़े। उच्च शिक्षा राज्यमंत्री भंवरसिंह भाटी ने कहा कि सरकार की नीति रही है कि सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों को उनके घर के नजदीक ही उच्च शिक्षा ग्रहण करने के अवसर उपलब्ध हों।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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