दिल्ली सरकार से मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने दिया इस्तीफा, धर्मांतरण कार्यक्रम में दिया था विवादित बयान, केजरीवाल भी थे नाराज

Rajendra Pal Gautam
ANI
रेनू तिवारी । Oct 9 2022 5:26PM

दिल्ली सरकार में मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने विवादित बयान के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया हैं। उन्होंने इस्तीफा देते हुए कहा कि मैं अपने समाज के हक की लड़ाई लड़ता रहूंगा। पिछले कई दिनों से मुझे और मेरे परिवार को धमकी दी जा रही हैं।

दिल्ली सरकार में मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने विवादित बयान के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया हैं। उन्होंने इस्तीफा देते हुए कहा कि मैं अपने समाज के हक की लड़ाई लड़ता रहूंगा। पिछले कई दिनों से मुझे और मेरे परिवार को धमकी दी जा रही हैं। मैं आपने कारण अपनी पार्टी का अहित नहीं होने देना चाहता हूं, मैं पार्टी का सच्चा सिपाही हूं, इस लिए पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं। राजेंद्र पाल गौतम का एक ‘धर्मांतरण कार्यक्रम’ में कथित तौर पर शामिल होने के बाद लोगों को भगवान राम, शिव , विष्णु, देवी-देवताओं की पूजा न करने की शपथ दिलाइ थी। इस पूरी घटना का वीडियो वायरल हो गया था, चारों तरह राजेंद्र पाल गौतम की आलोचना की जा रही थी। माना जा रहा है गुजरात चुनाव को देखते हुए आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल भी नाराज थे। अब तमाम तमाशे के बाद राजेंद्र पाल गौतम ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया हैं।

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दिल्ली सरकार में मंत्री राजेंद्र पाल गौतम का एक ‘धर्मांतरण कार्यक्रम’ में कथित तौर पर शामिल होने से जुड़ा एक वीडियो सामने आने के बाद वह शुक्रवार को विवाद में घिर गये। शुक्रवार को वायरल हुए इस वीडियो में, कार्यक्रम में शामिल हजारों लोग बौद्ध धर्म अपनाने का संकल्प लेते और हिंदू देवी-देवताओं की निंदा करते सुने जा सकते हैं। वीडियो शुक्रवार को वायरल होने के साथ ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निधाना साधते हुए उनसे गौतम को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की। हालांकि, गौतम ने बयान जारी कर कहा कि वह ‘‘बहुत धार्मिक व्यक्ति हैं और अपने कर्म तथा वचन से किसी देवता की सपने में भी आलोचना/निंदा नहीं कर सकते हैं।’’ आम आदमी पार्टी (आप) या दिल्ली सरकार की कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन आप सूत्रों ने दावा किया कि मुख्यमंत्री इसे लेकर समाज कल्याण मंत्री गौतम से ‘बेहद नाखुश’ हैं।

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गौतम ने बयान में भाजपा पर उनके खिलाफ अफवाह फैलाने और दुष्प्रचार करने का आरोप लगाया और कहा कि ‘‘भाजपा के प्रोपगैंडा के कारण जिनकी भावनाएं आहत हुई हैं, उनसे हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं।’’ भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने संवाददाता सम्मेलन में ‘आप’ पर हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ‘गौतम की टिप्पणी उस नफरत को दर्शाती है, जो पार्टी के मन में समुदाय (हिंदुओं) के प्रति है।’ उल्लेखनीय है कि पांच अक्टूबर को करीब 10,000 लोगों ने इस कार्यक्रम में बौद्ध धर्म अपनाने का कथित तौर पर संकल्प लिया। साथ ही, महात्मा बुद्ध की शिक्षाओं का पालन करने और हिंदू देवी-देवताओं की पूजा त्यागने का संकल्प लिया। गौतम ने उस दिन खुद ट्विटर पर इस कार्यक्रम की तस्वीरें साझा की थीं। उन्होंने कहा था कि 10,000 से अधिक लोगों ने बौद्ध धर्म अपनाने और भारत को जातिवाद व छुआछूत से मुक्त कराने की दिशा में काम करने का संकल्प लिया। कथित वीडियो में गौतम को कार्यक्रम में शामिल हुए अन्य लोगों के साथ मंच साझा करते देखा जा सकता है।

उन्हें संकल्प लेने की मुद्रा में खड़े भी देखा जा सकता है। कार्यक्रम में यह संकल्प लिया गया, ‘‘मैं कभी ब्रह्मा, विष्णु, महेश को नहीं मानूंगा, ना ही उनकी पूजा करूंगा। मैं कभी राम और कृष्ण को भगवान नहीं मानूंगा, ना कभी उनकी पूजा करूंगा। मैं गौरी, गणपति या हिंदू धर्म के किसी देवी-देवता को नहीं मानूंगा, ना ही उनकी पूजा करूंगा।’’ भाटिया ने संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि गौतम ने कथित टिप्पणी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इशारे पर की। उन्होंने कहा कि टिप्पणी आने वाले चुनावों में ‘वोट बैंक’ की राजनीति के मद्देनजर की गई। आरोपों का जवाब देते हुए गौतम ने कहा कि उन्होंने किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत नहीं किया है। उन्होंने कहा, ‘‘वे(भाजपा) गलत हैं। किसी ने भी किसी धर्म के देवी-देवताओं के खिलाफ एक शब्द नहीं कहा, ना ही किसी की धार्मिक भावना को आहत किया। जब लोग बौद्ध धर्म को अपनाते हैं तो ये 22 कसमें लेते हैं।

यह बौद्ध धर्म का पालन करने वालों का निजी मामला है। इस बारे में किसी को क्यों परेशान होना चाहिए? ’’ उन्होंने कहा कि इस तरह के धार्मिक कार्यक्रम प्रतिदिन होते हैं। आप सरकार में मंत्री ने एक टीवी समाचार चैनल से कहा, ‘‘कौन सा धर्म ऐसा नहीं करता? बौद्ध धर्म के अनुयायियों के ऐसा करने पर आपत्ति क्यों है। बुद्धिस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया (बौद्ध समाज का संगठन) हर साल (भीम राव) आंबेडकर के विचारों का प्रसार करता है।’’ भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने शुक्रवार को एक शिष्टमंडल के साथ जाकर इस संबंध में पुलिस को तहरीर दी। गुप्ता ने कहा कि यह कोई इकलौता मामला नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करना और उनके प्रति अनादर दिखाना आम आदमी पार्टी (आप) के स्वभाव में है।’’ उन्होंने अरविंद केजरीवाल से गौतम को तत्काल उनके मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग भी की। वहीं, भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने भी मंत्री पद से गौतम की बर्खास्तगी की मांग की। उन्होंने दावा किया कि गौतम की हरकत से हिंदू और बौद्ध समुदाय के बीच दुश्मनी पैदा हो सकती है। उधर, पश्चिम दिल्ली के सांसद प्रवेश वर्मा ने गौतम पर निशाना साधते हुए उन पर ‘सामूहिक धर्मांतरण’ में शामिल होने का आरोप लगाया। वर्मा ने ट्वीट किया, “आप शासित पंजाब से हर रोज धर्मांतरण की खबरें सामने आती हैं।

इसी तरह, केजरीवाल सरकार में मंत्री राजेंद्र पाल गौतम अब दिल्ली में सामूहिक रूप से लोगों का धर्मांतरण करवा रहे हैं।” विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने भी गौतम की आलोचना करते हुए उन्हें बर्खास्त करने की मांग की। विहिप ने दिल्ली पुलिस और उपराज्यपाल वी के सक्सेना से गौतम के खिलाफ ‘कड़ी कार्रवाई’ करने का भी आग्रह किया। परिषद ने आरोप लगाया है कि मंत्री द्वारा आयोजित कार्यक्रम में लोगों को शपथ दिलाने से हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंची है। विहिप ने केजरीवाल पर भी निशाना साधते हुए उनसे माफीनामे की मांग की और आरोप लगाया कि कार्यक्रम में उनके मंत्री के शामिल होने से उनका पाखंड उजागर हुआ है। विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा, ‘‘हमें इस कार्यक्रम में बौद्ध धर्म अपनाने वाले लोगों से कोई समस्या नहीं है। हिंदू धर्म और बौद्ध धर्म अलग नहीं हैं। लेकिन जिस तरह से हमारे देवी-देवताओं का खुले तौर पर इस कार्यक्रम में तिरस्कार किया गया, वह स्वीकार्य नहीं है।’’

उन्होंने सोशल मीडिया पर प्रसारित कथित फुटेज का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि दिल्ली के मंत्री इस कार्यक्रम में खुलेआम लोगों को इस तरह की शपथ दिला रहे थे और ‘‘देश की धर्मनिरपेक्षता को विखंडित कर रहे थे।’’ विहिप नेता ने कहा, ‘‘हम मांग करते हैं कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मंत्री को बर्खास्त करें।’’ विहिप नेता ने कहा कि केजरीवाल को ‘ऐसे पाखंड’ के लिए लोगों से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘लोगों को अपनी पसंद का धर्म अपनाने की स्वतंत्रता है, लेकिन किसी को भी धर्म परिवर्तन के लिए इस तरह के आयोजन में हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ जहर उगलने का अधिकार नहीं है। यह निंदनीय, असंवैधानिक और हिंदू भावनाओं को आहत करने वाला है।

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