राजीव गांधी हत्याकांड: दोषियों को रिहा करने का विरोध करने वाली याचिका खारिज
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘‘इस मामले से जुड़े संविधान पीठ के फैसले में सभी पहलुओं पर विचार किया गया था, इसलिए इस मामले में कुछ नहीं बचा है।’
नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड के सात दोषियों को रिहा करने के तमिलनाडु सरकार के 2014 के फैसले का विरोध करने वाली याचिका गुरुवार को खारिज कर दी। पूर्व प्रधानमंत्री के साथ 1991 में मारे गए लोगों के परिजनों ने याचिका दायर कर तमिलनाडु सरकार के इस फैसले का विरोध किया था।
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प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘‘इस मामले से जुड़े संविधान पीठ के फैसले में सभी पहलुओं पर विचार किया गया था, इसलिए इस मामले में कुछ नहीं बचा है।’’ तत्कालीन जे. जयललिता सरकार ने 2014 में मामले के सात दोषियों को रिहा करने का फैसला किया था। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तमिलनाडु के श्रीपेरूम्बदुर में 21 मई 1991 को हत्या कर दी गई थी।
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Supreme Court today dismissed the plea seeking directions not to proceed with the Tamil Nadu Government's decision of premature release of 7 convicts in Rajiv Gandhi assassination case. Chief Justice of India (CJI) said "we don't find any merit in your petition." pic.twitter.com/AtO0KrXLnz
— ANI (@ANI) May 9, 2019
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