देश के सम्मान को ठेस नहीं पहुंचाने देंगेः राजनाथ सिंह

कारगिल। पाकिस्तान के साथ जारी तानातनी की स्थिति के बीच गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मोदी सरकार किसी को भी भारत के सम्मान को ठेस पहुंचाने की इजाज़त नहीं देगी और देश के प्रत्येक नागरिक को सशस्त्र सेनाओं में भरोसा है। लद्दाख, कारगिल की दो दिवसीय यात्रा पर आए राजनाथ ने सेना की ओर से पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी शिविरों पर किये गए लक्षित हमले पर कुछ वर्गो द्वारा संदेह व्यक्त करने के बारे सवालों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने ऐसा कोई बयान नहीं पढ़ा है। देश के बच्चे, बच्चे को सेना पर भरोसा है, गर्व है और रहेगा।’’ गृह मंत्री ने कहा, ‘‘हमारी सरकार किसी भी कीमत पर किसी को भी देश के सम्मान और इज्जत को ठेस पहुंचाने की इजाज़त नहीं देगी। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि देश का सिर हमेशा ऊंचा रहे।’’ लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा देने की मांग के बारे में पूछे जाने पर राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्होंने कश्मीर, जम्मू और लद्दाख के लोगों की बात सुनी है लेकिन इस बारे में कोई भी निर्णय सहमति के आधार पर ही लिया जायेगा।
राजनाथ सिंह ने कहा, ''हम हमेशा प्रयास करते हैं कि कोई भी निर्णय आमसहमति के आधार पर लिया जाये।’’ इस बीच भाजपा की सहयोगी पीडीपी ने लेह जिले के प्रमुख ताशी ग्यालसन को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया। ग्यालसन ने गृह मंत्री के समक्ष पेश एक ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया था जिसमें लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा देने की मांग की गई है। पीडीपी का कहना है कि वह किसी भी परिस्थिति में राज्य को विभाजित करने के कदम को मंजूरी नहीं दे सकती है। पार्टी प्रवक्ता ने अपने बयान में कहा कि पीडीपी की अनुशासन समिति के प्रमुख अब्दुल रहमान वीरी ने ग्यालसन को व्हिप का उल्लंघन करने को लेकर निष्कासित कर दिया है। गृह मंत्री ने कहा कि लद्दाख की यात्रा के दौरान विभिन्न राजनीतिक दलों, धार्मिक समूहों और नागरिक समाज से 21 शिष्टमंडलों ने उनसे मुलाकात की और विभिन्न मांगें रखीं। उन्होंने कहा, ‘‘हम जितना संभव हो सकेगा, समस्याओं को सुलझाने का प्रयास करेंगे। अगर कोई मुद्दा दूसरे मंत्रालय से जुड़ा होगा, तो हम उन्हें लिखेंगे या संबंधित मंत्रियों को बतायेंगे।’’ गृह मंत्री ने द्रास में युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
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