राज्यसभा में आजाद और नकवी के बीच नोंकझोंक

राज्यसभा में आज उस समय तीखी नोंकझोंक देखने को मिली जब विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने आरोप लगाया कि सरकार शुक्रवार को विधायी कार्य कराने का प्रयास कर रही है।
राज्यसभा में आज उस समय तीखी नोंकझोंक देखने को मिली जब विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने आरोप लगाया कि सरकार शुक्रवार को विधायी कार्य कराने का प्रयास कर रही है जबकि सदन में सदस्यों की संख्या कम होती है। वहीं संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने उनका प्रतिवाद किया। शून्यकाल में आजाद ने सरकार पर आरोप लगाया कि शुक्रवार को भोजनावकाश के बाद सदन में विपक्षी सदस्यों की कम संख्या का फायदा उठाते हुए सरकार विवादित विधेयकों को पारित कराने पर जोर रही है और अपने वायदे से पीछे हट रही है। नकवी ने प्रतिवाद करते हुए कहा कि विपक्षी सदस्यों की मौजूदगी सुनिश्चित करना उनका काम नहीं है और गैरसरकारी कामकाज नहीं होने की स्थिति में सूचीबद्ध कार्य हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को भोजनावकाश के बाद गैर-सरकारी काम होता है। सदन में यह मुद्दा तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने यह मुद्दा उठाया और कहा कि आज की संशोधित कार्यसूची में गैर-सरकारी कामकाज के बाद कारखाना (संशोधन) विधेयक 2016 का जिक्र किया गया है। उन्होंने कहा कि आज इस विधेयक पर चर्चा नहीं होनी चाहिए। उपसभापति पीजे कुरियन ने कहा कि अगर निर्धारित पांच बजे के पहले गैर-सरकारी कामकाज नहीं हो पाता है तो आसन के पास सूचीबद्ध अगला कार्य लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
आजाद ने कहा कि शुक्रवार को भोजनावकाश के बाद किसी विधेयक पर चर्चा नहीं होनी चाहिए, भले ही गैरसरकारी कामकाज नहीं होता हो। उन्होंने कहा कि सरकार ने एक शुक्रवार को विपक्षी सदस्यों की गैरमौजूदगी में शत्रु संपत्ति पारित करा लिया जबकि कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक में सर्वसम्मति से तय हुआ था कि विधेयक पर एकराय बनने के बाद ही इसे चर्चा के लिए लाया जाएगा। नकवी ने कहा कि शत्रु संपत्ति विधेयक को सदन की प्रवर समिति में भेजा गया था और उसके लिए बीएसी ने समय भी तय कर दिया था। इस पर आजाद ने कहा कि सरकार ने आश्वासन दिया था कि एकराय कायम होने तक विधेयक को चर्चा के लिए नहीं लाया जाएगा। कुरियन ने कहा कि आसन सिर्फ उस आश्वासन पर ही गौर कर सकता है जो सदन में दिया गया है।
अन्य न्यूज़