राज्यसभा सचिवालय ने खड़गे से कहा, अभी डिजिटल माध्यम से बैठक संभव नहीं
खडगे ने कहा था कि ऐसे समय में जब लोग परेशान है तब संसद मूकदर्शक बनी नहीं रह सकती। खडगे ने अपने पत्र में राज्यसभा के सभापति से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया था और कहा था कि संसदीय समितियां इस महामारी के दौरान जारी प्रयासों एवं लोगों को राहत प्रदान करने करने में योगदान कर सकती है।
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इसी प्रकार की मांग तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने की थी। इस पर राज्यसभा सचिवालय ने पत्र लिखकर कहा कि लोकसभा और राज्यसभा के पीठासीन पदाधिकारियों ने इस मामले में चर्चा की। पत्र के अनुसार, कोविड-19 महामारी की पहली लहर के दौरान राज्यसभा के सभापति और लोकसभा के अध्यक्ष ने वर्तमान नियमों एवं गोपनीयता संबंधी उपबंधों के मद्देनजर डिजिटल माध्यम से बैठक आयोजित करने के विषय को नियमों संबंधी समिति को भेजा था। इसमें कहा गया है कि सदस्यों की प्रत्यक्ष उपस्थिति के साथ समितियों की बैठक नियमित रूप से होती है और इसमें दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन किया जाता है। मामला वहां खत्म हो गया और दोनों सदनों की नियम संबंधी समिति के समक्ष विचार के लिये स्थिति पैदा नहीं हुई थी।
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राज्यसभा सचिवालय ने कहा कि स्थिति बेहतर होने के बाद समितियों की बैठक के बारे में विचार किया जा सकता है। सचिवालय ने कहा कि गोपनीयता संबंधी मुद्दे का समाधान सत्र के दौरान हो सकता है क्योंकि नियमों संबंधी समिति के विचार के बाद संबंधित सदन नियमों में संशोधन को मंजूरी दे सकते हैं। कोविड-19 महामारी के मद्देनजर विपक्षी दल डिजिटल माध्यम से संसद सत्र आयोजित करने की मांग कर रहे थे लेकिन अलग अलग सत्रों में शारीरिक दूरी बनाये रखते हुए सदस्यों की प्रत्यक्ष उपस्थिति के साथ सत्र आयोजित हुआ।
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