राम लाल का दावा, गोवा सरकार स्थिर, सहयोगी दल भाजपा के साथ

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[email protected] । Sep 17 2018 3:49PM

बैठक भाजपा के केंद्रीय पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में बुलाई गई। राज्य सरकार के स्थिर होने की बात करते हुए राम लाल ने कहा कि सहयोगियों ने बैठक में भाजपा के लिये अपने समर्थन को दोहराया।

पणजी। मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के अस्वस्थ होने के मद्देनजर राजनैतिक हालात का जायजा लेने के लिये सोमवार को यहां सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा बुलाई गई बैठक के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता राम लाल ने कहा कि गोवा सरकार स्थिर है और नेतृत्व में परिवर्तन की कोई मांग नहीं उठी। बैठक भाजपा के केंद्रीय पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में बुलाई गई। राज्य सरकार के स्थिर होने की बात करते हुए राम लाल ने कहा कि सहयोगियों ने बैठक में भाजपा के लिये अपने समर्थन को दोहराया।

उन्होंने कहा कि बैठक में विभिन्न नेताओं द्वारा जाहिर की गई राय से पार्टी आलाकमान को अवगत कराया जाएगा, जो राज्य के हित में फैसला करेगा। 62 वर्षीय पर्रिकर अग्न्याशय की बीमारी से पीड़ित हैं और उन्हें उपचार के लिये अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार को पार्टी के तीन वरिष्ठ नेताओं बी एल संतोष, राम लाल और विनय पुराणिक को पार्टी नेताओं और सहयोगी दलों के नेताओं से मिलने के लिये तटीय राज्य भेजा था। बैठक सोमवार की सुबह यहां भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में हुई। इसमें पार्टी विधायकों, पूर्व विधायकों और कोर कमेटी के सदस्यों ने हिस्सा लिया।

बाद में लाल ने कहा कि पार्टी ने राज्य में राजनैतिक हालात और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिये तैयारियों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि भाजपा के सहयोगी दलों--गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी), महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) और निर्दलीयों ने कहा कि वे भगवा पार्टी द्वारा किये गए किसी भी राजनैतिक फैसले से सहमत होंगे। लाल ने बैठक में क्या चर्चा हुई इस बारे में अधिक जानकारी दिये बिना कहा, ‘‘हमने सबकी राय ली और इसे दिल्ली में नेताओं के साथ साझा किया जाएगा। वे राज्य के हित में जो भी अच्छा होगा वो फैसला करेंगे।’’ उन्होंने राज्य में नेतृत्व में परिवर्तन से इंकार किया।

लाल ने कहा, ‘‘सभी सहयोगी दलों ने कहा है कि वे सरकार के साथ हैं और भाजपा के फैसले से सहमत होंगे। किसी ने भी मेरे सामने नेतृत्व में बदलाव की मांग नहीं रखी। सरकार स्थिर है।’’ उन्होंने कहा कि फिलहाल सहयोगी दलों का भाजपा में विलय किये जाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘विलय का कोई प्रस्ताव नहीं है। अगर वे बाद में कोई प्रस्ताव देना चाहते हैं तो वे देंगे।’’ एमजीपी ने शनिवार को कहा था कि यह ‘सही समय’ है कि पर्रिकर अपनी अनुपस्थिति में अपने मंत्रिमंडल के सबसे वरिष्ठ मंत्री को प्रभार सौंप दें।

भाजपा के फिलहाल 40 सदस्यीय राज्य विधानसभा में 14 विधायक हैं जबकि जीएफपी और एमजीपी के तीन-तीन विधायक हैं। भगवा पार्टी को तीन निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन हासिल है। कांग्रेस के 16 विधायक हैं जबकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का एक विधायक है।

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