राम मंदिर का मुद्दा चुनाव प्रचार के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए- MNS

Ram Mandir issue shouldnot be used for poll campaign
[email protected] । Jul 18 2018 7:12PM

अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की हिमायत करते हुए मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने आज कहा कि इस मुद्दे का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जाना चाहिए।

पुणे। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की हिमायत करते हुए मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने आज कहा कि इस मुद्दे का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जाना चाहिए। ठाकरे ने आरोप लगाया कि भाजपा विभिन्न मोर्चों पर अपनी नाकामी को छिपाने के लिए मंदिर का मुद्दा उठा रही है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (एनईईटी), दुग्ध उत्पादकों के जारी आंदोलन , अरब सागर में छत्रपति शिवाजी के प्रस्तावित स्मारक और बुलेट ट्रेन परियोजना सहित कई मुद्दों को लेकर केंद्र और महाराष्ट्र सरकार की आलोचना भी की। उन्होंने कहा कि राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए लेकिन इस मुद्दे का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जाना चाहिए। मोदी सरकार ने कोई काम नहीं किया है जिसे वह विकास कार्य के रूप में दिखा सके। सरकार की नाकामी को छिपाने के लिए राम मंदिर का मुद्दा उठाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि भाजपा चाहती है कि मंदिर के मुद्दे पर इस देश में दंगे हों। ठाकरे ने कहा , ‘‘ वह (भाजपा) राम मंदिर का मुद्दा उठा सकती थी क्योंकि उसके पास बहुमत है लेकिन उसने नोटबंदी , योग आदि जैसे मुद्दे उठाए ... और अब चार साल बाद वह मंदिर (राम मंदिर के निर्माण) के बारे में बात कर रही है। उन्होंने मुंबई में मंत्रालय के बाहर गड्ढों से भरी सड़कों और उससे होने वाली दुर्घटनाओं पर विरोध जताने के लिए फुटपाथ की खुदाई करने वाले मनसे के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करने पर भाजपा नीत महाराष्ट्र सरकार की आलोचना की। ठाकरे ने आरोप लगाया कि पुलिस ने मनसे कार्यकर्ताओं के खिलाफ निर्ममता बरती और उनकी बेल्ट से पिटाई की। उन्होंने कहा , ‘‘ मैं राज्य सरकार से एक सवाल पूछना चाहता हूं : यदि कल आपको विपक्ष में बैठना पड़ा तो क्या आप अपने पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ इसी तरह के बर्ताव को स्वीकार करेंगे। ठाकरे ने एनईईटी में स्थानीय छात्रों को प्राथमिकता देने की मांग की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्थानीय छात्रों की कीमत पर बाहरी छात्रों को फायदा पहुंचाने की कोशिश कर रही है। यदि यह स्थिति है तो महाराष्ट्र के छात्रों को कहां दाखिला मिलेगा ? 

दूध के लिए बेहतर मूल्य की मांग के लिए दुग्धोत्पादकों के आंदोलन को ले कर ठाकरे ने आरोप लगाया कि सरकार राज्य में अपने किसानों की मदद करने के बजाय अमूल (गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ लिमिटेड) जैसी कंपनियों को बढ़ावा देना चाहती है। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए हो रहा है कि राज्य सरकार में मौजूद लोग केंद्र सरकार से मिल रहे आदेशों को लागू करने में व्यस्त हैं। राज्य के कई हिस्सों में दुग्ध उत्पादन करने वाले किसान सोमवार से प्रदर्शन कर रहे हैं। वे दूध के लिए अधिक मूल्य और पांच रूपये प्रति लीटर की सब्सिडी मांग रहे हैं। मनसे प्रमुख आज से मराठवाड़ा क्षेत्र की यात्रा शुरू कर रहे हैं। 

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