पनामा पेपर्स में रमन के बेटे का नाम, मोदी चुप क्यों: राहुल

[email protected] । Apr 8 2016 5:55PM

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमला करते हुए पूछा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के बेटे का नाम ‘पनामा पेपर्स’ में आने पर उन्होंने मामले की जांच क्यों नहीं कराई।

कमलपुर। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमला करते हुए आरोप लगाया कि वह काला धन वापस लाने के ‘बड़े वादे’ करते हैं और पूछा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के बेटे का नाम ‘पनामा पेपर्स’ में आने पर उन्होंने मामले की जांच क्यों नहीं कराई। राहुल ने असम विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 11 अप्रैल को यहां एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘पनामा पेपर लीक हो गए हैं और पनामा में रखे गए काले धन के बारे में कई नाम उजागर हुए हैं। इसमें छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के बेटे अभिषेक सिंह का पनामा में खाता होने का भी जिक्र है।’’

राहुल ने कहा, ‘‘मोदी विदेशों में रखे काले धन को वापस लाने के आपसे बड़े वादे करते हैं। उन्हें कम से कम बताना चाहिए कि उनमें मुख्यमंत्री के बेटे का नाम आने पर जांच के आदेश क्यों नहीं दिए गए।’’ उन्होंने कहा कि संसद में उन्होंने मोदी से पूछा कि आईपीएल के पूर्व प्रमुख ललित मोदी को वापस देश क्यों नहीं लाया गया जो देश से भाग गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मोदी जी ने जवाब में एक भी शब्द नहीं कहा।’’ उन्होंने आरोप लगाया, 'विजय माल्या ने देश छोड़ने से पहले संसद भवन में वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की थी। हजारों रूपये की चोरी करने वाले ललित मोदी भी देश से बाहर हैं।’’ उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार काला धन जमा करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। राहुल ने कहा, ‘‘जेटली हाल में नया ‘फेयर एंड लवली’ सिस्टम लाए थे जहां कोई भी गैंगस्टर, गुंडा, नशा तस्कर सरकार को मामूली कर देकर इसे उजला कर सकता है।’’

राहुल ने कहा कि मोदी ने काला धन वापस लाने के बारे में लोकसभा चुनावों में केवल गलत वादे किए। उन्होंने कहा, ‘‘मोदी के आश्वासन के मुताबिक किसी भी भारतीय के बैंक खाते में 15 लाख रूपये नहीं आए।’’ पनामा पेपर्स गोपनीय दस्तावेज हैं जिसमें इस बात का उल्लेख है कि किस तरह धनी लोगों ने अपने धन को विदेशों में छुपा रखा है। दमदमा में एक अन्य चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि इस बार असम विधानसभा चुनावों में विपरीत विचारधारा के दो दल चुनाव लड़ रहे हैं। राहुल ने कहा, ‘‘कांग्रेस भाईचारे की भावना के साथ शांति और विकास में विश्वास करती है। दूसरी तरफ भाजपा, आरएसएस हैं जो विभाजनकारी राजनीति में संलिप्त हैं और केवल हिंसा की बात करते हैं, एक भारतीय को दूसरे से लड़ाते हैं, हिंदुओं को मुसलमानों से लड़ाते हैं।’’

राहुल ने दावा किया कि जिस राज्य में भी भाजपा की सरकार बनती है वहां हिंसा होती है। उन्होंने कहा, ‘‘शांतिपूर्ण और विकसित हरियाणा में सत्ता में आने के पांच-छह महीने के अंदर ही उन्होंने एक जाट को दूसरे जाट से लड़ाया।’’ उन्होंने कहा कि 15 वर्ष पहले जब भाजपा की वर्तमान चुनाव सहयोगी अगप राज्य में सत्ता में थी और भगवा दल की केंद्र में सरकार थी तो ‘‘केवल बुरी खबरें आती थीं हिंसा और लोगों की मौत की, इसके बाद कांग्रेस सत्ता में आई और शांति बहाल की।’’ उन्होंने आरोप लगाए कि अगप के शासनकाल में असम में प्रगति और विकास नहीं हुआ। उन्होंने पूछा, ‘‘अब वे आकर आपसे कह रहे हैं कि सत्ता में वापस लाइए। उन्हें वोट क्यों दें जब वे असम में विकास नहीं कर सकते?’’

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