छह बसपा विधायकों की बगावत, राज्यसभा प्रत्याशी के नामांकन पत्र पर फर्जी हस्ताक्षर का लगाया आरोप

BSP MLA

बसपा अध्यक्ष मायावती तो ठीक हैं मगर पार्टी के समन्वयक बहुत परेशान करते हैं, जिससे तंग आकर उन्होंने यह कदम उठाया है। उन्होंने सपा विधायक अखिलेश यादव से कोई मुलाकात होने से इनकार किया। विधायक राइनी ने कहा कि वह 26 अगस्त को कोविड-19 से पीड़ित हो गये थे।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के छह विधायकों ने बगावत कर दी है। चार विधायकों ने राज्यसभा चुनाव के लिये पार्टी प्रत्याशी के नामांकन पत्र पर प्रस्तावक के तौर पर किये गये अपने हस्ताक्षरों को फर्जी बताते हुए बुधवार को पीठासीन अधिकारी को एक शपथपत्र दिया। श्रावस्ती से बसपा विधायक असलम राइनी ने बताया कि वह, पार्टी विधायक असलम चौधरी, मुज्तबा सिद्दीकी और हाकिम लाल बिंद ने पीठासीन अधिकारी को दिये गये शपथपत्र में कहा है कि राज्यसभा चुनाव के लिये बसपा के प्रत्याशी रामजी गौतम के नामांकन पत्र पर प्रस्तावक के तौर पर किये गये उनके हस्ताक्षर फर्जी हैं। उनके साथ विधायक सुषमा पटेल और हरिगोविंद भार्गव भी थे। आगामी नौ नवम्बर को होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिये नामांकन पत्रों की आज जांच की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक पीठासीन अधिकारी इन बसपा विधायकों की शिकायत पर गौर करके उचित निर्णय लेंगे। इस बीच, यह भी खबर आयी कि पीठासीन अधिकारी को शपथपत्र देने के बाद ये सभी बसपा विधायक समाजवादी पार्टी (सपा) के राज्य मुख्यालय पहुंचे, जिसके बाद उनके सपा में शामिल होने की अटकलें तेज हो गयीं। हालांकि, विधायकों ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात होने से इनकार किया। इलाहाबाद से बसपा विधायक मुज्तबा सिद्दीकी ने कहा कि पार्टी में उनका कोई मान-सम्मान और सुनवाई नहीं रह गयी थी। 

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बसपा अध्यक्ष मायावती तो ठीक हैं मगर पार्टी के समन्वयक बहुत परेशान करते हैं, जिससे तंग आकर उन्होंने यह कदम उठाया है। उन्होंने सपा विधायक अखिलेश यादव से कोई मुलाकात होने से इनकार किया। विधायक राइनी ने कहा कि वह 26 अगस्त को कोविड-19 से पीड़ित हो गये थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें मेदांता अस्पताल में इलाज दिलाकर उनकी जान बचायी। इस बारे में उन्होंने एक वीडियो वायरल किया जो मेरी पार्टी की नेता और दल के लोगों को पसंद नहीं आया। उन्होंने बसपा अध्यक्ष मायावती को बेकुसूर बताते हुए कहा कि हालात के लिये पार्टी के समन्वयक जिम्मेदार हैं। सिर्फ इसीलिये हमने पार्टी छोड़ने का फैसला किया है। राइनी ने कहा कि उनकी सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात नहीं हुई। हालांकि, बसपा विधायक सुषमा पटेल ने अखिलेश से मुलाकात की बात स्वीकार करते हुए कहा कि अखिलेश ने उन्हें बुलाया था। मगर वह इस बारे में कुछ नहीं बताना चाहतीं। गौरतलब है कि पर्याप्त संख्याबल नहीं होने के बावजूद बसपा ने पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक और बिहार इकाई के प्रभारी रामजी गौतम को राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया है। गौतम ने गत सोमवार को नामांकन पत्र दाखिल किया था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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