बिहार सरकार की बड़ी कार्रवाई, ब्रजेश ठाकुर के NGO का पंजीकरण रद्द

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[email protected] । Aug 11 2018 8:50AM

बिहार सरकार ने ब्रजेश ठाकुर के एनजीओ का पंजीकरण रद्द कर दिया है जो मुजफ्फरपुर में उस बालिका आश्रय गृह का संचालन कर रहा था जहां एक अवधि के दौरान 34 लड़कियों का कथित रूप से यौन शोषण किया गया।

मुजफ्फरपुर। बिहार सरकार ने ब्रजेश ठाकुर के एनजीओ का पंजीकरण रद्द कर दिया है जो मुजफ्फरपुर में उस बालिका आश्रय गृह का संचालन कर रहा था जहां एक अवधि के दौरान 34 लड़कियों का कथित रूप से यौन शोषण किया गया। इस संबंध में एक अधिकारी ने आज यहां बताया कि इसके साथ ही एनजीओ की सम्पत्ति की बिक्री पर रोक लगा दी गई और बैंक खातों के लेनदेन पर भी रोक लगा दी गई।

मुजफ्फपुर जिला पंजीकरण अधिकारी संजय कुमार के अनुसार सेवा संकल्प एवम विकास समिति के बैंक खातों के लेनदेन और उसकी चल एवं अचल सम्पत्ति की खरीद और बिक्री पर रोक का आदेश सात और आठ अगस्त को जिलाधिकारी मोहम्मद सोहैल द्वारा दिया गया। दिलचस्प बात है कि ठाकुर का नाम एनजीओ के पदाधिकारियों और सदस्यों में शामिल नहीं है।

इससे पहले सीबीआई और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीमों ने बालिका गृह मामले में जिलाधिकारी से अलग-अलग मुलाकात की थी। समझा जाता है कि सीबीआई टीम ने इस मामले के मुख्य आरोपी ठाकुर की मेडिकल जांच रिपोर्ट अपने कब्जे में ले ली है जिसके फिट घोषित होने पर वह अदालत से उसकी हिरासत मांग सकती है। इस बीच, पुलिस ने 50 वर्षीय एक व्यक्ति को पटना में सरकार संचालित एक आश्रय गृह की लड़कियों को कथित रूप से उपहार का लालच देकर उनसे भागने के लिए कहा।

पटना के पुलिस उपाधीक्षक (कानून व्यवस्था) मनोज कुमार सुधांशु ने कहा कि पुलिस को यहां नेपाली नगर स्थित आसरा बालिका आश्रय गृह की कुछ लड़कियों से शिकायत मिली थी कि पास में रहने वाला राम नगीना सिंह उर्फ बनारसी उन्हें भागने के लिए मनाने का प्रयास कर रहा था। सुधांशु ने कहा, ‘हमने बालिका आश्रय गृह का दौरा किया और वहां लड़कियों एवं अन्य से सवाल किये। हमने बनारसी से भी पूछताछ की। उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। बालिका आश्रय गृह के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है।’

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