NEET परीक्षा का रिजल्ट जारी, अकांक्षा-शोएब 720 अंक लाकर किया टॉप

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दिल्ली की अकांक्षा सिंह और ओडिशा के शोएब आफताब को 720 में से 720 अंक प्राप्त हुए हैं लेकिन एनटीए की टाई-ब्रेकिंग नीति के तहत आफताब को पहला और सिंह को दूसरा स्थान मिला है।

नयी दिल्ली। चिकित्सा पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए आयोजित नीट के नतीजे शुक्रवार रात घोषित कर दिए गए। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) के मुताबिक नीट में शीर्ष स्थान पाने वाले दो उम्मीदवारों ने शत प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली की अकांक्षा सिंह और ओडिशा के शोएब आफताब को 720 में से 720 अंक प्राप्त हुए हैं लेकिन एनटीए की टाई-ब्रेकिंग नीति के तहत आफताब को पहला और सिंह को दूसरा स्थान मिला है। उन्होंने बताया कि इस परीक्षा में करीब 13.66 लाख विद्यार्थी शामिल हुए जिनमें से कुल 7,71,500 उम्मीदवारों ने परीक्षा उत्तीर्ण की है। सबसे अधिक त्रिपुरा के उम्मीदवारों (88,889) ने परीक्षा में सफलता हासिल की जबकि दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र के प्रतिभागी रहे। महाराष्ट्रके 79,974 प्रतिभागियों ने परीक्षा उत्तीर्ण की है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने ट्वीट किया, ‘‘देश की अत्यंत प्रतिष्ठित प्रवेश-परीक्षा #नीट का परिणाम जारी हो गया है। मेरी ओर से परीक्षा में सफल हुए सभी अभ्यर्थियों को हार्दिक बधाई एवं उनके उज्ज्वल भविष्य की बहुत-बहुत शुभकामनाएं!’’ 

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उन्होंने कहा, ‘‘ मैं इस साल नए डॉक्टरों का दल देने के लिए एनटीए को धन्यवाद देता हूं। परीक्षा इस बार परीक्षा की घड़ी में संपन्न हुई और सहयोगात्मक संघवाद का भाव भी देखने को मिला। मैं सभी मुख्यमंत्रियों को भी इसके लिए धन्यवाद देता हूं।’’ राष्ट्रीय अर्हता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) कोविड-19 महामारी के बीच कड़े एहतियाती उपायों के साथ 13 सितंबर को कराई गई थी। इस साल से देश के 13 अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), जवाहर लाल स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान, पुडुचेरी की एमबीबीएस पाठ्यक्रम की सीटों पर भी नीट के जरिए प्रवेश होगा। यह बदलाव पिछले साल संसद से पारित राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम-2019 के तहत किया गया है। इस बार नीट परीक्षा 11 भाषाओं- अंग्रेजी, हिंदी, असमी, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, मराठी, उडिया, तमिल, तेलुगु और उर्दू् में कराई गई। शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक 77 प्रतिशत उम्मीदवारों ने अंग्रेजी में परीक्षा दी जबकि हिंदी में 12 प्रतिशत और अन्य भाषाओं में 11 प्रतिशत विद्यार्थियों ने परीक्षा दी। कोविड-19 महामारी की वजह से इस साल नीट परीक्षा दो बार टाली गई और सरकार ने अकादमिक सत्र को शून्य होने से बचाने के लिए एक वर्ग के विरोध के बावजूद परीक्षा कराने का फैसला किया। एनटीए ने महामारी के चलते सख्त मानक परिचालन प्रक्रिया तैयार की थी जिसके तहत एक कमरे में उम्मीदवारों की संख्या घटाकर 24 से 12 कर दी गई। एनटीए ने पिछले साल के 2,546 परीक्षा केंद्रों के मुकाबले 3,892 परीक्षा केंद्र इस साल बनाए थे। परीक्षा केंद्र में सभी एहतियात के साथ-साथ प्रवेश एवं निकास का अलग-अलग समय निर्धारित किया गया था।

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