RG Kar hospital case: ED ने कोलकाता में पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के पिता के घर की तलाशी ली
प्रवर्तन निदेशालय ने कई उपनगरीय स्थानों की तलाशी ली है। इसी में आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के पिता सत्य प्रकाश घोष का आवास भी शामिल था। आर्थिक खुफिया एजेंसी सीबीआई के साथ मिलकर वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर रही है।
कोलकाता में डॉक्टर के साथ हुए रेप और मर्डर के मामले में अब प्रवर्तन निदेशालय ने संदीप घोष के पिता के घर की तलाशी ली है। संदीप घोष के पिता सत्यप्रकाश घोष के आवास के अलावा प्रवर्तन निदेशालय ने मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं के संबंध में गुरुवार को कोलकाता में विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की।
प्रवर्तन निदेशालय ने कई उपनगरीय स्थानों की तलाशी ली है। इसी में आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के पिता सत्य प्रकाश घोष का आवास भी शामिल था। आर्थिक खुफिया एजेंसी सीबीआई के साथ मिलकर वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर रही है। इस जांच के दौरान ही बुधवार को अस्पताल के पूर्व गैर-चिकित्सा उप अधीक्षक अख्तर अली से पूछताछ की गई है। टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, अली से एजेंसी ने आरजी कार के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष द्वारा विक्रेताओं के चयन में कथित भाई-भतीजावाद के बारे में पूछताछ की है। संदीप घोष को अस्पताल में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है।
बता दें कि अली ने 14 जुलाई, 2023 को राज्य सतर्कता आयोग को लिखे पत्र में आरोप लगाया कि घोष और अन्य लोग भ्रष्ट आचरण में शामिल थे। सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि अली के बयान जांच के लिए महत्वपूर्ण हैं। अली ने दावा किया था कि अस्पताल के जैव-चिकित्सा अपशिष्ट को संभालने वाली नोडल एजेंसी को पिछले पांच-छह महीनों से अपेक्षित मात्रा में अपशिष्ट नहीं मिल रहा है।
उन्होंने पत्र में यह भी उल्लेख किया था कि करोड़ों रुपये के ठेके अयोग्य बोलीदाताओं को दिए गए। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और उनकी पत्नी की कम से कम सात संपत्तियों की जांच कर रहा है, जिनके बारे में संदेह है कि उन्हें “अपराध की आय से खरीदा गया है”। ईडी को इन संपत्तियों से संबंधित दस्तावेज तब मिले जब उसने पिछले सप्ताह कोलकाता सहित कई स्थानों पर घोष और उनके कुछ रिश्तेदारों और सहयोगियों के आवासों की तलाशी ली थी।
एजेंसी ने कहा कि संदीप घोष के प्रिंसिपल रहने के दौरान आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में सहायक प्रोफेसर के पद पर तैनात संगीता घोष ने राज्य सरकार की मंजूरी के बिना दो अचल संपत्तियां खरीदीं। एजेंसी ने कहा कि उन्हें 2021 में पोस्ट फैक्टो मंजूरी दी गई थी। संगीता घोष ने कहा कि उनके पति ने कुछ भी गलत नहीं किया है।
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