आपके माता-पिता से जीने का अधिकार छीन लिया गया था, मन की बात में पीएम मोदी ने इमरजेंसी में किए गये अत्याचारों को बताया

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ANI
रेनू तिवारी । Jun 26 2022 11:38AM

‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 जून 1975 में लगाए आलातकाल को लेकर बात की। उन्होंने मन की बात में बताया कि हमारे देश में एक समय ऐसा आया था जब लोगों से उनके जीने के अधिकार छीन लिया गया था। उन्होंने कहा उस अवधि के दौरान, नागरिकों के सभी अधिकार छीन लिए गए थे।

‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 जून 1975 में लगाए आलातकाल को लेकर बात की। उन्होंने मन की बात में बताया कि हमारे देश में एक समय ऐसा आया था जब लोगों से उनके जीने के अधिकार छीन लिया गया था। उन्होंने कहा उस अवधि के दौरान, नागरिकों के सभी अधिकार छीन लिए गए थे। इन अधिकारों में संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत गारंटीकृत नागरिकों को जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार था। उस समय भारत में लोकतंत्र को कुचलने की कोशिश की गई थी। भारतीयों ने लोकतंत्र को बहाल करने के लिए आपातकाल को लोकतांत्रिक तरीकों से हराया, दुनिया में ऐसा कोई और उदाहरण मिलना मुश्किल।

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उन्होंने कहा कि मैं देश के युवाओं से एक सवाल पूछना चाहता हूं, क्या आप जानते हैं कि जब आपके माता-पिता एक बार आपकी उम्र के थे, तब उनका जीवन का अधिकार भी छीन लिया गया था? यह जून 1975 के महीने में हुआ था, जब एक आपातकाल लगाया गया था। मन की बात के दौरान पीएम मोदी ने कहा सदियों से हमारे अंदर जो लोकतांत्रिक मूल्य निहित हैं, हमारी रगों में बहने वाली लोकतंत्र की भावना अंततः लोकतांत्रिक प्रक्रिया के माध्यम से ही जीती है। भारत के लोगों ने आपातकाल से छुटकारा पाया और लोकतंत्र बहाल किया।

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उन्होंने कहा कि मुझे याद है, जब मशहूर गायक किशोर कुमार ने सरकार की तारीफ करने से इनकार कर दिया था तो उन पर बैन लगा दिया गया था. उन्हें रेडियो पर जाने की अनुमति नहीं थी। लाख कोशिशों, हजारों गिरफ्तारियों और लाखों लोगों पर अत्याचार के बावजूद लोकतंत्र में भारतीयों का विश्वास नहीं डगमगा सका।

मन की बात के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आज जब देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है, हमें आपातकाल के काले दौर को नहीं भूलना चाहिए। अमृत महोत्सव न केवल हमें विदेशी शासन से आजादी की कहानियां बताता है बल्कि हमें आजादी के 75 साल की यात्रा भी बताता है।

पीएम मोदी ने मन की बात में आगे कहा कुछ साल पहले तक अंतरिक्ष क्षेत्र में किसी ने स्टार्ट-अप के बारे में सोचा भी नहीं था। आज इनकी संख्या सौ से अधिक है। चेन्नई और हैदराबाद में दो स्टार्ट-अप, अग्निकुल और स्काईरूट ऐसे लॉन्च वाहन विकसित कर रहे हैं जो छोटे पेलोड को अंतरिक्ष में ले जाएंगे। हमारे देश में अंतरिक्ष क्षेत्र से जुड़े कई बड़े कारनामे हुए हैं। इन्हीं उपलब्धियों में से एक इन-स्पेस नाम की एजेंसी का निर्माण है, जो निजी क्षेत्र के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र में नए अवसरों को बढ़ावा दे रही है।

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