‘सिर कलम करने वाले बयान’ मामले में रामदेव के खिलाफ कार्रवाई पर रोक

Rohtak Court Stays Proceedings Against Ramdev In ''Beheading Remark'' Case
[email protected] । Jul 29 2017 11:31AM

रोहतक की एक अदालत ने ‘भारत माता की जय’ बोलने से इनकार करने वालों का सिर कलम करने संबंधी बाबा रामदेव के कथित बयान मामले में उनके खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगा दी है।

चंडीगढ़। रोहतक की एक अदालत ने ‘भारत माता की जय’ बोलने से इनकार करने वालों का सिर कलम करने संबंधी बाबा रामदेव के कथित बयान मामले में उनके खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगा दी है। रामदेव की ओर से पुनरीक्षा याचिका दाखिल करने के बाद अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश नरिंदर कौर की अदालत ने निचली अदालत में रामदेव के खिलाफ कार्रवाई को आगे बढ़ाने पर रोक लगा दी है। वरिष्ठ वकील सत्यपाल जैन रामदेव की ओर से शुक्रवार को अदालत में पेश हुए।

इससे पहले जून में रोहतक के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) की अदालत ने सिर कलम करने वाले बयान मामले में रामदेव के खिलाफ गैरजमानती वारेंट जारी किया था। एसीजेएम ने मामले की अगली सुनवाई के लिए तीन अगस्त की तिथि निर्धारित की थी। रामदेव ने यह विवादास्पद बयान पिछले वर्ष अप्रैल में रोहतक में ‘‘सद्भावना सम्मेलन’’ के दौरान दिया था। यह आयोजन जाट आंदोलन के दौरान हुई हिंसा को देखते हुए रोहतक शहर में शांति को बढ़ावा देने के लिए किया गया था। दो मार्च को रोहतक एसीजेएम ने कांग्रेस नेता और हरियाणा के पूर्व मंत्री सुभाष बत्रा की ओर से शिकायत दर्ज कराने के बाद योग गुरु को तलब किया था। रामदेव के वकील ने एडीएसजे की अदालत में कहा कि रोहतक में तीन अप्रैल 2016 को रामदेव की ओर से कथित तौर से बोले गए शब्द ‘‘कानून की किसी भी धारा के अंतर्गत किसी भी अपराध की श्रेणी में नहीं आते।’’ उन्होंने बताया कि इसके बाद अदालत ने शिकायतकर्ताओं को नोटिस भेजा और निचली अदालत पर आगे की कार्रवाई में रोक लगा दी।

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