आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण वर्ग आयोजित करने पर विचार कर रहा है RSS
आरएसएस के एक वरिष्ठ प्रचारक ने ‘भाषा’ से बातचीत में कहा कि स्वयंसेवकों को आपदाओं से निपटने के काम में लगाया जाता है लेकिन उन्हें आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण शाखा में नहीं मिलता।
नयी दिल्ली। अलग अलग क्षेत्रों में अपनी भूमिका के विस्तार पर जोर दे रहा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) अब राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की तर्ज पर आपदाओं से निपटने के लिए अपने कैडर को विशेष प्रशिक्षण देने पर विचार कर रहा है। देश में आपदा राहत अभियानों में पेशेवर तरीके से योगदान देने के लिये संघ अपनी शाखाओं में आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण वर्ग आयोजित करेगा।
आरएसएस के एक वरिष्ठ प्रचारक ने बातचीत में कहा कि स्वयंसेवकों को आपदाओं से निपटने के काम में लगाया जाता है लेकिन उन्हें आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण शाखा में नहीं मिलता। उन्होंने कहा, ‘‘ अब हम सोच रहे हैं कि इस उद्देश्य के लिये ऐसा कुछ करें।’’
संघ के वरिष्ठ प्रचारक ने कहा कि स्वयंसेवकों को अब तक ऐसा प्रशिक्षण नहीं मिला, लेकिन किसी भी आपदा के समय उनका योगदान महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने कहा, ‘‘ हमने एक भाव उत्पन्न किया और अनुशासन की पद्धति उत्पन्न की। हम चाहते हैं कि सब लोगों को यह प्रशिक्षण मिले।’’ संघ के पदाधिकारी ने बताया कि स्वयंसेवक 1 लाख 70 हजार से ज्यादा छोटे-बड़े सेवा प्रकल्प संघ के माध्यम से चलाते हैं। उन्होंने कहा कि यह 5 साल के पहले का आंकड़ा है, 5 साल के बाद की गिनती अभी हो रही है। इस साल वह आ जाएगा।
उल्लेखनीय है कि संघ ने बीस वर्षों से अपने काम का ब्यौरा रखना शुरू किया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भविष्य में सभी बस्तियों को अपने कार्य के दायरे में लाने की योजना बनाई है और बस्तियों की सूचियाँ और कार्य योजना तैयार की है। संघ के पदाधिकारी के अनुसार पहली बार जब संघ का पथसंचलन 1928 में नागपुर में हुआ, तब ज्यादा लोग नहीं थे। तब 21-22 संख्या थी। इस वर्ष 32,434 शाखाओं और 2,306 साप्ताहिक मिलनों में 4,43,811 स्वयंसेवकों ने भाग लिया।
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