आरटीआई की वजह से स्वतंत्र राय नहीं देते नौकरशाहः जेटली

RTI comes in way of civil servants giving advice to govt: Arun Jailtey
[email protected] । Jul 29 2017 11:34AM
वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि इस संदर्भ में सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून कुछ हद तक बाधा पैदा कर सकता है और नौकरशाह राय देने के मामले में संभवत: स्वतंत्रता महसूस नहीं करे।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि असफर निर्णय लेने की प्रक्रिया के दौरान अपनी राय देने को स्वतंत्र हैं। वित्त मंत्रालय के एक बयान के अनुसार हालांकि जेटली ने कहा कि इस संदर्भ में सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून कुछ हद तक बाधा पैदा कर सकता है और नौकरशाह राय देने के मामले में संभवत: स्वतंत्रता महसूस नहीं करे क्योंकि उन्हें यह डर होगा कि बाद में यह सार्वजनिक हो सकता है।

बयान के मुताबिक, ‘‘यही कारण है कि वित्त मंत्री ने बीजी वर्गीश (वरिष्ठ पत्रकार) के हवाले से कहा कि निर्णय लेने की प्रक्रिया के दौरान नौकरशाह द्वारा दी गयी राय / सलाह को सार्वजनिक नहीं किया जाना चाहिए।’’

यहां नार्थ ब्लाक में पुस्तक ‘टेल टोल्ड बाई एन आईएएस’ के विमोचन समारोह में उन्होंने यह बात कही। इस किताब को भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी उमेश सैगल ने लिखा है। इस मौके पर बड़ी संख्या में कार्यरत वरिष्ठ और सेवानिवृत्त नौकरशाह मौजूद थे।

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