केरल में राहत कार्य की खातिर विदेशी चंदे लेने के लिए नियम बदले जाएं: कांग्रेस
कांग्रेस ने आज उन रिपोर्टों को निराशाजनक बताया जिनमें कहा गया है कि केंद्र के बाढ़ प्रभावित केरल में राहत कार्यों के लिए विदेशी वित्तीय सहायता स्वीकार करने की संभावना नहीं है।
तिरुवनंतपुरम। कांग्रेस ने आज उन रिपोर्टों को निराशाजनक बताया जिनमें कहा गया है कि केंद्र के बाढ़ प्रभावित केरल में राहत कार्यों के लिए विदेशी वित्तीय सहायता स्वीकार करने की संभावना नहीं है। इसके साथ ही पार्टी ने नियमों में संशोधन के लिए प्रधानमंत्री से कदम उठाने का अनुरोध किया। केरल के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता ओमन चांडी ने कहा कि नियम ऐसे होने चाहिए जो लोगों की परेशानियों को दूर करे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे एक पत्र में उन्होंने कहा, "विदेशी वित्तीय सहायता को स्वीकार करने के खिलाफ अगर कोई बाधा मौजूद है तो कृपया इस मामले में गंभीरता से विचार करें और उपयुक्त संशोधन लाएं।" चांडी ने कहा कि केरल को अधिकतम संभव सहायता प्रदान करने के लिए केंद्र को और कदम उठाने चाहिए। केरल में बाढ़ के कारण 231 लोगों की मौत हो गयी है और 14 लाख से ज्यादा लोग बेघर हुए हैं। उन्होंने कहा कि संकट की गंभीरता को देखते हुए, केंद्र द्वारा घोषित वित्तीय सहायता 'निराशाजनक' थी।
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने केरल में बाढ़ राहत कार्यों के लिए 10 करोड़ अमेरिकी डालर (700 करोड़ रूपए) की वित्तीय सहायता की पेशकश की है। विधानसभा में विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात की सहायता को स्वीकार करने में कुछ भी गलत नहीं है। यूएई की सहायता पेशकश की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा था कि राज्य के लाखों लोग यूएई को अपना "दूसरा घर" मानते हैं। करीब तीस लाख भारतीय यूएई में काम करते हैं, इनमें से 80 फीसदी केरल निवासी हैं।
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