दिल्ली में 07 जून से होगा एक प्रशिक्षण शिविर जिसमें हरियाणा से 60 प्रतिभागी करेंगे सहभागिता- डॉ. नवीन शर्मा

संस्कृतभारती हरियाणा के प्रान्त प्रशिक्षण प्रमुख ज्योतिषाचार्य डॉ. नवीन शर्मा ने जानकारी दी कि इस बार अम्बाला के नारायणगढ़ और झज्जर के बेरी नामक स्थान में सप्त दिवसीय दो आवासीय संस्कृत प्रबोधन वर्गों का आयोजन किया जा रहा है।
संस्कृत भारतीय ज्ञान परम्परा की मूल है। सम्पूर्ण ज्ञान विज्ञान संस्कृत ग्रन्थों में ही निबद्ध है। वर्तमान सरकार भी भारतीय ज्ञान परम्परा के संरक्षण हेतु कटिबद्ध है अतः भारत सरकार ने नई शिक्षा नीति 2020 में संस्कृत व संस्कृत में निबद्ध भारतीय ज्ञान के प्रचार-प्रसार हेतु विशेष महत्व दिया है। संस्कृतभारती एक सामाजिक संगठन है जो न केवल भारत में अपितु विश्व के 28 देशों में संस्कृत के संरक्षण व प्रचार प्रसार हेतु कार्य कर रहा है। संस्कृतभारती के द्वारा विदेशों एवं भारत के विभिन्न राज्यों में संस्कृत सम्भाषण के प्रशिक्षण हेतु शिविरों का आयोजन किया जाता है। जिनमें भाग लेने वाले शिक्षार्थी दस दिन में ही संस्कृत बोलने व लिखने में समर्थ होने लगते हैं।
संस्कृतभारती हरियाणा के प्रान्त प्रशिक्षण प्रमुख ज्योतिषाचार्य डॉ. नवीन शर्मा ने जानकारी दी कि इस बार अम्बाला के नारायणगढ़ और झज्जर के बेरी नामक स्थान में सप्त दिवसीय दो आवासीय संस्कृत प्रबोधन वर्गों का आयोजन किया जा रहा है। अम्बाला नारायणगढ़ के श्रीमद्भगवद्गीता वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में यह संस्कृत प्रबोधन शिविर 13 जून से 21 जून तक आयोजित होगा। नारायणगढ़ में आयोजित होने वाले इस शिविर में अम्बाला, कुरुक्षेत्र, पंचकूला करनाल, पानीपत, कैथल व हिसार के विद्यालयों, महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों से छात्र-छात्राएं भाग लेंगे। इस वर्ग में उत्तर क्षेत्र गीता शिक्षण प्रमुख डॉ. जोगेन्द्र सिंह का मार्गदर्शन रहेगा। वर्ग की व्यवस्था साहित्य प्रमुख पुष्पेन्द्र आत्रेय, सहमन्त्री ईशम सिंह तथा भूपेन्द्र जी देख रहे हैं। दूसरा शिविर झज्जर में 21 जून से 29 जून तक लाला दयाराम तिगड़ानिया सरस्वती-शिशुमन्दिर बेरी झज्जर में आयोजित होगा। इसमें गुरुग्राम, सिरसा, फरीदाबाद, पटौदी आदि स्थानों से प्रतिभागी भाग लेंगें।
प्रान्ताध्यक्ष डॉ. सोमेश्वर दत्त ने बताया कि इन संस्कृत प्रशिक्षण शिविरों की विशेषता यह है कि ये शिविर ग्रीष्मकालीन अवकाशों में आयोजित किए जाते हैं ताकि विद्यार्थियों के अवकाशों का भी सदुपयोग हो। शिविर में प्रात: से लेकर शाम तक संस्कृतमय वातावरण रहता है। व्यावहारिक संस्कृत व्याकरण का ज्ञान भी दिया जाता है तथा इनमें भाग लेने वाला संस्कृत प्रेमी मात्र कुछ दिन के संस्कृत अभ्यास से ही संस्कृत में बोलने में समर्थ हो जाता है व उसके संस्कृत लेखन कौशल का विकास होता है। प्रतिभागी में संस्कृत के प्रति रुचि जागृत होती है जिसके कारण भारतीय ज्ञान परम्परा सम्बद्ध ज्ञान को आत्मसात करने हेतु शास्त्रों के पठन-पाठन में विशेष लाभ मिलता है। प्रान्तमन्त्री प्रमोद ने बताया कि अम्बाला के नारायणगढ़ शिविर में संस्कृत सेवक डॉ. गुरजीत, अजय, डॉ. अशोक, आशा, निशा इत्यादि प्रशिक्षकों की भूमिका में रहेंगे तथा झज्जर, बेरी वर्ग में प्रचार प्रमुख सतेन्द्र, प्रवेश कौशिक, सुरेन्द्र शास्त्री इत्यादि प्रशिक्षक के रूप में अपने दायित्व का निर्वाह करेंगे। गुरुग्राम विभाग से काशी व्यवस्था को देखेंगे। इन दोनों शिविरों में 150 से अधिक विद्यार्थियों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
हरियाणा से 60 प्रतिभागी दिल्ली के प्रशिक्षण शिविर में करेंगे प्रतिभाग
संस्कृतभारती द्वारा राजधानी दिल्ली में 07 जून से क्षेत्रीय संस्कृत प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जा रहा है। संस्कृतभारती हरियाणा के प्रशिक्षण प्रमुख डॉ. नवीन शर्मा ने बताया कि जो संस्कृत प्रेमी पहले संस्कृत प्रबोधन वर्ग कर चुके हैं और संस्कृत में बोलने, समझने व लिखने की योग्यता आ चुकी है उनके लिए 07 जून से 18 जून तक दिल्ली में आयोजित होने वाले प्रशिक्षण वर्ग में भाग ले सकते हैं। इस प्रशिक्षण वर्ग में संस्कृत को संस्कृत के माध्यम से पढ़ाने हेतु प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। डा. जोगेन्द्र ने जानकारी दी कि दिल्ली के इस प्रशिक्षण वर्ग में जम्मू, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली व हिमाचल प्रदेश से 200 से अधिक प्रतिभागी भाग लेंगे।
हरियाणा के अलग-अलग जिलों से 60 प्रतिभागी हिस्सा लेकर प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे और हरियाणा में देवभाषा संस्कृत का प्रचार-प्रसार करेंगे। इसमें हिसार से डा. शैलेन्द्र, डॉ. राकेश,बलजिंद्र, नवीन कौशल व कैथल से जय भगवान, प्रवीण, आनन्द, मंजू आदि भाग लेंगे। कैथल से 14 प्रतिभागी भाग ग्रहण करेंगे।
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