EVM पर विपक्षी दलों को SC से लगा झटका, VVPAT पर्ची मिलान की अर्जी खारिज

sc-rejects-appeal-against-opposition-parties-for-evms-vvpat-slip
अभिनय आकाश । May 7 2019 11:47AM

21 विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इन दलों की मांग थी कि 50 फीसदी वीवीपैट पर्चियों की ईवीएम से मिलान का आदेश चुनाव आयोग को दिया जाए।

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 के पांच चरण समाप्त हो चुके हैं और देश की 425 सीटों पर मतदान के बाद सभी उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई है। लेकिन ईवीएम से जुड़े मुद्दे को लेकर देश की सबसे बड़ी अदालत में विपक्षी दलों के नेताओं के द्वारा डाली गई याचिका पर सुनवाई हुई। विपक्ष के द्वारा वीवीपैट की पर्चियों के मिलान को लेकर दाखिल की गई पुनर्विचार याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। याचिका को खारिज करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि अदालत इस मामले को बार-बार क्यों सुने। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि वह इस मामले में दखलअंदाजी नहीं करना चाहते हैं। याचिका खारिज होने के बाद विपक्षी दलों ने कहा कि कम से कम 25% वीवीपैट पर्टी का ईवीएम से मिलान होता तो ठीक रहता लेकिन हम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं। 

इसे भी पढ़ें: ईवीएम स्ट्रॉन्गरूम में छेड़छाड़ पर लगाम लगाने के लिये जैमर लगाए जाएं: चव्हाण

बता दें कि 21 विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इन दलों की मांग थी कि 50 फीसदी वीवीपैट पर्चियों की ईवीएम से मिलान का आदेश चुनाव आयोग को दिया जाए। गौरतलब है कि चुनाव आयोग के निर्देश के मुताबिक अब तक प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में सिर्फ एक ईवीएम की वीवीपैट पर्चियों की जांच होती थी लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इसे बढ़ाकर 5 कर दिया। हालांकि विपक्षी दल इस आदेश से संतुष्ट नहीं हुए क्योंकि वे हरेक निर्वाचन क्षेत्र में 50 फीसदी या 125 पोलिंग बूथ पर वीवीपैट पर्चियों की जांच की मांग कर रहे थे। विपक्षी दलों का यह भी मानना है कि 5 ईवीएम और वीवीपैट पर्चियों की जांच का दायरा मात्र 2 प्रतिशत ही पहुंच रहा है, जबकि मांग 50 प्रतिशत की है। 

इसे भी पढ़ें: EVM में गड़बड़ी के गलत दावे पर दंड के प्रावधान का चुनाव आयोग ने किया बचाव

किन-किन दलों ने डाली थी याचिका

सुप्रीम कोर्ट में याचिका आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू (टीडीपी), शरद पवार (एनसीपी), फारूक अब्दुल्ला (एनसी), शरद यादव (एलजेडी), अरविंद केजरीवाल (आम आदमी पार्टी), अखिलेश यादव (सपा), डेरेक ओ'ब्रायन (टीएमसी) और एम. के. स्टालिन (डीएमके) की ओर से दायर की गई है. याचिका में उन्होंने अदालत से आग्रह किया है कि ईवीएम के 50 फीसदी नतीजों का आम चुनावों के परिणाम की घोषणा किए जाने से पहले वीवीपैट के साथ मिलान किया जाना चाहिए या दोबारा जांच की जानी चाहिए।

इसे भी पढ़ें: हार सुनिश्चित देखकर विपक्षी पार्टियों ने EVM पर फोड़ा ठीकरा: नरेंद्र मोदी

क्या है वीवीपैट ?

वोटर जब ईवीएम के जरिए वोट करता है तो वीवीपैट यानी 'वोटर वैरिफायबल पेपर ऑडिट ट्रेल' पर उस उम्मीदवार का नाम और पार्टी का चुनाव चिन्ह एक पर्ची पर प्रिंट हो जाता है। ये पर्ची 7 सेकंड तक वोटर को वीवीपैट पर दिखाई देती है। इसके बाद मशीन में ही सुरक्षित जमा हो जाती है।

 

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़