SC ने मुजफ्फरपुर कांड में मीडिया रिपोर्टिंग पर लगे प्रतिबंध को हटाया

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[email protected] । Sep 20 2018 4:13PM

इस आश्रय गृह में लड़कियों के कथित बलात्कार और यौन शोषण की घटनायें टाटा इंस्टीट्यूट आफ सोशल साइसेंस (टिस(के आडिट में सामने आयी।

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने गुरूवार को कहा कि मुजफ्फरपुर आश्रय गृह यौन शोषण कांड में मीडिया रिपोर्टिंग पर पूरी तरह प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता। इस कांड में आश्रय गृह की अनेक लड़कियों का कथित रूप से बलात्कार और यौन शोषण हुआ था। न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने इस टिप्पणी के साथ ही इस मामले की जांच के बारे में मीडिया रिपोर्टिंग पर पटना उच्च न्यायालय द्वारा 23 अगस्त को लगाई गयी रोक हटा दी। 

हालांकि, शीर्ष अदालत ने प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया से कहा कि वे यौन शोषण और यौन हिंसा की घटनाओं को सनसनीखेज नहीं बनायें। इस आश्रय गृह में लड़कियों के कथित बलात्कार और यौन शोषण की घटनायें टाटा इंस्टीट्यूट आफ सोशल साइसेंस (टिस(के आडिट में सामने आयी। टिस में राज्य के समाज कल्याण विभाग को सौंपी अपनी रिपोर्ट में इन घटनाओं का जिक्र किया था।

राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित गैर सरकारी संगठन के आश्रय गृह में आश्रय गृह में लड़कियों के बलात्कार और उनके यौन शोषण की घटनाओं की अब सीबीआई जांच कर रही है।

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