SC के फैसले पर केजरीवाल ने उठाए सवाल, कहा- संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ है

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार आप सरकार के कामकाज में बाधा उत्पन्न कर रही है।
नयी दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सेवाओं के नियंत्रण से संबंधित विवादास्पद मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय का खंडित फैसला ‘संविधान और लोकतंत्र’ के खिलाफ होने का दावा करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बृहस्पतिवार को कहा कि आप सरकार इसका कानूनी उपाय तलाश करेगी। शीर्ष न्यायालय के फैसले के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार आप सरकार के कामकाज में बाधा उत्पन्न कर रही है।
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केजरीवाल ने कहा कि फैसला संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ है। हमलोग इसका कानूनी उपाय तलाश करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि यह दिल्ली की जनता के साथ अन्याय है। न्यायमूर्ति ए. के. सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की दो सदस्यीय पीठ हालांकि भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी), जांच आयोग गठित करने, बिजली बोर्डों पर नियंत्रण, भूमि राजस्व मामलों और सरकारी वकीलों की नियुक्ति से संबंधित विवादों पर उनके विचारों से सहमत दिखी। शीर्ष अदालत ने केंद्र की अधिसूचना का भी समर्थन किया कि उसके कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार के मामलों में दिल्ली सरकार की एसीबी जांच नहीं कर सकती है। खंडित फैसले के बाद मामला बड़ी पीठ को भेज दिया गया।
The verdict says ACB doesn't come under the Delhi Govt. For the past 40 years the ACB was under Delhi Govt.
— AAP (@AamAadmiParty) February 14, 2019
How do we curb the corruption now ? :@ArvindKejriwal #DelhiGovtVsCentre pic.twitter.com/5M2FHvq0id
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