शाम सेवा फाउंडेशन के अध्यक्ष Maganbhai Patel द्वारा अहमदाबाद के स्लम इलाके एवं सरकारी स्कुल के छात्रों को स्कूलबैग एव स्टेशनरी किट वितरित किए गए

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शाम सेवा फाउंडेशन के अध्यक्ष मगनभाई पटेल द्वारा इस केंद्र के गरीब,विकर वर्ग, दैनिक मजदूरी करनेवाले श्रमिक वर्ग के बच्चो को स्कुलबेग-स्टेशनरी किट वितरित की गई और उन्होंने सभी प्रकार की वित्तीय सहायता भी प्रदान की। उन्होंने शिक्षा से जुड़ी तमाम चीजों को देने का भी ऐलान किया।

शाम सेवा फाउंडेशन के अध्यक्ष मगनभाई पटेल ने होली त्योहार के अवसर पर अहमदाबाद के फतेहवाड़ी, सरखेज के स्लम क्षेत्र के ५० से अधिक बच्चों को स्कूलबैग,पिचकारी,धानी और खजूर वितरित किए। यहां बताना आवश्यक है कि मगनभाई पटेल के वित्तीय सहयोग और मार्गदर्शन से मधुभाई शुक्ला,एम.ए.एमईडी, उम्र ९२ और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती हंसाबेन शुक्ला,उम्र ८२ "मधुरम शिक्षा संस्कार संस्कार केंद्र" के नाम से कई वर्षों से गरीब एव स्लम इलाके के स्कूली छात्रों को निःशुल्क शिक्षण प्रदान कर रहे हैं। यह दंपति स्लम एरिया के करीब २००० की आबादीवाले इलाके के लगभग ५०० से अधिक परिवारों के ५० से अधिक बच्चों को हररोज़ शाम तीन घंटे अपने घर में मुफ्त शिक्षा दे रहे हैं।

हाल ही में शाम सेवा फाउंडेशन के अध्यक्ष मगनभाई पटेल द्वारा इस केंद्र के लगभग ५० गरीब,विकर वर्ग, दैनिक मजदूरी करनेवाले श्रमिक वर्ग के बच्चो को स्कुलबेग-स्टेशनरी किट वितरित की गई और उन्होंने सभी प्रकार की वित्तीय सहायता भी प्रदान की। उन्होंने शिक्षा से जुड़ी तमाम चीजों को देने का भी ऐलान किया।इस अवसर पर मगनभाई पटेलने कहा कि शिक्षा से संबंधित सभी प्रकार की सरकारी सहायता भी आप तक पहुंचाने का प्रयास किया जायेगा।


मगनभाई पटेलने अपने संबोधन में कहा कि आज हमारे देश में गरीब,श्रमिक एव विकर सेक्शन के बच्चों का शारीरिक स्वास्थ्य अन्य देशों के बच्चों की तुलना में बहुत अच्छा है। मगनभाई पटेल ने ऐसे हँसते-खेलते बच्चों को देखा और कहा कि इन बच्चों की माताएँ जन्म से लेकर चार-पाँच महीने तक अपना दूध ही पिलाती हैं, इसलिए ये शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ हैं। वे अपने आहार में कोई प्रोटीन पाउडर या अन्य पोषक तत्व नहीं लेते हैं फिरभी वे शारीरिक रूप से बहुत स्वस्थ होते हैं।जबकि विकसित समाज की माताएं अपने बच्चे को अपना दूध पिलाए तो उन्हें अपना फिगर बिगड़ जाने का डर लगा रहता है, इसलिए वे शुरू से ही पाउडरवाला बाजारू दूध पिलाती हैं जो वर्तमान समय की वास्तविकता है। यदि समाज ऐसे बच्चों की शिक्षा में मदद करता है तो वे निश्चित ही अच्छे नागरिक बन सकते हैं।

एक सर्वेक्षण के अनुसार आज हमारे देश के मुंबई, दिल्ली, कलकत्ता जैसे शहरों में गरीब परिवारों के लगभग लाखों बच्चे पारिवारिक कलह के कारण शिक्षा से वंचित रहते हैं। आज एक अनुमान तह करीब १८ मिलियन बच्चे भारत की सड़कों पर काम करते हैं। इनमें से कुछ बच्चे अपने परिवारों से अलग हो गए हैं,उनकी सुरक्षा और देखभाल की कमी है। वे भारतीय आबादी का एक उपसमूह हैं जो विशेष ध्यान देने योग्य है। देश में होटल,रेस्तरां, कैंटीन या चाय की दुकानों जैसी जगहों पर लगभग लाखो बच्चे अवैध रूप से काम कर रहे हैं जहां अक्सर उनका शोषण किया जाता है, परिणामस्वरूप घर की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण वे शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। मगनभाई पटेलने अपने भाषण में आगे कहा कि आज देश के बड़े शहरों जैसे दिल्ली, बेंगलुरु, मुंबई, हैदराबाद, कलकत्ता में यदि आप शहरी क्षेत्र को छोड़कर ३० किलोमीटर दूर अंदरूनी ग्रामीण क्षेत्र में जाएंगे तो आपको ऐसे असंख्य परिवार मिलेंगे जिनमें उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति खराब होने के कारण उनके बच्चे आज भी शिक्षा से वंचित हैं एव सरकारी स्कूलों में शिक्षा के लिए उपयुक्त साधन नहीं है। शिक्षा से बच्चे में संस्कार का सिंचन होता है जो उसके चरित्र का निर्माण करता है। आज जब पूरे देश में यह स्थिति है, तो सामाजिक और राजनीतिक लोग इस स्थिति को बदलने के लिए आगे आएं, तो आज रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य की समस्या निश्चित रूप से हल हो सकती है देश का वर्टिकल डेवलोपमेन्ट हो रहा है तब हॉरिजॉन्टल डेवलपमेंट करना जरुरी है, जिसके लिए हम सभी को एकसाथ मिलकर काम करना होगा, हम आलोचना और टिप्पणियों के माध्यम से नेता बन सकते हैं लेकिन हमें आत्मसंतोष नहीं मिलेगा।


मगनभाई पटेलने आगे कहा कि भारत सत्य,अहिंसा और जीवमात्र पर दया रखनेवाला देश है। भारतीय संस्कृति विश्व की सर्वश्रेष्ठ संस्कृति है। आज विश्व के लोग इससे प्रेरित हो रहे हैं। देश के धार्मिक स्थल एक व्यवस्था है जो हमें कर्म का सिद्धांत एव महत्त्व सिखाती है और हर धर्मग्रंथ में कर्म के महत्व को भी समझाया गया है।सेवा के कार्य करने से ही उपलब्धियां प्राप्त हो सकती है। यदि हम सब मिलकर इस सर्वोत्तम संस्कृति का जतन करेंगे तो निश्चित रूप से हमारे माननीय प्रधानमंत्रीजी के विकसित भारत के सपने को साकार कर सकेंगे।

मगनभाई पटेल शाला प्रवेशोत्स्व के दौरान गुजरात राज्य के ग्रामीण एव आंतरिक क्षेत्रों के ५० से अधिक स्कूलों में हर साल २००० से ३००० स्कूल बेग एव स्टेशनरी किट वितरित करते हैं।मगनभाई पटेल ने बच्चों से उनकी भाषा में कहा कि मन लगाकर पढ़ाई करो, व्यसन मत करो, यदि आपके माता-पिता कोई व्यसन कर रहे हैं तो हमें बताएं, हम आपके घर आकर आपके माता-पिता को नशे से होने वाले नुकसान के बारे में बताएंगे और उन्हें सलाह देंगे साथ ही साथ मगनभाई पटेल ने इस केंद्र में पढ़ने वाले सभी बच्चों को अपने घर में एक बचत गल्ला रखने का सुझाव दिया और यह व्यवस्था मधुभाई शुक्लने करके दी। संस्था के दौरे के दौरान मगनभाई पटेलने बच्चो के ५० गल्ला के लिए रु.२५०० का अनुदान दिया और प्रति माह रु.२५०० देने का एलान किया तो सभी बच्चे ख़ुशी से ज़ूम उठे थे। उन्होंने अन्य दाताओ को भी इस सेवाकार्य में जोड़ने की बात की। मगनभाईने बच्चो को भाररूप से कहा की इस बचत राशि का उपयोग पढ़ाई के लिए ही किया जाना चाहिए। यहां विशेष रूप से बताना आवश्यक है कि इस क्षेत्र में लगभग १२०० वर्ग मीटर का एक प्लॉट नरीमन कामाने गर्ग शुक्ला को बहुत मामूली कीमत पर दिया था जिस पर मगनभाई पटेलने के.जी से लेकर कक्षा ८ तक की एक स्कुल निर्माण की इच्छा जताई जिसमे श्रमिक एव स्लम इलाके के ५०० बच्चे सुबह और ५००  बच्चे शाम को पढ़ाई कर सकें और इसके लिए उन्होंने हर संभव प्रयास करने की बात कही।

मगनभाई पटेलने होली के अगले तीन दिन इस केंद्र में उपस्थित रहकर इस इलाके के एक सर्वे करवाया और प्राप्त जानकारी के अनुसार इस क्षेत्र के लोगों के लिए रोजगारोन्मुखी कार्य करने का भी सुझाव दिया गया। जिसमें उन्होंने इस क्षेत्र की बहनों के लिए सिलाई मशीनें, कुटीर उद्योगों से संबंधित कच्चे माल की खरीद के लिए आवश्यक वित्तीय सहायता और तैयार माल की बिक्री के लिए विपणन केंद्र जैसी व्यवस्था करने की बात कही ताकि इस क्षेत्र की बहनें रोजगार के योग्य बन सकें। इस क्षेत्र की सुनीता गोस्वामी नाम की एक महिलाने मगनभाई को बताया कि "मैं यू.पी.के मुख्यमंत्री माननीय योगी आदित्यनाथजी की जाति से हूं,मेरे पति ने मुझे छोड़ दिया है और मैं अपने तीन बच्चो के साथ कई वर्षों से किराये के घर में  रह रही हूं और सिलाईकाम कर के अपने परिवार का पालन-पोषन करती हूँ। मेरे पास पुरानी सिलाई मशीन है,अगर मुझे नई आधुनिक सिलाई मशीन मिल जाए तो मेरी आय बढ़ सकती है।”मगनभाई पटेलने उनकी पीड़ा सुनकर उन्हें एक नई आधुनिक सिलाई मशीन लाकर देने की बात कहकर उन्हें प्रोत्साहित किया और ऐसी १० नई सिलाई मशीन देने का वादा किया और जरूरतमंद महिलाओ की एक लिस्ट बनाकर उन्हें भी सिलाई मशीन मिल सके और वे भी रोजगारोन्मुख कार्य कर सके इसके लिए मधुभाई शुक्ल को जिम्मेदारी सौंपी गई।


यहाँ बताना आवश्यक है की इस केंद्र के बच्चो को मुफ्त शिक्षा प्रदान करनेवाले ९२ वर्षीय मधुभाई शुक्ल अनेक सेवाकार्य मगनभाई पटेल के साथ रहकर उनके मार्गदर्शन के तहत कई सालो से कर रहे है,उन्होंने मगनभाई पटेल के साथ अहमदाबाद के वटवा नागरिक समिति में मंत्री पद पर एव लायन्स क्लब जैसी अनेक सामाजिक संस्थाओ में करीब ३० सालो से सेवाकार्य किये है और आज भी इस उम्र में कर रहे है। उनके साथ उनकी धर्मपत्नी श्रीमती हंसाबेन शुक्ला (उम्र ८२) हैं जिन्होंने ३.५ साल का नर्सिंग का कोर्स किया है और सिविल अस्पताल,हिम्मतनगर और अन्य सिविल अस्पतालों में सेवा की है और अब आसपास के क्षेत्र में स्त्री रोग, प्रसूति और अन्य छोटी बीमारियों में महिलाओ की मदद कर रही हैं।

मगनभाई पटेल जैसे दानदाताओं के आर्थिक सहयोग से इस ऋषितुल्य दम्पति ने अनगिनत बच्चों को स्वस्थ्य एवं सुयोग्य नागरिक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसे राष्ट्रपति पुरस्कार से भी बड़ा सार्वजनिक पुरस्कार कहा जा सकता है। देश में आज हजारों ऐसे ऋषितुल्य व्यक्ति है जो ऐसे अनेक नेक काम करते है बाकि अंधविश्वासों के सहारे देश की दुर्दशा में कोई बदलाव नहीं होगा। यह कोई सरकार की टिका या टिप्पणी नहीं है सिर्फ और सिर्फ हमें जागृत होने की जरूरत है।समय की मांग है की हम सब साथ मिलकर इस परिस्थित में सुधार लाने का प्रयत्न करेंगे तब ही विकसित भारत का स्वप्न सिध्ध हो सकेगा। तस्वीर में दिखाई गई यह परिस्थिति सिर्फ जन जागृति के लिए है। देश के एक जागरूक एवं जिम्मेदार नागरिक होने के नाते यदि हम सन्माननीय प्रधानमंत्रीजी की विचारधारा को अपनाकर ऐसे शिक्षा से वंचित बच्चों की मदद करें करेंगे तो हम निश्चित ही आनेवाले वर्षों में विकसित भारत के सपने को अवश्य साकार कर सकेंगे।

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