शहीद हवलदार बलजीत सिंह की पत्नी को मरणोपरांत सेना मेडल से किया गया सम्मानित
35 साल के शहीद हवलदार बलजीत सिंह करनाल के गांव डिंगर माजरा के रहने वाले थे। साल 2019 में शहीद हवलदार बलजीत सिंह को मरणोपरांत सेना मेडल से सम्मानित किया गया। बता दें कि वीरता का यह सम्मान शहीद हवलदार बलजीत सिंह की पत्नी अरुण रानी को बुधवार को परेड के दौरान दिया गया।
आपने वीर नारियों को तो देखा होगा जो अपने वीर पति की ओर से सम्मान प्राप्त करने के लिए कदम बढ़ाते हैं जिन्होंने कर्तव्य की पंक्ति में सर्वोच्च बलिदान देने का विकल्प चुना। क्या आपने कभी दो मौकों पर मरणोपरांत सम्मान पाने वाली वीर नारी देखी है। अगर नहीं तो, आज हम आपको बताएंगे ऐसी ही गर्व के क्षण के बारे में। हवलदार बलजीत को अक्टूबर 2018 में आतंकवादियों के खिलाफ अपनी शानदार भूमिका के लिए सेना पदक (वीरता) से सम्मानित किया गया, और फिर फरवरी 2019 में एक सेशन के लिए, जिसमें उन्होंने सर्वोच्च बलिदान दिया। वीर नारी को इससे पहले अक्टूबर 2018 सेशन के लिए एसएम (जी) से सम्मानित किया गया था और आज शहीद हवलदार बलजीत सिंह की पत्नी ने फरवरी 2019 में अपने पति के सर्वोच्च बलिदान के लिए सम्मान प्राप्त किया।
हवलदार बलजीत सिंह
35 साल के शहीद हवलदार बलजीत सिंह करनाल के गांव डिंगर माजरा के रहने वाले थे। साल 2019 में शहीद हवलदार बलजीत सिंह को मरणोपरांत सेना मेडल से सम्मानित किया गया। बता दें कि वीरता का यह सम्मान शहीद हवलदार बलजीत सिंह की पत्नी अरुण रानी को बुधवार को परेड के दौरान दिया गया। 12 फरवरी 2019 को शहीद बलजीत सिंह ने जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले के काकापोरा में डटकर आतंकवादियों को पटकनी दी और साथ में अपने साथियों की जान भी बचाई। इस मुठभेड़ में शहीद बलजीत सिंह 50 राष्ट्रीय राइफल में हवलदार के पद पर तैनात थे और इसमें कई आतंकवादियों की मौत भी हुई थी।
अन्य न्यूज़