Shahjahan Sheikh को छोटा दाऊद कह कर पुकारा जाता है, पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए उसे केंद्रीय एजेंसियों को सौंपा जाना चाहिए

Shahjahan Sheikh
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जहां तक शाहजहां शेख की गिरफ्तारी की बात है तो आपको बता दें कि पुलिस ने बताया है कि शाहजहां शेख को उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली से लगभग 30 किलोमीटर दूर मिनाखान में एक घर से गिरफ्तार किया गया।

पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं के यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने के आरोपी तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां शेख को 55 दिन बाद आज सुबह गिरफ्तार कर लिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बंगाल दौरे से पहले हुई शाहजहां शेख की गिरफ्तारी दर्शा रही है कि तृणमूल कांग्रेस बैकफुट पर है। भाजपा ने जिस तरह संदेशखाली में हिंदू महिलाओं पर हुए अत्याचार को बड़ा मुद्दा बनाया है उसको देखते हुए प्रधानमंत्री की ओर से भी इस मुद्दे पर ममता बनर्जी सरकार को घेरे जाने की संभावना है। इसलिए तृणमूल कांग्रेस सरकार इस समय तेजी से कार्रवाई करती दिख रही है लेकिन फिर भी एक गंभीर सवाल बना हुआ है कि क्या यह कार्रवाइयां पीड़ितों को न्याय दिला पाएंगी?

जहां तक शाहजहां शेख की गिरफ्तारी की बात है तो आपको बता दें कि पुलिस ने बताया है कि शाहजहां शेख को उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली से लगभग 30 किलोमीटर दूर मिनाखान में एक घर से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने बताया कि शाहजहां शेख कुछ साथियों के साथ उस घर में छिपा था। गिरफ्तार करने के बाद उसे बशीरहाट अदालत ले जाया गया। उत्तर 24 परगना जिले की अदालत ने शाहजहां शेख को 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। राज्य पुलिस ने शाहजहां शेख को 14 दिन की हिरासत में भेजे जाने का अनुरोध किया था लेकिन अदालत ने 10 दिन की पुलिस हिरासत की मंजूरी दी। TMC नेता शाहजहां शेख के वकील राजा भौमिक ने कहा, "14 दिन की पुलिस हिरासत मांगी गई थी, मगर उसे 10 दिन की हिरासत में भेजा गया है। 10 मार्च को उसे दोबारा कोर्ट में पेश किया जाएगा।" 

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इस बीच, राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने संदेशखाली जाने के दौरान मीडिया से बातचीत में कहा कि शाहजहां शेख की गिरफ्तारी लोकतंत्र की जीत है मगर मामले की जांच पुलिस को नहीं बल्कि एनआईए को करनी चाहिए। शुभेंदु अधिकारी ने कहा, "यह गिरफ्तारी नहीं है... यह ममता सरकार द्वारा की गई आश्वासनपूर्ण गिरफ्तारी है कि आपको जेल में कुछ नहीं होगा, पूरी 5 स्टार सुविधा मिलेगी, मोबाइल फोन इस्तेमाल करने की अनुमति है।'' उन्होंने कहा कि जब तक यह छोटा दाऊद केंद्रीय एजेंसियों के पास नहीं जाता, तब तक न्याय मिलने वाला नहीं है।"

उधर, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने शाहजहां शेख की गिरफ्तारी का स्वागत किया और कहा कि बंगाल के कई इलाकों में राज कर रहे अपराधियों को सलाखों के पीछे डालने का वक्त आ गया है। राज्यपाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ''यह एक अंत की शुरुआत है। हमें बंगाल में हिंसा के चक्र को समाप्त करना होगा। बंगाल के कुछ हिस्सों में गुंडे राज कर रहे हैं। यह समाप्त होना चाहिए और गैंगस्टर को सलाखों के पीछे डाला जाना चाहिए।’’ 

हम आपको बता दें कि शाहजहां शेख की गिरफ्तारी ऐसे समय हुई है जब कलकत्ता उच्च न्यायालय ने एक दिन पहले यानि बुधवार को कहा था कि सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) या पश्चिम बंगाल पुलिस शेख को गिरफ्तार कर सकती है। इसके 24 घंटे के भीतर ही शाहजहां शेख को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि शाहजहां शेख का पता उसके मोबाइल फोन की ‘‘लोकेशन’’ से चला। उन्होंने कहा, ''शाहजहां शेख समय-समय पर अपना स्थान बदल रहा था। उसके मोबाइल फोन के टावर की ‘लोकेशन’ से उसका पता लगाया गया।’’ 

दूसरी ओर, शाहजहां शेख की गिरफ्तारी की बात सुन कर संदेशखाली में पीड़ित लोगों ने खुशी जाहिर की है। इस बीच, पुलिस ने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कोलकाता से लगभग 65 किलोमीटर दूर बशीरहाट अदालत में भारी बल तैनात किया गया है। हालात को नियंत्रित करने के लिए संदेशखाली के कुछ हिस्सों में अतिरिक्त बल भी तैनात किया गया है। पुलिस ने बताया है कि पिछले कुछ हफ्तों में शाहजहां शेख के खिलाफ 100 से अधिक शिकायतें दर्ज की गईं। शाहजहां शेख के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376डी (सामूहिक दुष्कर्म) और 307 (हत्या का प्रयास) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इससे पहले शाहजहां शेख के करीबी सहयोगी शिवप्रसाद हाजरा और उत्तम सरदार को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसके अलावा, उसके एक अन्य सहयोगी अजीत मैती को भी जमीन हड़पने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने बताया है कि ज्यादातर शिकायतकर्ताओं ने दावा किया है कि शाहजहां शेख ने लोगों की जमीन पर कब्जा कर लिया और इलाके की महिलाओं पर अत्याचार किया। हम आपको यह भी बता दें कि पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में पांच जनवरी को लगभग एक हजार लोगों की भीड़ ने ईडी के अधिकारियों पर उस वक्त हमला कर दिया था जब वे राज्य में कथित राशन वितरण घोटाले की जांच के सिलसिले में शेख के परिसर पर छापेमारी के लिए गये थे।

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