Kawad Yatra 2025 | शाहजहांपुर में इस बार पुलिस की सुरक्षा में चलेंगे कांवड़ यात्री, ड्रोन कैमरों से भी होगी निगरानी

 Kawad Yatra 2025
ANI
रेनू तिवारी । Jun 24 2025 1:53PM

कांवड़ यात्रा, 2025 भगवान शिव के भक्तों की वार्षिक तीर्थ यात्रा है, जो गोमुख या गंगोत्री से शुरू होती है, जहाँ से भक्त छोटे बर्तनों में गंगा का पवित्र जल भरकर नीलकंठ ले जाते हैं। वहाँ इसे भगवान शिव को अर्पित किया जाता है।

कांवड़ यात्रा, 2025 भगवान शिव के भक्तों की वार्षिक तीर्थ यात्रा है, जो गोमुख या गंगोत्री से शुरू होती है, जहाँ से भक्त छोटे बर्तनों में गंगा का पवित्र जल भरकर नीलकंठ ले जाते हैं। वहाँ इसे भगवान शिव को अर्पित किया जाता है। यह यात्रा श्रावण (सावन) के महीने में होती है, जो हिंदू कैलेंडर के अनुसार जुलाई-अगस्त में पड़ता है। यह पवित्र यात्रा पहले संतों और पवित्र संतों द्वारा की जाती थी, जिसमें बाद में बुजुर्ग लोग भी शामिल हो गए, जो हर साल तीर्थयात्री हुआ करते थे, लेकिन अब दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश से सैकड़ों और हज़ारों लोग, युवा से लेकर बूढ़े, जिनमें महिलाएँ और कभी-कभी बच्चे भी शामिल होते हैं, यात्रा और कांवड़ मेले में भाग लेने लगे हैं। अपने रास्ते में, कांवरिए एक साथ 'बोल बम, बम बम', 'बम बम भोले या हर हर महादेव' का जाप करते हैं। ऐसे में इनकी सुरक्षा एक बड़ी जिम्मेदारी होती है। अब अगले महीने शुरू होने जा रहे श्रावण मास के दौरान शाहजहांपुर जिले से होकर गुजरने वाले कांवड़ यात्री इस बार पुलिस की सुरक्षा में अपने गंतव्य की ओर रवाना होंगे।

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जिले में पूरे कांवड़ यात्रा मार्ग पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाये जा रहे हैं और निगरानी के लिये ड्रोन कैमरों का भी इस्तेमाल किया जाएगा। कांवड़ यात्री पड़ोस के जिले फर्रुखाबाद के पांचाल घाट से गंगा जल लेकर लगभग 160 किलोमीटर का रास्ता तय करके लखीमपुर खीरी जिले के गोला गोकर्णनाथ स्थित शिव मंदिर पर जलाभिषेक करते हैं। इस दौरान कांवड़िये शाहजहांपुर जिले के अंदर 100 किलोमीटर के रास्ते से होकर गुजरते हैं।

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इस बार पुलिस प्रशासन ने कांवड़ियों को सुरक्षा देने के खास बंदोबस्त किये हैं। पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने मंगलवार को पीटीआई— को बताया कि इस बार जिले के सम्पूर्ण कांवड़ यात्रा मार्ग पर श्रद्धालु पुलिसकर्मियों की सुरक्षा में रहेंगे। यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले हर थाने के बाहर एक शिविर लगाया जाएगा जिसमें पुलिस बल तैनात रहेगा। उन्होंने बताया कि शिविर के प्रभारी अपने थाने की सीमा तक पुलिस कर्मियों को कांवड़ियों के दल के साथ भेजेंगे। साथ ही वह अगले थाने को भी सूचित करेंगे ताकि अगला थाना अपने यहां शिविर में तैनात पुलिसकर्मियों को कांवड़ियों के साथ जाने के लिये पहले से ही तैयार कर ले। इसके अलावा पुलिस प्रतिक्रिया वाहन (पीआरवी) पर सवार पुलिस बल भी कांवड़ यात्रा मार्ग पर गश्त करेगा।

पुलिस अधीक्षक ने कहा कि पुलिस के अधिकारी रोस्टर के तहत आवंटित मार्ग पर पुलिस कर्मियों की ड्यूटी का निरीक्षण करने के साथ ही अपनी ऑनलाइन उपस्थिति भी दर्ज कराएंगे। उन्होंने बताया कि निगरानी के लिये सम्पूर्ण कांवड़ यात्रा मार्ग पर सीसीटीवी कैमरे लगवाये जा रहे हैं।

इन कैमरों की पहुंच उनके मोबाइल फोन के साथ—साथ मुख्यालय पर बने नियंत्रण कक्ष के पास भी होगी। यह पूछे जाने पर कि क्या किसी खुफिया सूचना के आधार पर इस बार कांवड़ यात्रा के लिये इतनी कड़ी व्यवस्था की जा रही है, द्विवेदी ने कहा, कोई खुफिया सूचना नहीं है। यह पुलिस बल की जिम्मेदारी है कि वह कांवड़ियों को सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचने में सहायता करे।’’ इस बार श्रावण मास 11 जुलाई से नौ अगस्त तक होगा।

PTI Information 

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